सुप्रीम कोर्ट : ने कहा है कि किराया न चुकाना आपराधिक मामला नहीं है, किरायेदार के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द ..
Supreme Court: Has said that non-payment of rent is not a criminal case, quashing the FIR registered against the tenant




NBL,. 16/03/2022, Lokeshwer Prasad Verma,.. नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किराया न चुकाना आपराधिक मामला नहीं है। शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी करते हुए बकाया भुगतान न करने के लिए किरायेदार के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया, पढ़े विस्तार से...।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि किराये का भुगतान न करने का दीवानी मामला तो चल सकता है, लेकिन इसे भारतीय दंड संहिता के तहत दंडनीय अपराध नहीं माना जा सकता।
पीठ ने कहा, इस पर कोई आपराधिक मुकदमा नहीं बनता। भले हम शिकायत में किए गए तथ्यात्मक दावों को स्वीकार करें। शिकायत के आधार पर ही एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर में धारा-415 के तहत धोखाधड़ी और धारा-403 के तहत हेराफेरी के अपराध के लिए कानूनी आवश्यकताएं गायब हैं।
शीर्ष अदालत इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दायर अपील पर विचार कर रही थी, जिसमें आईपीसी की धारा-415 (धोखाधड़ी) और धारा-403 (संपत्ति का बेईमानी से दुरुपयोग) के तहत वर्तमान अपीलकर्ता (नीतू सिंह व अन्य) के खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने से इनकार कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने यह देखते हुए कि अपीलकर्ताओं (किरायेदार) से भारी बकाया वसूला जाना है, प्रतिवादियों को उपलब्ध दीवानी उपचारों का सहारा लेने की छूट दी है।