नया संसद भवन नारी शक्ति की आराधना करते हुए भारत का शक्ति केंद्र बनेगा क्योंकि नया संसद भवन सनातनी संस्कृति की सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
The new Parliament House will




NBL, 23/09/2023, Lokeshwer Prasad Verma Raipur CG: The new Parliament House will become the power center of India by worshiping women power because the new Parliament House is a symbol of the positive energy of Sanatani culture. पढ़े विस्तार से....
वास्तु दोष के दुष्प्रभाव हमारे जीवन पर इस हद तक प्रभावित होते हैं कि हमारा अच्छा जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और इस वास्तु दोष की नकारात्मकता को दूर करने के लिए हम वास्तु विज्ञान के आधार पर कई उपाय करते हैं और इन सबके परिणामस्वरूप हम एक खुशहाल जीवन जीते हैं। ऐसा करना जरूरी है जो हमें रोगों और दुखों से बचाता है। आज भारत ने अपने नए संसद भवन में उन्हीं उपायों को अपनाया है और इसकी सकारात्मकता कल सभी देशवासियों को दिखाई दी जो सभी दलों के सांसदों की एकजुटता से महिला आरक्षण नारी शक्ति वंदन विधेयक का निर्विरोध पारित होना।
विपक्षी दलों के नेताओं के नैतिक विचार थोड़े अलग हो सकते हैं लेकिन अंतिम निर्णय सकारात्मकता के साथ आया, यह छोटी बात नहीं है, यह बहुत बड़ी बात है, इतिहास में यह पहली बार है कि कोई विधेयक सर्वसम्मति से पारित हुआ है ,यह इस नये युग की शुरुआत है। संसद भवन की सकारात्मक बात यह है कि इसमें जरा सा भी वास्तु दोष नहीं है। और नारी शक्ति को ताकत देना और उनके हित में निर्णय लेना भारत की नारी शक्ति के लिए बहुत बड़ा सम्मान है।हम सनातनी नारी शक्ति जैसे माँ दुर्गा, माँ लक्ष्मी, माँ सरस्वती और ऐसी कई देवियों की पूजा करते हैं जो भारत के सभी धर्मों की मातृ देवियाँ हैं। हम सभी भारतीय भारत के सभी धर्मों की माताओं का सम्मान करते हैं। देश को गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए हमारे देश की अनेक वीर नारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी। माताओं-बहनों ने जो योगदान दिया है, इसका हम जितना भी वर्णन कर सकें, वह अतुलनीय है।
पूर्व की संसद भवन में देश के कोई भी नेताओं की आचार विचार साथ नही जुड़ पाते थे क्योंकि वह अंग्रेजो के द्वारा बनाये गए एक मात्र भवन था, जो भारतीय मूल के लोगों के साथ अतितायी कर व देश के लूटे हुए धन से बनाये थे, न वहाँ संस्कार था नहीं वहाँ कोई भारतीय संस्कृति व सभ्यता थे उस भवन में अक्रामकता का समावेश था, जो देश हित में सही से निर्णय नहीं हो पाते थे, जबकि हमारे पूर्व के सभी सत्ता धारी नेताओं ने देश के उत्थान के विषय में चर्चाएं की लेकिन उनके बहुत से देश हित चर्चाएं सफल नहीं हो पाते थे, कही न कही आखिर में विरोध का सामना करना ही पड़ता था। और वह देश हित योजनाएं सफल नहीं हो पाते थे हमारे देश के सभी दलों के नेताओं की आपसी सहयोग नही बन पाते थे उस पुरानी संसद भवन के सदनों में अगर देश हित योजनाएं सफल होते तो आज भारत का तस्वीर कुछ और होता।
कांग्रेस के नेताओं का बोलना कोई गलत नहीं है बहुत से योजनाएं कांग्रेस ने बनाई देश हित में और कांग्रेस ताकत भी लगाए लेकिन उनके अच्छे ताकतवर योजनाएं सफल नहीं हो पाए, जिसके कारण उनके नियति और नियत पर आज दाग लगा हुआ है और यह दाग लगाने वाले भारत के कुछ दलों के नेताओं के द्वारा किया गया था जो आज कांग्रेस के साथ उनके हितैषी बनकर उनके साथ गठबंधन कर देश में आज एक साथ मिलकर राजनीति कर रहे है, जबकि यही दलों के नेताओं ने कांग्रेस के देश हित योजनाएं को खंड खंड किया जो आज कांग्रेस की स्तर भारत में शून्यता की ओर अग्रसर हो रही है और आगे यही उनके गठबंधन में जुड़े हुए नेताओं द्वारा कांग्रेस को पतन की ओर न ले जाए ऐसा आने वाले चुनाव में कांग्रेस के भविष्य खतरे में दिखाई दे रहे हैं।
अब भारत अपने बल बुते से अपनी नये संसद भवन का निर्माण किया और वह भी भारतीय संस्कार, संस्कृति के साथ और उनका उद्घाघाटन गणेश चतुर्थी के प्रथम दिन में हुआ वह भी अपने आप में भारत के उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाने का संकेत है, और नये संसद भवन के पहले सत्र में ही महिला आरक्षण बिल पर चर्चा होना और अपने अपने चर्चाएं को रखना और शांति रूप से एकमत होकर लोकसभा के सदन में और राज्य सभा के सदनों में महिला आरक्षण नारी शक्ति वंदन बिल का सर्व दल नेताओं के सांसदो के द्वारा समर्थन करना यह नये संसद भवन के लिए ऐतिहासिक है और यह भारत के लिए शुभ संकेत है।
इसे राजनीतिक स्तर से देखकर वर्तमान सत्ता धारी बीजेपी सरकार अपने आप अकेला श्रेय नही ले सकता क्योंकि इस नारी शक्ति वंदन बिल का समर्थन देश के सभी दलों के सांसदो के द्वारा किया गया है। और दो सांसदो ने विरोध किया लोकसभा में नारी शक्ति वंदन बिल का उनको जवाब खुद उनके समाज के महिलाओ द्वारा मिल जायेगा इसमें कोई संदेह नहीं है भारतीय मुस्लिम महिलाओं का भी अधिकार है इस महिला आरक्षण नारी शक्ति वंदन कानून में क्योंकि वह भी एक नारी शक्ति है और अपने आप के अधिकार के बारे में उन्हें भी पता है उन्हें क्या बनना है और उन्हें क्या करना है।
जब सर्व दलों के सांसदो ने सर्व सम्मत होकर महिला आरक्षण नारी शक्ति वंदन बिल का समर्थन किया है तो कांग्रेस नेता राहुल गाँधी जी को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन महिला आरक्षण नारी शक्ति वंदन बिल को लेकर कमेंट कर देश में राजनीति करना देश के सर्व धर्म जातियों के महिलाओ को अलग अलग रूप में बाँटना या तथ्य विहीन बात कर कांग्रेस नेता राहुल गाँधी जी देश के लोकतन्त्र को क्या संदेश देना चाहते है, जबकि लोकसभा और राज्यसभा में इन बातों का चर्चा हो चुका है, एससी, एसटी, ओबीसी व अल्पसंख्यक मुस्लिम महिलाओ को अलग से आरक्षण में और आरक्षण का लाभ देने की चर्चाएं हुई, लेकिन विरोध नहीं हुआ बल्कि सर्व दलों के सांसदो के द्वारा सर्व सम्मत से समर्थन किया गया तो इस विषय को लेकर देश में राजनीति करना कांग्रेस नेता राहुल गाँधी जी का उचित नहीं है।
जबकि खुद से समर्थन दिया कांग्रेस पार्टी ने नारी शक्ति वंदन बिल को। अगर सहमत नहीं थे तो समर्थन ही नही देना था कांग्रेस पार्टी सांसदो को नारी शक्ति वंदल बिल को तब इनका राजनीति करना उचित था इनके हितों के लिए अब करना मतलब देश के महिलाओ को गुमराह करने जैसा है, जिससे कांग्रेस को खुद की नुकसान होगा आने वाले चुनाव में इसलिए चुप बराबर सुख नहीं इस बात पर ध्यान देना चाहिए कांग्रेस नेताओं को क्योंकि इनके समर्थन प्राप्त है नारी शक्ति वंदन बिल को।
और अब कांग्रेस राजनीति करेगा तो ये समझ आ जायेगा देश के लोकतन्त्र को कि महिला आरक्षण नारी शक्ति वंदन बिल का समर्थन करना कांग्रेस की मजबूरी था क्योंकि सामने चुनाव है और इसका प्रभाव कांग्रेस को पड़ता इसलिए यह मजबूर थे और बाहर में राजनीति करना इनके मजबूरी है क्योंकि इन्हें वोट बैंक की राजनीति करना है इसलिए एसटी, एससी, ओबीसी अल्प संख्यक मुस्लिम महिलाओं का हितैषी बनकर कांग्रेस सामने आ रहा है जबकि इन महिला आरक्षण बिल कालेखा जोखा बीजेपी पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के पास है तो कांग्रेस का इसमें क्या रोल है जब रोल निभाने थे लोकसभा/राज्यसभा में तो समर्थन ही नही करना था इस महिला आरक्षण नारी शक्ति वंदन बिल को लेकर अब यह कांग्रेस का राजनीति करना तथ्य विहीन है।
अब भारत में नारी शक्ति का आगाज हो चुका है और इसे ठगने का प्रयास करेगा उसका समूल नाश होना तय है, क्योंकि भारत की नारी इस महिला आरक्षण बिल के पास होते ही उनके आशाएँ आकांक्षाऐ जागृत हो चुकी हैं जिसे अब कोई भ्रमित नही कर सकता क्योंकि आने वाले समय काल में भारत की नारी शक्ति भारत को सबल बनायेगी और इस नारी शक्ति का ईमानदारी दुनिया देखेगी और भारत के हर एक कोने में विकास की बयार चलेगी क्योंकि नारी शक्ति में वह दम है जो अपने सुखों को त्याग कर दुसरो को सुख देती है क्योंकि नारी शक्ति नवसृजन की देवी है।