CG VIDEO ब्रेकिंग: भुट्टे के ठेले के पास रुकी राज्यसभा सांसद.... सांसद ने खुद कोयले की भट्टी में भुट्टा भूना.... भुट्टा भूनकर उठाया जमकर लुत्फ.... फिर हुआ ये.... कांग्रेस ने कह दी ये बड़ी बात.... देखें VIDEO......




भिलाई। राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय अक्सर लोगों के बीच अचानक पहुंच जाती हैं। ऐसे ही वे भुट्टे के ठेले के पास रुक गईं। उन्होंने पहले तो उन महिलाओं के साथ भुट्टा सेंका, फिर जमकर उसका लुत्फ उठाया। प्रदेश में बारिश अच्छी हो रही है। इस मौसम में भुट्टे खाने का मजा ही कुछ और है। लेकिन जब भुट्टा राजनीति की भट्टी पर चढ जाए तो उसका स्वाद ही बदल जाता है।
कुछ ऐसा ही हुआ राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय के साथ जब उन्होंने कुछ महिलाओं को भुट्टा भूनते हुए देखा और उनके पास पहुंच गईं। इसके बाद महिलाओं के साथ भुट्टा भूनकर इसका जमकर लुत्फ उठाया। फिर उन्होंने ट्वीट कर केन्द्र सरकार की आत्मनिर्भर निधि योजना की तारीफ की। राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने अंगीठी पर भुट्टा भूनने की तस्वीर को ट्वीट कर साझा किया था।
लिखा था कि महामारी में स्ट्रीट वेंडर्स के लिए मोदी सरकार ने जो काम किए है वो ऐतिहासिक है। जिसको लेकर राजनीति शुरू हो गई है। प्रदेश की सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने उन पर तंज कसते हुए कहा कि सांसद ने कोयला की भट्टी में भुट्टे भूनकर एक प्रकार से रसोई गैस की महंगाई की ओर केन्द्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भी उनके ट्वीट को रीट्वीट कर तंज कसते हुए कहा कि राज्यसभा सांसद ने कोयले की भट्टी पर भुट्टा भूनकर यह बता दिया है कि आखिर रसोई गैस कितनी महंगी हो गई है, क्योंकि उज्ज्वला योजना के हितग्राही महंगाई के चलते गैस सिलेंडर की रिफलिंग नहीं करा पा रहे है। रसोई में इसी तरह खाना बनाने को मजबूर है।
राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने वीडियो ट्वीट करते हुए कहा कि बरसात का मौसम और भूनते हुए भुट्टे की भीनी सी खुशबू का कोई जवाब नहीं है। आज दुर्ग-रायपुर हाईवे पर बहनों के साथ मक्के का आनंद लिए। इस महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्ट्रीट वेंडर्स के लिए जो किया है वो ऐतिहासिक है। उन खुशियों की झलक देखिए। इस पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि सरोज पांडेय जी ने कोयला की भट्ठी में भुट्टे भुनकर एक प्रकार से वर्तमान में रसोई गैस की महंगाई की ओर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया है।क्योंकि उज्ववला योजना के हितग्रही महंगाई के चलते सिलेंडर की रिफलिंग नही करा पा रही है और रसोई में इसी प्रकार से खाना बनाने मजबूर है।