विश्व विनाश की ओर आगे बढ़ रही है और इस युद्ध की मुख्य जड़ अहंकार ही है, जो हमसे बड़ा कौन?

The world is moving towards destruction and the main root of this war is ego, who is bigger than us?

विश्व विनाश की ओर आगे बढ़ रही है और इस युद्ध की मुख्य जड़ अहंकार ही है, जो हमसे बड़ा कौन?

 NBL,. 21/03/2022, Lokeshwer Prasad Verma,..  The world is moving towards destruction and the main root of this war is ego, who is bigger than us. आज विश्व विनाश की ओर अग्रसर हो रही है, जो मानवीय मूल्यो की कोई वजुद नही रह गया है, जो अपने मुल्क के इंसानो की कातिल खुद उनके देश के राजनितिक नेता बन रहे हैं, और इनके इगो ही देश और इंसान दोनों के लिए घातक है, पढ़े विस्तार से...। 

ज्यादा धन, ज्यादा ताकत ये दोनों इंसान को अहंकारी बना देती है, वही हाल आज देखने को मिल रही है, यूक्रेन और रूस के युद्ध में जो हर हाल मे ये दोनों देशों में कोई समझोता होने की संभावना नजर आती हुई नही दिखाई पड़ रहा है। और इस युद्ध की मुख्य जड़ है पर्सनल इगो रूस और यूक्रेन दोनों देशों की। 

और इसका मुख्य कारण है ओवर स्मार्ट बनना जो यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेसकी ने दिखाई रूस के सामने और रूस की भी बड़ी गलती है यूक्रेन को कमजोर समझना जो आज युद्ध मे रूस को पता लग रहा है, जो रूस अपने सैन्य बलों व शस्त्र को बड़े तादात मे नष्ट कर रही है यूक्रेन की युद्ध में। और यूक्रेन अपने सुंदर शहर व कस्बे को बदशुरत बनवा दिया चंद दिनों में ही और वहा की आवाम अस्त व्यस्त हो गया और बेघर हो गए। 

अगर कोई अन्य देश यूक्रेन के साथ सहानुभूति दिखा रही है, इसका मतलब है की रूस से दुश्मनी कर रहे हैं और इसके दुषपरीनाम बहुत ही घातक होने की आसार नजर आती दिखाई पड़ रही है। और कही तीसरी विश्व युद्ध मे तब्दील न हो जायें और इसके मुख्य जड़ होगे अमेरिका व नाटो जो यूक्रेन को अपने हितकर बता कर रूस के करीब पहुँचना चाह रहे हैं और रूस इस हरकत को कतई बरदास्त नही करेगी भले कुछ भी हो जाए युद्ध और इगो दोनों है इनके मानसिक स्थिति में। 

आज प्रायः प्रायः देश की मानसिक संतुलन बिगड़ती जा रही है, और इसके मुख्य रूप है राजनीति मे बिखराव पन जो अपनी स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक गिर जाना और अपने दम पर अपनी राजनीति को मजबुत नही कर पाना और अपनी राजनिति को ताकत देने के लिए देश व देश के लोगों के साथ छल करना। और अपनी दूरदर्शीता के कमी देश की जनता व देश की भूमि को भुगतना पड़ता है, इसलिए देश को मजबुत बनाने के लिए देश की लोकतंत्र को मजबुत होना बहुत ही जरूरी है, और आत्मनिर्भरता होना भी उतना ही जरूरी है।