बेमेतरा:कूटरचित दस्तावेजो से प्रस्तुत चार्जशीट मामले में हुई शिकायत की जांच शुरू,मामला साजा जनपद में फर्जी शिक्षाकर्मी भर्ती

बेमेतरा:कूटरचित दस्तावेजो से प्रस्तुत चार्जशीट मामले में हुई शिकायत की जांच शुरू,मामला साजा जनपद में फर्जी शिक्षाकर्मी भर्ती

संजू जैन :7000885784
बेमेतरा:सीईओ जनपद पंचायत साजा द्वारा दिये गए कूटरचित दस्तावेजो को थाना प्रभारी द्वारा न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी  न्यायालय साजा में दाखिल चार्जशीट मामले में कोहकाबोड़ निवासी सेवा निवृत्त शिक्षक नारद सिंह राजपूत द्वारा मुख्य सचिव,विधि विधायी सचिव,गृह सचिव,और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सचिव छत्तीसगढ़ शासन मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर के पास जो शिकायत की गई थी , जिसकी जांच पुलिस डेड क्वार्टर के निर्देश पर शुरू हो गई है इस मामले में नारद सिंह राजपूत ने अपने शिकायत पत्र में यह आरोप लगाया था कि जनपद पंचायत साजा ने आरोपियों के  मूल  दस्तावेज की जगह थाना साजा में छायाप्रति और कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत किया है,जिसे थाना साजा ने बिना दस्तावेजो को परीक्षण किए सीधे न्यायालय में प्रस्तुत कर दिए और यह कृत्य  सीधे सीधे प्रत्यक्ष रूप से आरोपियों को ही लाभ पहुचाई जा रही है


*दोषियों को शासन प्रशासन खुलेआम बचा रही है*
 जब जनपद ने खुद फर्जी नियुक्ति किया है तो वो खुद अपराधी है,दो दो बार जांच हुई दोनो बार की जांच प्रतिवेदन में जांच अधिकारियों ने चयन समिति को ही  दोषी ठहराया है और ये सारी कवायदें चयन समिति को ही बचाने में ही हो रही है साथ मे एक बड़ा रैकेट जिसमे राजनीति से जुड़े लोग भी हो सकते है जिन्होंने बाहर से चयन समिति को फर्जी प्रमाण उपलब्ध कराया है,इसलिए ही प्रशासन इनको बचाने में लगी है जिसका प्रत्यक्ष लाभ आरोपियों को ही मिल रहा है,

 *इन बिंदुओं पर पुलिस ने जांच नही की*

  जिन 11 लोगो के विरुद्ध एफआईआर हुई है तो उनके बयान को विवेचना अधिकारी आंख मूंदकर कैसे मान लिया सभी आरोपियों के बयान में काफी विरोधाभास है सब ने एक सा रटा रटाया बयान दिया है कि हमने अपने आवेंदन मे कूटरचित प्रमाण पत्र नही लगाया,हमारे द्वारा प्रस्तुत प्रमाणपत्रों के आधार पर हमारी नियुक्ति हुई और हमने नियुक्ति के समय कोई दावा आपत्ति नही की दूसरे तरफ जांच प्रतिवेदन और अधिकारियों के बयान में वो स्पष्ट रूप से लिखे है कि आरोपियों के आवेंदन में कूटरचित प्रमाणपत्र पाया गया जिसे सत्यापन कराने पर फर्जी होना पाया गया, यहाँ पर विवेचना अधिकारी ने आरोपियों के बात को क्यो माना,जब आरोपियों ने अपने आवेंदन मे प्रमाणपत्र नही लगाया तो फिर किसने लगाया,फिर सलग्न प्रमाणपत्रों के आधार पर  अंक विभाजन वरीयता सूची कैसे तैयार हुई, निश्चित ही फर्जी प्रमाण पत्र चयन समिति ने लगाया है और जब चयन सूची जारी होने के पूर्व अंक विभाजन वरीयता सूची जनपद के नोटिस बोर्ड पर सार्वजनिक रूप से चस्पा हुई जिसमें दावा आपत्ति भी किया गया था,उक्त घटनाओं में  चयनित  अभ्यर्थियों की मौन स्वीकृति थी तभी वो दावा आपत्ति नही किये इन सब बिंदुओं पर विवेचना अधिकारी ने कोई जांच नही किया, जब पुलिस का हाथ   चयन समिति के गिरेबान तक जाती तब सारी तथ्यो का खुलासा होता जिसे पुलिस नही कर पाई क्यो नही की   इन परिस्थितियों में पुलिस प्रशासन पर सवाल उठेगा ही , पुलिस ये पता करने में क्यो नाकाम रही कि कूटरचित प्रमाणपत्रों को किसने लगाया ऊपर से जनपद ने सबूत जिसमे नियुक्ति से संबंधित मूल आवेंदन एवं अन्य अभिलेख भी बरामद नही कर पाई,और न ही नष्ट या गायब करने वालो के ऊपर साक्ष्य गायब या नष्ट करने का मामला दर्ज करा पाई ऊपर से खाना पूर्ति करने के लिए आधी अधूरी विवेचना कर न्यायालय में छायाप्रति और कूटरचित दस्तावेजो को ही चार्जशीट में प्रस्तुत कर दिया,

               *कथन*
फर्जी शिक्षाकर्मियों के विरुद्ध 2018 साजा थाना में जो एफआईआर दर्ज हुई थी,जिसमे  लगभग 03 वर्ष बाद काफी हिला हवाला करते हुए अगस्त 2020 में थाना प्रभारी के द्वारा न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय साजा में चार्जसीट प्रस्तुत किया गया था,जिसमे जनपद पंचायत साजा द्वारा मूल अभिलेखों के बजाय दिये गए कूटरचित एवं छायाप्रति अभिलेखों को थाना साजा द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था,जिससे आगे चलकर समस्त आरोपियों का साक्ष्य के आभाव में बरी हो जाने की पूरी संभावना है, जिसकी शिकायत मेरे द्वारा 15 फरवरी 2021 को चीफ सेक्रेटरी छ ग शासन सहित सेक्रेटरी गृह विभाग,सेक्रेटरी विधि विधायी विभाग और सेक्रेटरी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पास किया गया था जिसके जांच के संबंध में पुलिस हेड क्वार्टर छ ग शासन रायपुर द्वारा जारी पत्र के  रिफरेंस में पुलिस अनुविभागीय अधिकारी बेरला का मुझे अपना कथन प्रस्तुत करने 04 अगस्त 2021 को  नोटिस मिला,जिसमें मैंने अपना कथन लिखित में सक्षम अधिकारी के पास प्रस्तुत कर दिया है,चुंकि मेरे द्वारा की गई शिकायत पत्र के मामले में अभी उच्च कार्यालयों के निर्देश पर जांच की प्रक्रिया शुरू हुई है तो तत्काल इस पर अधिक कुछ कहना उचित नही होगा,लेकिन दोषी अधिकारियों पर जो आरोप लगाते हुए मैने उच्च कार्यालय में शिकायत किया हूँ उसके प्रमाणित दस्तावेजी साक्ष्य मेरे पास उपलब्ध है,जिसे समय आने  पर उच्च कार्यालय या न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करूँगा

*नारद सिंह राजपूत सेवा निवृत्त शिक्षक एवं शिकायत कर्ता कोहकाबोड़ साजा*