CG:मन की बात में छत्तीसगढ़ बेमेतरा जिले के कृषि मंत्री के गृह साजा विधानसभा क्षेत्र के देऊरगांव का जिक्र: महिलाओं का काम पीएम मोदी को आया पसंद गांव में चलाती हैं सफाई अभियान...जय गोंडवाना महिला स्व सहायता समूह

CG:मन की बात में छत्तीसगढ़ बेमेतरा जिले के कृषि मंत्री के गृह साजा विधानसभा क्षेत्र के देऊरगांव का जिक्र: महिलाओं का काम पीएम मोदी को आया पसंद गांव में चलाती हैं सफाई अभियान...जय गोंडवाना महिला स्व सहायता समूह
CG:मन की बात में छत्तीसगढ़ बेमेतरा जिले के कृषि मंत्री के गृह साजा विधानसभा क्षेत्र के देऊरगांव का जिक्र: महिलाओं का काम पीएम मोदी को आया पसंद गांव में चलाती हैं सफाई अभियान...जय गोंडवाना महिला स्व सहायता समूह

संजू जैन:7000885784
बेमेतरा:बेमेतरा जिले साजा विधानसभा जो बिरनपुर घटना के बाद.से देश में चला इसी बीच में साजा विधानसभा के लिए एक अच्छी खबर जी हा हम बता रहे है देऊरगांव जय गोंडवाना महिला स्वसहायता समूह का नाम और इनका काम का जिक्र आज प्रधानमंत्री मन की बात में लिए 

बेमेतरा जिले के देऊर गांव की महिलाओं का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पसंद आया। मन की बात कार्यक्रम के 100वें एपिसोड में प्रधानमंत्री ने इन महिलाओं का जिक्र देश में मिसाल के तौर पर किया उन्होंने कहा- इस कार्यक्रम में हमने देश की महिलाओं की उपलब्धियों पर बात की। इसकी खूब प्रशंसा हुई है। पीएम मोदी ने सेना की महिलाओं और देश की खिलाड़ी महिलाओं का जिक्र करने के बाद उदाहरण के तौर पर छत्तीसगढ़िया महिलाओं का नाम लिया। उन्होंने कहा- छत्तीसगढ़ के देऊर गांव की महिलाएं अच्छा काम कर रही हैं। वो अपने गांव के चौराहों, सड़कों और मंदिरों की सफाई के लिए अभियान चलाती हैं। लोगों को जागरुक करती हैं।

ये हैं वो महिलाएं जिनका काम PM को पसंद आया इस समूह में कलिन्द्री सोरी, द्रौपती कुंजाम, हिना नेताम, इंद्राणी, तिजिया, विश्वासा, रामहीन, जामीन, शुकवारो समेत और भी महिला सदस्य शामिल हैं। समूह की अध्यक्ष शांति नेताम हैं। इस ग्रुप का नाम जय गोंडवाना महिला स्वसहायता समूह है। 75वें स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले इन महिलाओं ने गांव में अपने स्तर पर अभियान शुरू किया। समूह की अध्यक्ष ने बताया, गांव को साफ रखने की हमने सोची और गली-गली डस्टबीन लेकर साफ-सफाई कर अपने गांव को साफ सुथरा रखने का काम शुरू किया।

बच्चों को भी करती हैं जागरुक गांव की ये महिलाएं स्कूली बच्चों को सफाई के प्रति जागरुक करती हैं। समूह सप्ताह में एक दिन गांव के चौक-चौराहों मंदिर और सार्वजनिक स्थल पर सफाई में अहम भूमिका निभाती हैं। ये महिलाएं गांव के गौठन के लिए दो एकड़ में हरा चारा भी तैयार कर रही हैं। ताकि गोठान के पशुओं को चारे की कमी न होने पाए। ये गोठान में वर्मी कंपोस्ट खाद भी बना रही है। अब तक अपनी मेहनत से 70 हजार से ज्यादा की खाद बेच चुकी हैं।