Chhatisgarh state information commission punished public information officer: जन सूचना अधिकारी को अर्थ दंड :कोताही पड़ी महँगी.....राज्य सूचना आयोग ने जन सूचना अधिकारी को दिया दस हजार रुपये का दंड....जाने पूरा मामला….

Chhatisgarh state information commission 
punished public information officer: जन सूचना अधिकारी को अर्थ दंड :कोताही पड़ी महँगी.....राज्य सूचना आयोग ने जन सूचना अधिकारी को दिया दस हजार रुपये का दंड....जाने पूरा मामला….
Chhatisgarh state information commission punished public information officer: जन सूचना अधिकारी को अर्थ दंड :कोताही पड़ी महँगी.....राज्य सूचना आयोग ने जन सूचना अधिकारी को दिया दस हजार रुपये का दंड....जाने पूरा मामला….

.............

..

 

 

बलौदाबाजार :- छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग (Chhattisgarh state information commission) ने अपने अभूतपूर्व फैसले मे सूचना के अधिकार अधिनियम(right to information) के तहत आवेदक द्वारा चाही गयी जानकारी को देने मे जनसूचना अधिकारी की कोताही पर निर्णय लेते हुए अधिकारी को दस हजार रुपये का दिया हैं तथा प्रशासन को निर्देश दिया हैं की ये राशि वसूली कर सरकारी खजाने मे जमा की जाये।

राज्य सूचना आयोग के इस ऐतिहासिक निर्णय ने राज्य के विभिन्न शासकीय कार्यालयों के जनसूचना अधिकारियों को एक गाइड लाइन भी दे दी हैं की किसी भी आवेदन पर लापरवाही या कोताही माफ नहीं की जाएगी। उल्लेखनीय है कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 (RTI 2005) के तहत एक नागरिक को अधिकार हैं, की वो शासन द्वारा संचालित किसी भी कार्यालय से निर्धारित मापदंडों के तहत जानकारी ले सकता है तथा सुचारू शासन व्यवस्था के लिए पारदर्शिता अनिवार्य भी हैं और इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश भी लगाया जा सकता हैं।

 

यह था मामला

पूरा मामला सन् 2019 बलौदाबाजार नगर पालिका का हैं, जहाँ पत्रकार एवं समाजसेवी भानु प्रताप साहू ने वित्तीय वर्ष 2017 - 2018 एवं 2018 - 2019 मे नगर पालिका बलौदाबाजार द्वारा संचालित किए जा रहे वाहनों के रख रखाव एवं उनके खर्चो के संदर्भ मे नगर पालिका बलौदाबाजार मे तत्कालीन पदस्थ जनसूचना अधिकारी उप अभियंता भोलाराम पटेल के समक्ष दिनाँक 29 अप्रैल 2019 को जानकारी चाही गयी थी जिसके लिए आवेदक ने विधि अनुसार सारे शुल्क भी जमा कर दिए थे लेकिन जनसूचना अधिकारी द्वारा तय समय मे आवेदक को सूचनाएं देने मे कोताही बरती गई आवेदन को अनावश्यक परेशान किया गया, आवेदन को आवेदक भानु प्रताप साहूजनसूचना अधिकार की गलत व्यख्या कर भर्मित किया गया जिससे परेशान हो कर आवेदक द्वारा प्रथम अपील से भी निराश होकर द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया जहां से आवेदन को चाही गयी जानकारी प्राप्त हुई। छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने इस मामले मे जनसूचना अधिकारी भोलाराम पटेल वर्तमान पदस्थापना नगर पालिका निगम जगदलपुर जिला बस्तर को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए दस हजार रुपये का अर्थ दंड दिया हैं।