CG ब्रेकिंग : प्रधाममंत्री आवास आबंटन में धांधली, नगर निगम के 3 कर्मचारियों ने बनाए फर्जी दस्तावेज, पुलिस ने किया ऐजेंट सहित 4 पर FIR दर्ज…..




बिलासपुर 25 अक्टूबर 2021- PM आवास आबंटन में नगर निगम के अफसरों की मिलिभगर से जमकर धांधली किये जाने का खुलासा हुआ है। पूरा मामला बिलासपुर नगर निगम से जुड़ा हुआ है। पुलिस की जांच में गड़बड़ी सामने आने के बाद एजेंट सहित नगर निगम के तीन कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि बिलासपुर के सिविल लाइन थाना में PM आवास आबंटन में धांधली के साथ ही ठगी करने की शिकायत दर्ज कराया गया था। शिकायत मिलने के बाद अब सिविल लाइन पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। जांच में नगर निगम के आवास शाखा प्रभारी को पत्र लिखकर जानकारी जुटाई गई और दस्तावेजों का मिलान भी कराया गया, जिसके बात पता चला कि नगर निगम ने मकान आबंटन के लिए रसीद ही नहीं दिया है। शासन की योजना के तहत अभी विस्थापित लोगों को ही मकान दिए जा रहे हैं। नगर निगम ने शिकायतकर्ताओं को निगम के नाम से जारी पत्र व रसीद को फर्जी बताया है। इसके बाद जांच में पुलिस ने मकान दिलाने के नाम पर रुपये वसूलने वाले सैदा निवासी सुबीर कुमार बासु को हिरासत में लेकर जब पूछताछ किया गया, तो उसने पुलिस को बताया कि नगर निगम के कर्मचारी सूरज यादव , आशीष तिवारी और विजय साहू के साथ मिलकर मकान आंबटन फार्म भरवाया गया था। फिर नगर निगम के नाम से फर्जी आबंटन पत्र उन्हें दिया गया। सुबीर के अनुसार नगर निगम की रसीद, आबंटन पत्र जैसे दस्तावेज नगर निगम के कर्मचारियों ने ही बनाया था।
उसे इस बात की जानकारी नहीं थी। पुलिस इस मामले में धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर आरोपी निगम कर्मचारी सूरज यादव, आशीष तिवारी व विजय साहू की तलाश कर रही है। पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है आरोपी सुबीर बासु को मकान आबंटित कराने का दावा निगम कर्मचारियों ने ही किया था। ग्राहक लाने पर उसे एक मकान के एवज में 10 हजार कमीशन दिया जाता था। गौरतलब है कि तोरवा क्षेत्र के मातेश्री अपार्टमेंट निवासी एड्रयू मेक्फारलेंड सहित तीन अन्य ने सिविल लाइन थाने में इस मामले की शिकायत की है। जिसमें सुबीरकुमार बासु पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नगर निगम में मकान दिलाने का झांसा देकर रुपये वसूली करने व फर्जी दस्तावेज देने का आरोप लगाया गया है, आरोपियों ने इनसे फर्जी दस्तावेज बनाकर प्रत्येक मकान के लिए एक लाख 40 हजार रुपये की वसूली की थी। मामले का खुलासा होने के बाद अब सिविल लाइन पुलिस फरार निगम कर्मियों की सरगर्मी से तलाश कर रही है।