CG के इस विधानसभा सीट से डॉक्टर, इंजीनियर और वकील की है कतार, आखिर विधायक कौन होगा इस बार, जानिए क्या कहता है चुनावी समीकरण....
संभाग में चुनावी बिसात बिछ चुकी है, पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिए है और इस बार यहां चुनाव बेहद दिलचस्प नजर आ रहा है। नए पुराने चेहरों के साथ महिला उम्मीदवार मैदान में है। खास बात ये की डॉक्टर से लेकर इंजीनियर और अधिवक्ता से लेकर सांसद भी विधायक बनने के लिए पूरी ताकत झोक दी है।




सरगुजा। संभाग में चुनावी बिसात बिछ चुकी है, पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिए है और इस बार यहां चुनाव बेहद दिलचस्प नजर आ रहा है। नए पुराने चेहरों के साथ महिला उम्मीदवार मैदान में है। खास बात ये की डॉक्टर से लेकर इंजीनियर और अधिवक्ता से लेकर सांसद भी विधायक बनने के लिए पूरी ताकत झोक दी है।
छग में एक किवदंती है सरगुजा जीता तो प्रदेश जीता और सरगुजा में बने ज्यादा विधायक तो प्रदेश में भी बनेगी सरकार, जी हां यही कारण है कि भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के लिए सरगुजा बेहद खास है। सरगुजा संभाग में 14 सीटें है जिनमे से 13 सीटो पर भाजपा और कांग्रेस दोनो ही दलों ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए है। भाजपा ने जहां अम्बिकापुर में अपने पत्ते नही खोले है तो कांग्रेस की तरफ से बैकुंठपुर सीट से प्रत्याशी की घोषणा नही की गई है। सरगुजा संभाग में घोषित प्रत्याशियों पर नजर डाले तो चुनाव बेहद दिलचस्प नजर आ रहा है। भरतपुर सीट पर जहां एक तरफ कांग्रेस के विधायक गुलाब कमरों मैदान में है, तो भाजपा ने यहां बड़ा दाव खेलते हुए अपनी सांसद रेणुका सिंह को मैदान में उतारा है।
मनेंद्रगढ़ में भाजपा की तरफ से पूर्व विधायक श्याम बिहारी जायसवाल मैदान में है तो वही कांग्रेस ने अपने वर्तमान विधायक डॉ विनय जायसवाल का टिकट काटते हुए अधिवक्ता रमेश सिंह को अपना प्रत्यासी बनाया है। बैकुंठपुर में भाजपा ने अपने पूर्व मंत्री भईया लाल राजवाड़े पर विश्वास जताते हुए मैदान में उतारा है तो कांग्रेस अपने विधायक अंबिका सिंह देव के होते हुए भी उम्मीदवार की घोषणा नही कर सकी है। प्रेमनगर की सीट बेहद दिलचस्प है यह सीट सामान्य होते हुए भी भाजपा और कांग्रेस दोनों ने इस सीट से आदिवासी पर अपना भरोसा जताया है। भाजपा ने जहां नए प्रत्याशी भूलन सिंह मरावी को उम्मीदवार बनाया है तो कांग्रेस ने अनुभवी चेहरे खेल साय सिंह पर भरोसा जताया है।
भटगांव की सीट भी सामान्य है ऐसे में यहां कांग्रेस की तरफ से दो बार के विधायक पारस नाथ राजवाड़े मैदान में है तो वही भाजपा की तरफ से लक्ष्मी राजवाड़े नई प्रत्यासी मैदान में है। प्रतापपुर में इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनो ही दलों ने अपने अनुभवी व पुराने प्रत्याशियों को बदला है एक तरफ जहां भाजपा ने रामसेवक पैंकरा के बदले अधिवक्ता शकुंतला पोर्ते को मैदान में उतारा है तो वही कांग्रेस की तरफ से लगातार चुनाव लड़ते आ रहे प्रेम साय सिंह की जगह राजकुमारी मरावी मैदान में है।
रामाजनुजगंज में कांग्रेस ने यहां से अपने विधायक वृहस्पत सिंह की टिकट काटकर अंबिकापुर नगर निगम के महापौर डॉ अजय तिर्की को मैदान में उतारा है जो एक डॉक्टर भी है तो दूसरी तरफ भाजपा ने अपने सबसे अनुभवी चेहरे रामविचार नेताम पर दांव लगाया है। इसी तरह सामरी की सीट पर कांग्रेस के विधायक चिंतामणि महाराज का टिकट कटा है और विजय पैंकरा मैदान में है, तो वही भाजपा ने अपने पूर्व विधायक सिद्धनाथ पैंकरा की पत्नी उद्धेश्वरी पैंकरा को अपना प्रत्याशी बनाया है।
बात जशपुर जिले की करे तो यहां कुनकुरी से कांग्रेस ने अपने विधायक यूडी मिंज को दुबारा मैदान में उतारा है, तो वही भाजपा की तरफ से पूर्व सांसद विष्णु देव साय मैदान में है। जशपुर सीट से कांग्रेस की तरफ से विधायक विनय भगत मैदान में है तो भाजपा ने रायमुनि भगत को अपना उम्मीदवार बनाया है। पत्थलगांव सीट जहां से कांग्रेस के रामपुकार सिंह जो लगातार चुनाव जीतते आ रहे है वो एक बार फिर मैदान में है तो उनके खिलाफ भाजपा रायगढ़ सांसद गोमती साय चुनावी मैदान में है।
बात अगर सरगुजा जिले की विधानसभा सीटों की करे तो यहां के लुंड्रा विधानसभा से मुकाबला इंजीनियर और डॉक्टर के बीच है। भाजपा के प्रबोध मिंज जहां इंजीनियर है तो वही कांग्रेस के विधायक व प्रत्याशी डॉ प्रीतम राम एक डॉक्टर है। सीतापुर में सेना के जवान के मैदान में उतरने से चुनाव दिलचस्प हो गया है। कांग्रेस की तरफ से 4 बार चुनाव जीतने वाले अमरजीत भगत पांचवी बार मैदान में है, तो वही भाजपा ने सेना के जवान को अपना प्रत्याशी बनाया है।
प्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल सीट अंबिकापुर में कांग्रेस की तरफ से उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव मैदान में है तो वही भाजपा को इनके खिलाफ प्रत्यासी की तलाश है। ऐसे में साफ है कि इस चुनाव में सरगुजा की लड़ाई बेहद दिलचस्प नजर आ रही है जहां महिला उम्मीदवार ताल ठोक रही है तो वही डाक्टर से लेकर इंजीनियर, इंजीनियर से लेकर अधिवक्ता भी विधायक बनने जोर लगा रहे है ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आखिर जनता जिसे अपना बहुमत देकर विधानसभा में भेजती है और किसे नकारती है।