अनोखी शादी: 40 साल तक लिव-इन में रहे.... जब बच्चों की हो गई शादी तब खुद किया विवाह.... 65 की उम्र पार करने के बाद लिए सात फेरे.... नाती, पोते बने बाराती.... और फिर.....

अनोखी शादी: 40 साल तक लिव-इन में रहे.... जब बच्चों की हो गई शादी तब खुद किया विवाह.... 65 की उम्र पार करने के बाद लिए सात फेरे.... नाती, पोते बने बाराती.... और फिर.....

अमेठी। जिले के जामो ब्लाक में एक अनोखी शादी हुई। एक गांव में 65 साल के बुजुर्ग ने 60 साल की महिला के संग हिंदू रीति-रिवाज के साथ अपना ब्याह रचाया। अहम बात यह है कि ये दोनों पिछले 40 साल से साथ रह रहे थे। इस शादी में उनके बहू, बेटों और नाती-पोतियों ने भी हिस्सा लिया। खुटहना गांव में 65 वर्षीय मोतीलाल के घर पर खुद उनकी ही शादी की शहनाई बज रही थी। उन्होंने 60 साल की मोहिनी देवी के साथ हिंदू रीति-रिवाज से शादी रचाई। इससे पहले दोनों करीब 40 वर्षों से पति-पत्नी की तरह रह रहे थे लेकिन कानूनी तौर पर शादी नहीं की थी।

 

ग्रामीणों ने बताया कि बुजुर्ग दम्पत्ति बीते 40 वर्षों से बिना शादी के ही एक दूसरे के साथ पति पत्नी की तरह रह रहे थे। इस बीच उनके बच्चे भी हुए और पोता पोती भी हुए। बाद में समाज और हिन्दू रीति रिवाज को देखते हुए मोतीलाल ने शादी करने का फैसला किया। जिसमें उनके परिवार ने भी सहमति जताते हुए विधिवत शादी समारोह का आयोजन किया।

 

पूरे हिन्दू रीति रिवाज के साथ अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। दोनों ने एक दूसरे को जयमाल पहनाया। घर को झालरों से सजाया गया था। गांव व परिवार की औरतों ने मंगल गीत गाए। इस शादी में घराती व बराती परिवार के लोग ही रहे। रिश्तेदारों के साथ ही ग्रामीणों ने शादी समारोह की शोभा बढ़ाया और पकवान खाए।

 

मोतीलाल की शादी की रस्में पूरी कराने वाले पंडित तेज राम पांडेय का कहना है कि इनकी शादी नहीं हुई थी। और हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार बिना विवाह पैदा होने वाली संतान का किया गया श्राद्ध व तर्पण पिता-माता को नहीं मिलता। इसीलिए इन्होंने इस उम्र में अपना ब्याह रचाया। मोतीलाल के बेटियां प्रिया और सीमा बेहद खुश हैं। मोतीलाल बताते हैं कि वो मोहिनी देवी को घर से भगाकर लेकर आए थे। हालांकि वह उससे शादी नहीं कर, लेकिन हमेशा साथ में रहे। दोनों के परिवारों न भी उन दोनों को अपना लिया।