OMG: लाश उठाने कोई नहीं आया तो बेटी ने अकेले दफनाया... जिस मां की लाश को बेटी ने अकेले दफनाया था... उसके श्राद्धभोज में पहुंचे 150 लोग... फिर जो हुआ......

OMG: लाश उठाने कोई नहीं आया तो बेटी ने अकेले दफनाया... जिस मां की लाश को बेटी ने अकेले दफनाया था... उसके श्राद्धभोज में पहुंचे 150 लोग... फिर जो हुआ......


बिहार। कोरोना संक्रमित होने के बाद एक महिला की मौत हुई तो अंतिम संस्कार के लिए गांव का कोई व्यक्ति उनके दर पर नहीं पहुंचा। अकेली लडक़ी ने पीपीई किट पहनकर मां के शरीर को दफन किया। लेकिन जब श्राद्ध हुआ तो 150 से ज्यादा लोग उसमें शरीक होने आ गए। अकेली लडक़ी के अपनी मां को दफनाने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। उसकी छोटी बहन के बिलखने का वीडियो भी खूब देखा गया। 

 

पंचायत के मुखिया सरोज कुमार मेहता के मुताबिक- वो खुद भी संक्रमित हैं। पिछले 15 दिनों में दो ग्रामीण चिकित्सकों समेत चार लोगों की करोना से मौत हुई है। उधर, गांववालों का कहना था कि डॉक्टर दंपत्ति की मौत के बाद तकरीबन 150 लोग दोनों बेटियों को ढाढस बंधाने पहुंचे थे। उनका कहना है कि गांव में 800-900 लोग भोज खाने आते हैं।

 

मामला बिशनपुर पंचायत का है। मधुलता निवासी वीरेन मेहता के परिवार में अचानक कोरोना ने दस्तक दी। वीरेन पेशे से चिकित्सक थे। गांव वालों का इलाज करते-करते वो कब वायरस की चपेट में आ गए उन्हें पता भी नहीं लग सका। उनके जरिए संक्रमण पत्नी को भी हो गया। पहले वीरेन ने दम तोड़ा और उसके चार दिन बाद पत्नी भी दुनिया को अलविदा कह गईं। 

 

पीछे रह गई गमजदा मासूम बेटियां। अलबत्ता न तो गांव के लोग और न ही सिस्टम से जुड़ा कोई व्यक्ति उनका दुख बांटने अभी तक उनके पास नहीं पहुंचा। आलम यह था कि जिन दो बेटियों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया वो श्राद्ध के खर्चे का कर्ज चुकाने के लिए यहां वहां भटक रही है, क्योंकि देनदार अपना पैसा वापस करने को कह रहे हैं।