राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिला कवर्धा का प्राथमिक शिक्षा वर्ग 30 दिसम्बर को हुआ  संपन्न।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिला कवर्धा का प्राथमिक शिक्षा वर्ग 30 दिसम्बर को हुआ  संपन्न।

 

कवर्धा,जिले के पांडातराई में 24 से 30 दिसम्बर तक आयोजित सात दिवसीय प्राथमिक शिक्षा वर्ग के प्रशिक्षण शिविर  में जिले के चारों विकास खण्ड के 64 मण्डल में से 35 मण्डल के 59 ग्राम तथा 23 नए स्थान से 133 शिक्षार्थी सम्मिलित हुए थे। 
इस समापन अवसर पर अतिथि के रूप में दिवाकर तिवारी, मुख्यवक्ता पूर्णेन्द्र सिन्हा रहे।
मुख्य अतिथि दिवाकर तिवारी ने कहा राष्ट्र की सेवा करना बहुत बड़ा धर्म है, जो राष्ट्र की सेवा करते हैं वो धर्म की भी सेवा करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत में अर्जुन को कहा था तुम अपने लिए नहीं अपितु धर्म के लिये लड़ रहे हो। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को राष्ट्र के लिए पथप्रदर्शक कहते हुए कहा कि सनातन संस्कृति की रक्षा करने के लिए सम्पूर्ण विश्व में भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए संघ के छोटे से छोटे एवं बड़े से बड़े कार्यकर्ता लगे हुए हैं।
मुख्यवक्ता के उद्बोधन के पूर्व सुभाषित, अमृतवचन एवं एकलगीत के पश्चात पूर्णेन्द्र सिन्हा ने प्रार्थना के प्रथम पंक्ति नमस्ते सदा वत्सले मातृ भूमि का छत्तीसगढ़ी में भावार्थ करते हुए शिक्षार्थी एवं उपस्थित आगन्तुक को कहा कि कार्यकर्ता में कुशलता लाने के लिए पूरे भारत मे अलग-अलग समय मे आयोजित किया जाता है। उन्होंने रामायण में वर्णित श्री राम के गुरुकुल में यज्ञ आदि करने में कोई बाधा उत्पन्न न हो इस हेतु गुरु विश्वामित्र के कहने पर श्रीराम ने वनों में असुरों को संहार किये। तथा 14 वर्ष के वनवास के बीच समाज में जनजागरण के साथ समाज के सहयोग से रावण जैसे सैकड़ों असुरी शक्ति का समूल नाश किये। संघ का कोई अलग ध्वज एवं व्यवस्था नहीं है, जो समाज से ही लेकर समाज के लिए निरन्तर कार्य करते रहते हैं। संघ में पहले शारीरिक होता एवं बौद्धिक कार्यक्रम नहीं होता था, जिसे समय की मांग के अनुसार शरीर एवं बौद्धिक विकास के लिए यह जोड़ा गया। संघ में सेवा कार्य करने के लिए अलग-अलग कार्य विभाग तथा विभिन्न सामाजिक कार्य के सम्पादन के लिए गौसेवा, सम्पर्क, व्यवस्था आदि का आरम्भ हुआ। समाजिक समरसता, समग्र ग्रामविकास, पर्यावरण एवं जल संरक्षण में भी संघ के कार्यकर्ता लगे हुए हैं। संघ के प्रारंभ में डॉ केशवराव बलिराम हेडगेवार ने समाजिक कार्य के अलावा विभिन्न संगठनों से जुड़कर समाज की समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया। उनके तीन स्वप्न में पहला था कि भारत हिन्दू राष्ट्र है, दूसरा संघठन में शक्ति है और इसी संगठन को देखकर आज अहिन्दू भी अपने पूर्वजों को भी हिन्दू से जोड़कर बताने का प्रयास कर रहे हैं। एवं तीसरा कि संगठन से सब सम्भव है। समाज मे सभी प्रकार के भेदभाव को दूर करने और सबको एक करने का कार्य संघ का है। उन्होंने हाथ के पांचों उंगलियों के कार्य में व्याप्त अहंकार के भाव का उदाहरण देते हुए एक होकर संगठित रहकर कार्य करने की शक्ति से अवगत कराया। संघ दुनिया के 48 देश में कार्य कर रहा है, संघ के विविध संगठन भी हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था वादों के विवादों में न पड़ें। इसी उद्देश्य को लेकर संघ कार्य कर रही है। उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि हाथी  किसी आगे पीछे में भौकने वाले को उतना ही ध्यान नहीं देता जितना कि 
किसी के हाथ जोड़ने वाले को भी।
इस वर्ग के व्यवस्था प्रमुख रामगोपाल यादव के द्वारा श्री हरि ॐ शिक्षण समिति, नगर पंचायत कार्यालय, पुलिस विभाग, विद्युत विभाग, तथा आर्थिक सहयोग करने वाले बन्दुओं का आभार व्यक्त किया गया। मुख्यवक्ता के उद्बोधन के पूर्व शिविर में सिखाये गए विभिन्न खेल, योग-आसन, नियुद्ध, दण्ड आदि का शिक्षार्थियों ने प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के समापन के पश्चात सभी स्वयंसेवकों ने दिव्य कर्मभूमि साष्टांग दण्डवत प्रणाम किये। इस अवसर पर जिला संघ चालक दानेश्वर परिहार, वर्ग कार्यवाह उत्तरा वर्मा, विभाग बौद्धिक प्रमुख राममुरारी यादव, उत्तर यादव, गोपाल चंद्रवंशी, रवि वर्मा, सहदेवराम साहू, प्रशिक्षक के रूप में  सीताराम धुर्वे, परसराम चंद्राकर, लीलागर चंद्रवंशी, रघुनंदन गुप्ता, मनोज साहू, अभिषेक दुबे, रवि चंद्रवंशी, संजय धुर्वे, होरीलाल गबेल, कोमल साहू, निगेश्वरनाथ योगी, भुवन यादव, मनहरण, कामदत्त गेन्ड्रे तथा व्यवस्था आदि में लगे सचिन गुप्ता, विक्की निर्मलकर, प्रवीण गुप्ता, रितेश सिंह, सुमित तिवारी, सहित विभिन्न अनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।