CG- 2 पुलिसकर्मी बर्खास्त BIG NEWS: शराब के आदी पुलिसकर्मियों ने थाना प्रभारी पर तानी बंदूक.... अधिकारियों से गाली-गलौच.... SP ने दो आरक्षकों को किया बर्खास्त.... मामला जान उड़ जाएंगे होश......

Two constables have been dismissed from service by the Superintendent of Police on the ground of indiscipline and misconduct

CG- 2 पुलिसकर्मी बर्खास्त BIG NEWS: शराब के आदी पुलिसकर्मियों ने थाना प्रभारी पर तानी बंदूक.... अधिकारियों से गाली-गलौच.... SP ने दो आरक्षकों को किया बर्खास्त.... मामला जान उड़ जाएंगे होश......

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जांजगीर-चांपा। पुलिस अधीक्षक द्वारा दो आरक्षक को अनुशासनहीनता व कदाचरण के आधार पर सेवा से बर्खास्त किया  गया है। भारतीय संविधान की कंडिका 311 के खंड (2) के परन्तुक के उपखण्ड 'ख' के अधीन प्रदत्त शक्तियों के आधार पर आर0 992 धर्मेंद्र बंजारे एवं आर0 672 दुर्गेश खुट का आदेश जारी दिनांक से सेवा से पदच्युत (Dismissed from Service) किया जाता है। उक्त दोनों आरक्षकों की निलंबन अवधि निलंबन में शुमार किया जाता है।

आदेश में कहा गया है की आर0 992 धर्मेंद्र बंजारे एवं आर 672 दुर्गेश खुंटे दोनों थाना मुलमुला को उद्दण्डतापूर्ण आचरण प्रदर्शित करने के फलस्वरूप निलंबित कर प्रकरण की प्रारंभिक जांच प्रदीप जोशी रक्षित निरीक्षक, रक्षित केन्द्र जांजगीर-चांपा से कराई गई। जांच में थाना प्रभारी द्वारा उपलब्ध कराये गये थाना के विडियो फुटेज से एवं थाना प्रभारी के कथन से स्पष्ट होता है कि आर0 992 धर्मेंद्र बंजारे एवं आर 672 दुर्गेश खुंटे दोनों तत्का, थाना मुलमुला हाल रक्षित केन्द्र जांजगीर द्वारा एक राय होकर थाना मुलमुला भवन के सामने बरामदे में आकर वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में अत्यधिक कोधित होकर थाना स्टॉफ को गाली-गलौच कर रहा था। इसी बीच मीडिया कर्मी शेषनारायण यादव के थाना पहुंचने पर उनसे भी वाद-विवाद एवं गाली-गलौच करते हुए धक्का-मुक्की किया गया। 

आदेश में कहा गया है की थाना प्रभारी के कथनों से भी स्पष्ट होता है कि उक्त दोनों आरक्षक थाना क्षेत्र में असामाजिक कार्यों में संलिप्त रहे हैं। जिन्हें कई बार समझाईश भी दी गई थी। प्रारंभिक जांच के दौरान उक्त दोनों आरक्षकों के काल रिकार्ड का भी अवलोकन किया गया। जिसमें कई बार इन दोनों आरक्षकों का अपने ड्यूटी स्थल से बिना अनुमति के अन्यत्र थाना क्षेत्र में जाना इनकी संदिग्ध गतिविधियों भी परिलक्षित करता है। पुलिस विभाग का मूल उद्देश्य असामाजिक कार्य में लगे व्यक्तियों पर अंकुश स्थापित कर शांति व्यवस्था बहाल रखना है ऐसी परिस्थिति में इन दोनों कर्मचारियों का स्वयं असामाजिक कार्यों में लिप्त होना एक गंभीर कदाचरण की श्रेणी का है। 

आदेश में कहा गया है की पुलिस विभाग में शांति व्यवस्था बनाये रखने बल को ड्यूटी हेतु आवश्यकतानुरूप शस्त्र प्रदान किया जाता है, ऐसी परिस्थिति में इतने उग्र किस्म के कर्मचारी को बल में रखना किसी गंभीर घटना को जन्म दे सकता है पूर्व में भी इस प्रकार की घटनाएं पुलिस विभाग में सामने आती रही हैं जिसमें कर्मचारियों द्वारा उग्र होकर फायरिंग कर मृत्यु कारित करने तक की घटनाओं को अंजाम दिया गया है। इस प्रकार आर0 992 धर्मेंद्र बंजारे एवं आर0 672 दुर्गेश खुंटे जो कि एक गुस्सैल प्रवृत्ति के एवं आसाजिक कार्य में लिप्त होना प्रमाणित पाया गया है।

आदेश में कहा गया है की पुलिस विभाग एक अनुशासित विभाग है जिसमें थाना प्रभारी पूरे थाना का नेतृत्वकर्ता है और सभी थाना बल उनके अधीनस्थ होकर काम करते है। उक्त आरक्षकों द्वारा थाना अध्यक्ष के समक्ष ही गाली-गलौच करना धक्का-मुक्की करने से घोर अनुशासनहीनता दर्शित होती है जिससे थाना प्रभारी का कमाण्ड कंट्रोल पूरी तरह से बिखर सकता है। पुलिस आरक्षकों को थाना प्रभारी के नेतृत्व में कानून व्यवस्था विवेचना आदि कार्य करने होते है। आरक्षकों के इस तरह के अनुशासनहीनतापूर्ण कृत्य से पुलिस बल का मनोबल पूरी तरह से टूट जाता है। आरक्षक पुलिस थाने के कार्य में महत्वपूर्ण कड़ी होते है। 

आदेश में कहा गया है की आर0 992 धर्मेंद्र बंजारे एवं आर0 672 दुर्गेश खुंटे द्वारा लगातार थाना क्षेत्र से बिना थाना प्रभारी को बताये अन्यत्र स्थानों पर भ्रमण करना, विचरण करना उनके कार्य के प्रति घोर लापरवाही को दर्शाता है। यह देखा गया है कि उक्त आरक्षकों द्वारा संदिग्ध लोगों से लगातार फोन पर बातचीत की जाती थी तथा पुलिस गंभीर गोपनीयता मोबाईल फोन द्वारा भंग की जा रही थी जिससे पुलिस बल क्षति हो सकती थी। दोनों आरक्षकों के काल डिटेल रिकार्ड से स्पष्ट है कि इनका असामाजिक तत्वों के साथ सतत् संपर्क था। 

आदेश में कहा गया है की दोनों आरक्षक शराब के आदी है और अचानक आवेश में आ जाते हैं। पुलिस बल में पुलिस कर्मी अक्सर हथियार रखते हैं ऐसे में इस तरह के व्यवहार से वह अपनी जान, पुलिस कर्मियों जान एवं जनता की जान को भी जोखिम में डाल सकते है। इनके इस कृत्य को सभी समाचार पत्रों में प्रमुखता से "आरक्षकों ने अपने वरिष्ठ अफसरों पर तान दी रायफल". कबाड़ी से लेनदेन के विवाद में दो आरक्षकों ने अपने ही थाना प्रभारी पर तान दी रायफल जैसे शीर्षकों के साथ प्रकाशित किया गया है। जिससे जनमानस में पुलिस की छवि धूमिल हुई है। उक्त पुलिस कर्मिया को पुलिस बल में रखने से पुलिस बल में कमाण्ड कंट्रोल एवं छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

आदेश में कहा गया है की जिला जांजगीर-चांपा में जिस प्रकार वातावरण बना हुआ है इसके देखते हुए, जबकि आरक्षकों का कृत्य उजागर हो चुका है, विभागीय जांच की विलंबित कार्यवाही के बिना ही तत्काल निर्णय लिया जाना आवश्यक है। अतः भारतीय संविधान की कंडिका 311 के खंड (2) के परन्तुक के उपखण्ड 'ख' के अधीन प्रदत्त शक्तियों के आधार पर आर0 992 धर्मेंद्र बंजारे एवं आर0 672 दुर्गेश खुट का आदेश जारी दिनांक से सेवा से पदच्युत (Dismissed from Service) किया जाता है। उक्त दोनों आरक्षकों की निलंबन अवधि निलंबन में शुमार किया जाता है।