जगन्नाथ से जुड़े ये रहस्य हैरान कर देंगे आपको, मूर्तियों में आज भी धड़कता है श्रीकृष्ण का दिल?

These secrets related to Jagannath temple will surprise you,

जगन्नाथ से जुड़े ये रहस्य हैरान कर देंगे आपको, मूर्तियों में आज भी धड़कता है श्रीकृष्ण का दिल?
जगन्नाथ से जुड़े ये रहस्य हैरान कर देंगे आपको, मूर्तियों में आज भी धड़कता है श्रीकृष्ण का दिल?

NBL, 20/06/2023, Lokeshwer Prasad Verma Raipur CG: These secrets related to Jagannath temple will surprise you, the heart of Shri Krishna still beats in the idols?

नाथो की नाथ जगन्नाथ कई रहस्यों को अपने गर्भ में समेटे हुए हैं जो आज के विज्ञान को चुनोंती देता है, यही तो हम हिंदुओ की सबसे बड़ी सनातनी पहचान है जो प्रगट रूप में अपना पहिचान स्वयं हिंदू सनातनी देवी देवताओं ने अपना परिचय देते रहते है, इसके बावजुद आज हिंदुओ की देवी देवताओं का मजाक बना कर खुद पाप की भागीदार बन रहे हैं हम हिंदू अपने धर्म की रक्षा करने हेतु आवाज उठा सकते हैं, लेकिन भगवान स्वयं इसका दण्ड देते हैं और इसी काल में देते हैं... 

चाहे वह दण्ड शाररीक रूप से उनको मिले या उनको आर्थिक रूप से दण्ड मिले लेकिन दण्ड जरूर मिलता है क्योकि ईश्वर के संविधान कानून में पाप पुण्य का लेखा जोखा जरूर होता है, भले ही आज इंसान के बनाए संविधान कानून के आधार पर लोग चलता है, लेकिन परम ब्रम्हांड का मालिक तो स्वयं ईश्वर है जिसके संविधान कानून उनका अपना है हम जीवो के न्याय के लिए उसे आप खरीद नहीं सकते वह तो आपके कर्म के कर्मा अनुसार आपको दण्ड देता है आपके चालाकी उनके पास नहीं चलता वह आपके हर किए गए हर प्रकार के कर्म का हिसाब रखते हैं जो कर्म आपने किया जीवन भर अच्छे या बुरे उस कर्म के कर्म फल को आपके जीवंत काल में ही दिखा देते है चाहे आप राजा हो या रंक (भिखारी)

जगन्नाथ मंदिर का इतिहास रहस्यों व चमत्कारों से भराहुआ है. यहां आज भी श्रीकृष्ण का दिल धड़कता है. जगन्नाथ पुरी मंदिर देश-विदेशों से भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं. जगन्नाथ पुरी मंदिर की कभी परछाई भी नहीं बनती है। 

Jagannath Temple Interesting Facts: भारत के कई प्रसिद्ध मंदिर व धर्मस्थलों का इतिहास रहस्यों व चमत्कारों से भरा हुआ है. ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर पवित्र धामों में से एक है. जगन्नाथ मंदिर का इतिहास अपने आप में हैरान कर देने वाला है. मान्यता है कि जगन्नाथ मंदिर में मौजूद मूर्तियों में आज भी भगवान श्रीकृष्ण का हृदय धड़कता है.

* यहां अन्य मंदिरों में भगवान की अलौकिक मूर्तियां देखने को मिलती है तो वहीं जगन्नाथ मंदिर में स्थापित मूर्तियां अधूरी हैं. तो चलिए जानते हैं जगन्नाथ मंदिर में धड़कते श्रीकृष्ण के दिल का रहस्य क्या है.... 

शास्त्रों में भगवान श्रीकृष्ण के ही जगन्नाथ होने के प्रमाण मिलते हैं. मत्स्य पुराण में उल्लेख है कि जगन्नाथ मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण अपने भाई-बहन के साथ विराजमान हैं. सभी मंदिरों में भगवान की मूर्तियां अष्टधातु या अन्य किसी धातु या पत्थर की बनी होती है लेकिन जगन्नाथ मंदिर में नीम की लकड़ियों से मूर्तियां बनी हैं. माना जाता है कि मालवा के राजा इंद्रद्युम्न को सपने में श्रीकृष्ण ने नीम के पेड़ के लट्ठे से अपनी और अपने भाई-बहन बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां बनाने का आदेश दिया था, तब राजा इंद्रद्युम्न ने ये मंदिर बनवाया था।

* आज भी धड़कता है श्री कृष्ण भगवान का दिल... 

मान्यता के अनुसार, जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां हैं, जो हर 12 वर्षों में बदली जाती हैं. जब मंदिर की मूर्तियों को बदला जाता है, तब मूर्तियों में से ब्रह्म पदार्थ को निकालकर नई मूर्तियों में लगाया जाता है. ब्रह्म पदार्थ को श्रीकृष्ण का हृदय माना जाता है. जगन्नाथ मंदिर के पुजारियों का कहना है कि जब वे भगवान का दिल नई मूर्तियों में रखते हैं, तब उन्हें अपने हाथों में कुछ उछलता हुआ महसूस होता है. मंदिर के पुजारियों का मानना है कि यह ब्रह्म पदार्थ है, जो अष्टधातु से बना है. लेकिन यह ब्रह्म पदार्थ जीवित अवस्था में है. इस ब्रह्म पदार्थ को देखने वाला अंधा हो सकता है या उसकी मृत्यु हो सकती है. इसलिए, ब्रह्म पदार्थ को बदलते वक्त पुजारियों की आंखों पर रेशमी पट्टियां बांध दी जाती है. इसी तरह मंदिर की धूप में कभी भी परछाई नहीं बनती है। 

* क्यों निकाली जाती है ये रथ यात्रा... 

माना जाता है कि एक बार भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने नगर देखने की इच्छा की. बहन की इस इच्छा को पूरा करने के लिए भगवान जगन्नाथ और बलभद्र उन्हें रथ पर बैठाकर नगर दिखाने निकल गए. इस दौरान वे अपनी मौसी के घर भी गए जो गुंडिचा में रहती थी. तभी से इस रथ यात्रा की परंपरा शुरू हुई। 

रथ यात्रा के मौके पर आज हम आपको जगन्नाथ मंदिर से जुड़े कुछ रहस्यों के बारे में बताने जा रहे हैं आइए जानते हैं क्या हैं वो रहस्य- 

उड़ीसा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और बहन सुभद्रा की काठ (लकड़ी) की मूर्तियां विराजमान हैं. 

मान्यता है कि जब भगवान कृष्ण ने अपना देह त्याग किया तो उनका अंतिम संस्कार किया गया था. उनका बाकी शरीर तो पंच तत्वों में मिल गया लेकिन उनका दिल सामान्य और जिंदा रहा. कहा जाता है कि उनका दिल आज भी सुरक्षित है. माना जाता है कि उनका यह दिल भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के अंदर है और वह आज भी धड़कता है. 

* हर 12 साल में बदली जाती है मूर्तियां... 

हर 12 साल बाद जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ , बलभद्र और उनकी बहन सुभद्रा की मूर्ति को बदला जाता है. जब भी इन मूर्तियों को बदला जाता है उस समय पूरे शहर की बिजली बंद कर दी जाती है. इस दौरान जगन्नाथ पुरी के इस मंदिर के आस पास अंधेरा कर दिया जाता है। 

12 साल में जब ये मूर्तियां बदली जाती है तो मंदिर की सुरक्षा सीआरपीएफ के हवाले कर दी जाती है. किसी का भी प्रवेश इस दौरान वर्जित होता है. अंधेरा होने के बाद कोई भी इस मंदिर में नहीं जा सकता. इन मूर्तियों बदलने के लिए सिर्फ एक पुजारी को मंदिर में जाने की अनुमति होती है. और उसके लिए भी पुजारी के हाथों में दस्ताने पहनाए जाते हैं और अंधेरे के बावजूद आंखों में पट्टी बांधी जाती है ताकि पुजारी भी मूर्तियों को ना देख सके. 

* ब्रह्म पदार्थ का रहस्य... 

पुरानी मूर्ति से जो नई मूर्ति बदली जाती है उसमें एक चीज वैसी की वैसी ही रहती है वह है ब्रह्म पदार्थ. इस ब्रह्म पदार्थ को पुरानी मूर्ति से निकालकर नई मूर्ति में डाल दिया जाता है. आइए जानते हैं क्या है ये ब्रह्म पदार्थ.

ब्रह्म पदार्थ को लेकर यह मान्यता है कि अगर इसे किसी ने भी देख लिया तो उसकी तुरंत मौत हो जाएगी. इस ब्रह्म पदार्थ को श्रीकृष्ण से जोड़ा जाता है. 

बहुत से पुजारियों का कहना है कि मूर्तियां बदलते समय जब वह ब्रह्म पदार्थ को पुरानी मूर्ति से नई मूर्ति में डालते हैं तो उन्हें कुछ उछलता हुआ सा महसूस होता है. उन्होंने कभी भी उसे देखा नहीं लेकिन उसे छूने पर वह एक खरगोश जैसा लगता है जो उछल रहा है। 

जगन्नाथ मंदिर से जब यह रथ यात्रा निकलती है तो जगन्नाथ पुरी के राजा सोने की झाडू लगाते हैं. 

* सिंहद्वार का क्या है रहस्य... 

इस मंदिर से जुड़ा एक और रहस्य यह कि इस मंदिर में एक सिंहद्वार है. माना जाता है कि जब आप इस सिंहद्वार से बाहर होते हैं तो आपको समुद्र की लहरों की बहुत तेज आवाज आती है लेकिन जैसे ही आप सिंहद्वार के अंदर प्रवेश करते हैं तो यह आवाजें आना बंद हो जाती हैं. 

जगन्नाथ मंदिर के पास ही चिताएं भी जलती हैं, माना जाता है कि सिंहद्वार के अंदर प्रवेश करने से पहले आपको चिताओं की गंध आती है लेकिन द्वार के अंदर प्रवेश करते ही यह गंध आनी बंद हो जाती है. 

* मंदिर के ऊपर नहीं उड़ते कोई पक्षी... 

इस मंदिर से जुड़ा एक और बात ये कही जाती है कि किसी पक्षी को कभी इस मंदिर के गुंबद में बैठा हुआ नहीं देखा गया. इस मंदिर के ऊपर से हवाई जहाज आदि को भी उड़ने की मनाही है। 

* नहीं बनती मंदिर की परछाई... 

इस मंदिर से जुड़ा एक रहस्य यह भी है कि कितनी भी धूप में इस मंदिर की परछाई कभी नहीं बनती. 

* झंडे का रहस्य... 

इस मंदिर के ऊपर एक झंडा लगा हुआ है जिसे रोज शाम को बदलाना जरूरी होता है. इसके पीछे यह मान्यता है कि अगर इस झंडे को नहीं बदला गया तो यह मंदिर आने वाले 18 सालों में बंद हो जाएगा. 

* रसोई से जुड़ा रहस्य... 

इस मंदिर का रखोई घर दुनिया के सबसे बड़े रसोई घरों में से एक है. यहां 500 रसोइये और उनके 300 सहयोगी काम करते हैं. कहा जाता है कि इस मंदिर में कितने भी भक्त आ जाएं लेकिन कभी प्रसाद कम नहीं पड़ता. लेकिन जैसे ही मंदिर के बंद होने का समय आता है तो यह प्रसाद अपने आप खत्म हो जाता है. यहां बनने वाला प्रसाद 7 बर्तनों में बनता है जिसे एक ही लकड़ी के चूल्हे पर बनाया जाता है. .यहां की खास बात यह है कि इस लकड़ी के चूल्हे पर सबसे पहले सातवें स्थान पर सबसे ऊपर रखे हुए बर्तन का प्रसाद बनकर तैयार होता है ना कि सबसे नीचे रखे हुए बर्तन का।