छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, कबीरधाम और मुंगेली जिले के आंशिक भूभागों में हेलिकॉपटर वाहित भू-भौतिकीय सर्वेक्षण




परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय ने मीडिया एडवाजरी जारी कर कहा- हेलिकॉप्टर से नीचे लटकते हुए लूप से आम जन को भ्रमित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह उपकरण वैज्ञानिक दृष्टि से डिज़ाइन किया गया है
कवर्धा, 13 दिसंबर 2021। परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार के लिए मेसर्स जियोटेक लिमिटेड, कनाडा द्वारा छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, कबीरधाम एवं मुंगेली जिले के आंशिक भू-भागों में हेलिकॉप्टर बाहित भू-भौतिकीय सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य खनिज अन्वेषण के लिए अधोस्थलीय भू-वैज्ञानिक संरचनाओं के अध्ययन के लिए आंकड़ों को संग्रहीत करना है। इस सर्वेक्षण में विद्युत चुम्बकीय, चुम्बकीय एवं गामाकिरण स्पैक्ट्रोमीटर उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। इसमें एक उपकरण 26 मीटर व्यास लूप हेलिकॉप्टर से नीचे लटकता है तथा इस सर्वेक्षण में हेलिकॉप्टर भूतल से 60-80 मीटर की ऊँचाई पर उड़ता है। इस प्रकार के सर्वेक्षण देश के विभिन्न भू-भागों में नियमित रूप से किए जाते हैं जो आम जनता के लिए हानिकारक नहीं हैं। हेलिकॉप्टर से नीचे लटकते हुए लूप से आम जन को भ्रमित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह उपकरण वैज्ञानिक दृष्टि से डिज़ाइन किया गया है, जिसे नागर विमानन महानिदेशालय, भारत सरकार द्वारा उपयोग करने के लिए स्वीकृति दी गयी है। यह एक सुरक्षित एवं संरक्षित उपकरण है। जिसका संचालन दक्षता प्राप्त एवं अनुभवी पेशेवर व्यक्तियों द्वारा किया जाता है।