प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आदि महोत्सव के उद्घाटन समारोह में शामिल हुई सरगुजा सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी  के साथ आदि महोत्सव के उद्घाटन समारोह में शामिल हुई सरगुजा सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आदि महोत्सव के उद्घाटन समारोह में शामिल हुई सरगुजा सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह

दिल्ली - मेजर ध्यान चंद हॉकी स्टेडियम नई दिल्ली में दस दिवसीय आदि महोत्सव के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय राज्य मंत्री  रेणुका सिंह शामिल हुई,  केंद्रीय मंत्रिमंडल के अर्जुन मुंडा , फग्गन सिंह कुलस्ते , डॉक्टर भारती पवार , बिशेश्वर टुडू , अन्य महानुभाव, और देश के अलग-अलग राज्यों से आए आदिवासी समाज भी शामिल हुआ. इस अवसर पर प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव में आदि महोत्सव देश की आदि विरासत की भव्य प्रस्तुति कर रहा है।

अभी मुझे मौका मिला देश की आदिवासी परंपरा की इस गौरवशाली झांकी को देखने का। तरह-तरह के रस, तरह-तरह के रंग! इतनी खूबसूरत पोशाकें, इतनी गौरवमयी परम्पराएँ! भिन्न-भिन्न कलाएं, भिन्न-भिन्न कलाकृतियाँ! भांति-भांति के स्वाद, तरह-तरह का संगीत, ऐसा लग रहा है जैसे भारत की अनेकता, उसकी भव्यता, कंधे से कंधा मिलाकर एक साथ खड़ी हो गई है।


ये भारत के उस अनंत आकाश की तरह है, जिसमें उसकी विविधताएँ इंद्रधनुष के रंगों की तरह उभर करके सामने आ जाती हैं। और इंद्रधनुष की एक और विशेषता भी है। ये अलग-अलग रंग जब एक साथ मिलते हैं, तो प्रकाश पुंज बनता है जो विश्व को दृष्टि भी देता है, और दिशा भी देता है। ये अनंत विविधताएं जब ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के सूत्र में पिरोतीं हैं, तब भारत का भव्य स्वरूप दुनिया के सामने आता है। तब, भारत अपने सांस्कृतिक प्रकाश से विश्व का मार्गदर्शन करता है।
ये आदि महोत्सव ‘विविधता में एकता’ हमारे उस सामर्थ्य को नई ऊंचाई दे रहा है। ये ‘विकास और विरासत’ के विचार को और अधिक जीवंत बना रहा है। मैं अपने आदिवासी भाई-बहनों को और आदिवासी हितों के लिए काम करने वाली संस्थाओं को इस आयोजन के लिए बधाई देता हूँ। 21वीं सदी का भारत, सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर चल रहा है। जिसे पहले दूर-सुदूर समझा जाता था, अब सरकार दिल्ली से चलकर उसके पास जाती है। जो पहले खुद को दूर-सुदूर समझता था, अब सरकार उसे मुख्यधारा में ला रही है। बीते 8-9 वर्षों में आदिवासी समाज से जुड़े आदि महोत्सव जैसे कार्यक्रम देश के लिए एक अभियान बन गए हैं। कितने ही कार्यक्रमों का मैं खुद भी हिस्सा बनता हूँ। ऐसा इसलिए, क्योंकि आदिवासी समाज का हित मेरे लिए व्यक्तिगत रिश्तों और भावनाओं का विषय भी है। जब मैं राजनीतिक जीवन में नहीं था, एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप, संगठन के कार्यकर्ता के रूप में काम करता था, तो मुझे अनेकों राज्‍यों में और उसमें भी हमारे जनजातीय समूह के बीच जाने का अवसर मिलता था।