7th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों को तगड़ा झटका! खत्म होगी पेंशन-ग्रेच्युटी! जानिए क्या है पूरा अपडेट...
7th Pay Commission: Big blow to central employees! Pension-gratuity will end! Know what is the complete update... 7th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों को तगड़ा झटका! खत्म होगी पेंशन-ग्रेच्युटी! जानिए क्या है पूरा अपडेट...




7th Pay Commission :
नया भारत डेस्क : केंद्रीय कर्मचारियों को जोरदार झटका लगा है। सरकार ने ग्रेच्युटी और पेंशन से जुड़ा नियम बदल दिया है. अगर कर्मचारियों ने इसे अनदेखा किया तो ये उन्हें बहुत भारी पड़ सकता है. इसलिए जरूरी है कि नियम को ध्यान से पढ़ें और इसका पालन भी कर लें. हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जनवरी के महंगाई भत्ते का ऐलान हुआ है. इससे करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनर्स को फायदा मिला है. वहीं, कुछ वक्त पहले सरकार ने एक निर्देश जारी किया था, जिसमें कर्मचारियों को वर्कस्पेस में मिस्कंडट पाया गया तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी रोकी जा सकती है. (7th Pay Commission)
क्या है केंद्रीय कर्मचारियों के लिए निर्देश?
सरकार ने नवंबर 2022 में एक नोटिफिकेशन जारी किया था. इसमें सरकारी कर्मचारियों को चेतावनी दी गई थी. अगर कोई कर्मचारी नौकरी पर काम में लापरवाही करता है तो रिटायरमेंट के बाद उसकी पेंशन और ग्रेच्युटी रोकी जा सकती है. ये नियम सभी केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू है. (7th Pay Commission)
8 बदलाव के साथ जारी हुआ निर्देश-
सरकार ने सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल 2021 के तहत नोटिफिकेशन जारी किया. इसमें सरकार ने CCS (पेंशन) 2021 के नियमों में 8 बदलाव किए. नए प्रावधान जोड़े गए.
नोटिफिकेशन के मुताबिक, अगर कोई केंद्रीय कर्मचारी अपनी नौकरी के दौरान किसी गंभीर अपराध या लापरवाही में दोषी पाए जाएंगे तो रिटायरमेंट के बाद उनकी ग्रेच्युटी और पेंशन रोक दी जाएगी.
नए नियम की जानकारी सभी संबंधित प्राधिकरणों को भेजी गई है. दोषी कर्मचारियों की जानकारी मिलने पर उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश संबंधित डिपार्टमेंट्स को दिए गए हैं. (7th Pay Commission)
कौन करेगा कर्मचारियों पर कार्रवाई?
ऐसे प्रेसिडेंट जो रिटायर्ड कर्मचारी के अप्वाइंटिंग अथॉरिटी में शामिल रहे हैं, उन्हें ग्रेच्युटी या पेंशन रोकने का अधिकार है. ऐसे सचिव जो संबंधित मंत्रालय या विभाग से जुड़े हों जिसके तहत रिटायर होने वाले कर्मचारी की नियुक्ति की गई हो, उन्हें भी पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने का अधिकार है.
अगर कोई कर्मचारी ऑडिट और अकाउंट विभाग से रिटायर हुआ है तो CAG को दोषी कर्मचारियों के रिटायर होने के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने का अधिकार है.
बाद में भी वसूली जा सकती है पूरी राशि-
नियम के अनुसार, नौकरी के दौरान अगर कर्मचारियों के खिलाफ कोई विभागीय या न्यायिक कार्रवाई हुई है तो इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को देना जरूरी होगा.
अगर कोई कर्मचारी रिटायर होने के बाद फिर से संविदा पर नियुक्त हुआ है तो उस पर भी यही नियम लागू होंगे. कोई कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद पेंशन या ग्रेच्युटी ले चुका है, (7th Pay Commission)
उसके बाद अगर वो दोषी पाया जाता है तो पेंशन या ग्रेच्युटी की पूरी या आंशिक वसूली जा सकती है. नियमों के मुताबिक, ऐसे स्थिति में किसी भी अथॉरिटी को अंतिम आदेश देने से पहले यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) से सुझाव लेना होगा.
इसमें ये भी प्रावधान है कि किसी भी मामले में जहां पेंशन को रोका या निकाला जाता है, उसमें न्यूनतम राशि 9000 रुपए प्रति माह से कम नहीं होनी चाहिए. (7th Pay Commission)