मस्तूरी क्षेत्र में क्या है आंगनबाड़ी केंद्रों का हाल क्यों मजबूर है कार्यकर्ता दूसरों के घरों व सामुदायिक भवनो में संचालित करने बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा की मंदिर एक रिपोर्ट आमगांव से पढ़े पूरी खबर




बिलासपुर//राज्य सरकार छोटे-छोटे बच्चों के अच्छे विकास,पोषण और आरंभिक शिक्षा के पीछे बहुत बड़े पैमाने पर पैसे बहा रही है। इस काम के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रहीं हैं। ऐसे में बहुत सारे आंगनबाड़ी तो सुचारू रूप से संचालित होते हैं, लेकिन कई ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र भी हैं,जिनकी स्थिति देखकर प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान लग जाते हैं। कुछ ऐसा ही हाल आम गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र का है। यह भी उन्हीं केंद्रों में से एक है,जो अव्यवस्थाओं की मार झेल रहा है। जर्जर भवन में इस आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन नहीं हो रहा है ये सिलसिला 2018 से चल रहा हैं कार्यकर्ता शांति सेन और सुनीता मरावी बताती हैं कि उनके यहाँ दो आँगनबाड़ी केंद्र हैं पर भवन सिर्फ एक हैं दूसरा जो भवन हैं वो पूरी तरह से भरभरा गया हैं जिसके वज़ह से सामुदायिक भवन में संचालित किया जा रहा हैं वो आगे कहते हैं कि हमने कई बार परियोजना अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया हैं पर भवन अब तक नहीं मिला,मिलता हैं तो सिर्फ आश्वासन मालूम हो कि इस बीच कई परियोजना अधिकारी आ कर चले गए पर यहां की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई हैं
इस विषय में जब हमने ग्राम पंचायत आमगांव के सरपंच से बात किया तो उन्होंने बताया कि उन्होंने भी कई बार प्रस्ताव बनाकर भेजा है वहीं अधिकारियों को भी अवगत करा चुके हैं लिखित व मौखिक रूप से पर अभी तक कोई उचित कदम नहीं उठाया गया है
राजू गंधर्व
सरपंच ग्राम पंचायत आमगांव
दरअसल ये क्षेत्र का पहला गांव नहीं है जहां आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर स्थिति में है क्षेत्र में ऐसे कई ग्राम पंचायत है जहां आंगनबाड़ी तो सुचारू रूप से संचालित हो रही है लेकिन भवन की अभाव है आपको मानिकचौरी की हाल बताते हैं जहां तीन-तीन आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं पर ताज्जुब की बात है कि एक भी भवन नहीं है अब इनको उम्मीद भारतीय जनता पार्टी की नई सरकार से है ग्रामीण भी चाहते हैं कि किसी तरह से उनके गांव को नई आंगनबाड़ी भवन मिल सके जिससे आंगनबाड़ी सुचारू रूप से चल सके बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा सुदृढ़ हो सके देखना होगा इनका इंतजार कब खत्म होता है और कब इनको नया भवन मिलता है