सफलता की कहानी :अबूझमाड़ के किसानों के जीवन में विकास की नयी सुबह...5 हजार से अधिक किसानों को मिला मसाहती पट्टा....अब समर्थन मूल्य पर धान बेच पाएंगे अबूझमाड़ के किसान
Success story: New dawn of development in the lives of farmers of Abujhmad...More than 5 thousand farmers got Mashati Patta




Success story: New dawn of development in the lives of farmers of Abujhmad...More than 5 thousand farmers got Mashati Patta
रायपुर, 2022/अबूझमाड़ के आदिवासी किसानों का पीढ़ियों तक एक ही दर्द रहा। जमीन तो है लेकिन कितनी थी, कहां थी कोई रिकॉर्ड नहीं था। खेती तो करते लेकिन केसीसी ना होने से लोन नहीं मिल पाता था। फसल होती थी, पर बिक्री की व्यवस्था नहीं थी। अबूझमाड़ के 246 गांवों के किसान ऐसी ही परेशानियों में जीवन गुजार रहे थे। अबूझमाड़ क्षेत्र में सर्वे ना होने की वजह से इनकी जमीन का राजस्व रिकॉर्ड में कहीं कोई उल्लेख नहीं था। लेकिन अब अबूझमाड़ अबूझ नही रहेगा। अबूझमाड़ क्षेत्र के 93 गांव के 5000 से अधिक किसानों को अब इसे मसाहती पट्टा वितरित किया जा चुका है। इसे
साथ ही ही अब वहां भी विकास की नयी सुबह हो चुकी है।
अबूझमाड़ के किसान अब तक भगवान भरोसे ही खेती करते रहे। मसाहती पट्टा मिल जाने के बाद खेत में सोलर पंप लग गया है। किसान खुले बाजार में 10 से 15 रुपये में धान बेच देते थे। लेकिन अब सोसायटी में पंजीयन कराके समर्थन मूल्य पर धान बेच पाएंगे। इसके लिए अबूझमाड़ क्षेत्र के कोहकामेटा, बासिंग एवं ओरछा में धान खरीदी केंद्र प्रारंभ किए गए हैं।
*अब मिलेगा शासकीय योजनाओं का लाभ -* मसाहती पट्टा मिलने के बाद अबूझमाड़ के किसानों को शासकीय योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा। सोसायटी में पंजीयन हो सकेगा और वे धान बेच पाएंगे। किसानों के खेतों में अब डबरी निर्माण हो सकेगा। सिंचाई हेतु सोलर पंप की सुविधा मिल पाएगा। कृषि एवं उद्यानिकी विभाग की योजनाओं का लाभ मिल पायेगा। कृषि विभाग से अब किसानों को विभिन्न फसलों के बीज वितरण के साथ-साथ मार्गदर्शन भी दिया जा रहा है। किसानों के खेत में ड्रिप लाइन बिछायी जा रही है और पॉली हाउस बनाया गया है।
*93 गांवों का मसाहती सर्वे पूर्ण*
मसाहती सर्वे हेतु अधिसूचित 246 ग्रामों में से सम्पूर्ण ओरछा विकासखण्ड के 237 ग्राम तथा नारायणपुर विकासखण्ड के 9 ग्राम शामिल थे। अब तक नारायणपुर जिले के 93 ग्रामों का मसाहती सर्वे किया जा चुका है जिसमे से नारायणपुर विकासखण्ड के असर्वेक्षित 9 ग्रामो का तथा ओरछा विकासखण्ड के 84 ग्रामों का सर्वे किया जा चुका है। अब तक 5000 से अधिक लोगों को मसाहती खसरा का वितरण किया जा चुका है। शेष सभी किसानों का सर्वे कर मसाहती खसरा से जोड़ा जा रहा। मसाहती खसरा देने के साथ साथ उन्हें शासन की अन्य योजनाओं से जोड़ा जा रहा।