सर्पदंश का शिकार हुई नाबालिग को समय पर मिला उपचार, हालत में सुधार




भीलवाड़ा। जिले के भगवानपुरा क्षेत्र में रहने वाले युद्धवीर सिंह की नाबालिग पुत्री सर्पदंश का शिकार हो गई थी। नाबालिग के पिता युद्धवीर सिंह की सूझ-बूझ से नाबालिग यज्ञयामिनी को उपचार के लिए तुरंत महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां डॉक्टरों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत उपचार शुरू किया। जानकारी के अनुसार, भगवानपुरा क्षेत्र में रहने वाली एक नाबालिग को मंगलवार को जहरीले सांप ने काट लिया। सर्पदंश से हुई घटना को लेकर नाबालिग के पिता ने सूझ-बूझ दिखाते हुए तुरंत अपनी नाबालिग पुत्री को लेकर उपचार के लिए जिला महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने मामले को गंभीरता से लिया एवं तुरंत नाबालिग का उपचार शुरू किया। नाबालिग के पिता ने फोन कर वन्यजीव रक्षक कुलदीप सिंह राणावत (वाइल्ड एनिमल रेस्क्यू सेन्टर सचिव) को भी सूचना दी। सूचना मिलने पर राणावत एमजी अस्पताल पहुंचे और सर्पदंश का शिकार हुई नाबालिग को देखा ओर मृत सांप को देखकर बताया कि यह भारत का बेहद जहरीला सांप कोमन करेत है। इस सांप में न्यूरोटोकसीन नामक जहर पाया जाता है। यह सांप रात को ही अपने बिलों से निकलते है और यह दुनिया का पहला ऐसा सांप है, जो मनुष्य के साथ में आकर सोता है। मनुष्य जब पलंग पर करवट बदलता है तो सांप को खतरा महसूस होता है, ओर सांप कांट लेता है। इस सांप के दांत छोटे होने के कारण अमुमक कई बार सर्पदंश की घटना का पता नहीं चलता है और मनुष्य की मौत हो जाती है। वन्यजीव रक्षक राणावत ने आमजन से अपील की है कि अगर कोई सर्पदंश की घटना होती है तो मरीज को उपचार के लिए तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया जाएं।