CG- कर्मचारियों का महंगाई भत्ता BIG ब्रेकिंग: विधानसभा में उठा कर्मचारियों के महंगाई भत्ता का मुद्दा.... पूर्व मुख्यमंत्री ने पूछा सवाल.... जवाब में सदन में CM भूपेश ने कह दी ये बड़ी बात.... जानिए कर्मचारियों का महंगाई भत्ता कब बढ़ेगा?.....
7th pay commission Chhattisgarh employees dearness allowance Raman Singh asked percentage of DA seventh pay scale




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रायपुर।( 7th pay commission Chhattisgarh ) छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का आज दूसरा दिन है। छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के महंगाई भत्ता का मुद्दा आज विधानसभा में भी उठा। कर्मचारियों के महंगाई भत्ता का मुद्दा पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने उठाते हुए पूछा कि कब तक केंद्र के बराबर कर्मचारियों को डीए दिया जायेगा। (7th pay commission Chhattisgarh )जवाब में मुख्यमंत्री ने विस्तार से इसकी जानकारी दी। रमन सिंह ने पूछा कि प्रदेश में अभी कुल कितने शासकीय कर्मचारी हैं। वर्तमान में राज्य सरकार शासकीय कर्मचारियों व अधिकारियों को कितने प्रतिशत डीए दे रही है। (7th pay commission Chhattisgarh)
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलने वाले 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता से राज्य के कर्मचारियों का कितना अंतर है। राज्य सरकार की केंद्र के समान महंगाई भत्ता करने की क्या योजना है और कब तक है।( 7th pay commission Chhattisgarh) जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अभी कुल 3.82.404 शासकीय कर्मचारी और अधिकारी है। अभी राज्य के कर्मचारियों के कर्मचारियों को सांतवां वेतनमान के तहत 17 प्रतिशत और छठवां वेतनमान के अनुरूप 164 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। केंद्र की तुलना में छत्तीसगढ़ के के कर्मचारियों को 14 प्रतिशत कम महंगाई भत्ता मिल रहा है।
( 7th pay commission Chhattisgarh) मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के कर्मचारियों के हित में महंगाई भत्ता को बढ़ाये जाने का निर्णय शासन के संसाधनों के परिप्रेक्ष्य में लिया जाता है। भविष्य में महंगाई भत्ता को बढाये जाने का निर्णय इसी आधार पर लिया जायेगा। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज अनियमित कर्मचारी, संविदाकर्मी और दैनिक वेतनभोगियों के नियमितिकरण का मुद्दा उठा। सदन में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और भाजपा विधायक विद्यारतन भसीन के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। विद्यारतन भसीन ने सवाल पूछा कि अनियमित कर्मचारियों, संविदाकर्मियों व दैनिक वेतनभोगियों को नियमित करने की दिशा में सरकार ने क्या काम किये हैं।
इनको नियमित कब तक किया जायेगा। जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि अनियमित, संविदा और दैनिक वेतनभोगी के नियमितिकरण को लेकर जीएडी ने विधि विभाग से अभिमत मांगा है। विधि विभाग ने इस संबंध में महाधिवक्ता का अभिमत प्राप्त होने पर जानकारी देने की बात कही है। इस संबंध में वाणिज्य विभाग के प्रमुख सचिव एवं सार्वजनिक उपक्रम विभाग की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गयी है। 9 जनवरी 2020 को बैठक हुई है। बैठक में लिये गये फैसलों के मुताबिक विभागों के अधीनस्थ विभागाध्यक्ष कार्यालय, निगम, मंडल, संस्था में पूर्व से कार्यरत अनियमित दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी चाही गयी है।
हालांकि इनका नियमितिकरण कब तक किया जायेगा मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी समय सीमा बता पाना संभव नहीं है। मुख्यमत्री ने बताया कि इन नियमितिकरण की मांगों पर सरकार काफी गंभीर है, इसे घोषणापत्र में इसलिए शामिल भी किया है। जवाब में मुख्यमंत्री ने कर्नाटक सरकार वर्सेस उमा देवी प्रकरण के जजमेंट का जिक्र दिया। जिसके मुताबिक नियमितिकरण की कार्रवाई की सिर्फ एक बार सरकार कर सकती है। लिहाजा सरकार तथ्यों पर विचार कर कार्रवाई कर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी तक विधि का अभिमत नहीं आया है।
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