निमोनिया से बचाव के लिये पंती को लगाया गया सबसे पहले पीसीवी वैक्सीन जिला अस्पताल सुकमा में की गई कार्यक्रम की शुरुआत

निमोनिया से बचाव के लिये पंती को लगाया गया सबसे पहले पीसीवी वैक्सीन जिला अस्पताल सुकमा में की गई कार्यक्रम की शुरुआत

सुकमा, 15 जून 2021-निमोनिया से बच्चों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य के साथ जिले में बच्चों के लिए न्यूमोकोकल कान्जुगेट टीकाकरण की शुरुआत की गई है। न्यूमोकोकल कान्जुगेट वैक्सीन (पीसीवी) कार्यक्रम पूरे देशभर में चलाया जाएगा और इसकी शुरुआत सुकमा जिले में भी की गई है। जिला अस्पताल में ढाई माह की पंती को पीसीवी टीका लगाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इसके लिये राज्य से कुल 600 डोज पीसीवी की प्राप्ति हुई है।

      न्यूमोकोकल कान्जुगेट टीकाकरण निमोनिया पीड़ित बच्चों के स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगा। यह टीकाकरण कार्यक्रम पहले सिर्फ पांच राज्यों में चलाया जा रहा था, लेकिन अब इसे यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम में शामिल कर लिया गया है। बरसात का मौसम आते ही संभावित कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के अलावा बच्चों को निमोनिया से भी सुरक्षित रखने का प्रयास जिले में तेजी से शुरू हो गया है। इसी क्रम में निमोनिया से बचाव के लिए जिले के टीका हेतु पात्र सभी बच्चों का पीसीवी टीकाकरण किया जाएगा। इस वैक्सीन की डोज जिले के शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनवाड़ी केंद्रों में निशुल्क दी जाएगी। निमोनिया से बचाव के लिए पीसीवी वैक्सीन क्रमशः छह और 14 सप्ताह उम्र के बच्चों को दी जाएगी। इसके अलावा 9 माह उम्र के बच्चों को बूस्टर डोज दी जाएगी। 

 

   जिला सीएमएचओ सी.पी.बंसोड़ ने बताया, “यह जीवन रक्षक टीका कोविड संक्रमण काल में बच्चों को स्वस्थ रखने के साथ ही निमोनिया के कारण होने वाले अस्पताल व दवाओं के खर्चों को भी कम करेगा। इस टीके के तीन डोज होंगे। न्यूमोकोकल बैक्टीरिया से होने वाले निमोनिया, मस्तिष्क ज्वर,कान का इन्फेक्शन व साइनुसाइटिस से बचाव के लिए न्यूमोकोकल वैक्सीन (पीसीवी वैक्सीन ) पूरी तरह सुरक्षित व असरदार है। पीसीवी टीका हर सप्ताह मंगलवार और शुक्रवार को आयोजित किए जाने वाले नियमित टीकाकरण सत्र में जिले के सभी शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों तथा आंगवाड़ी केंद्रों में पात्र बच्चों को निःशुल्क किया जाएगा”।     

       उन्होंने बताया, “निमोनिया, मस्तिष्क ज्वर,कान का इन्फेक्शन व साइनुसाइटिस की वजह से देश में हर साल लगभग 15 फीसदी बच्चों की मौत हो जाती है, जो बेहद गंभीर विषय है, लेकिन पीसीवी टीकाकरण के माध्यम से बच्चों की निमोनिया से होने वाली इस मृत्यु दर पर अब काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकता है। पीसीवी के एक टीके की कीमत बाजार में लगभग ढाई से तीन हजार रुपये है और ऐसे में पीसीवी टीकाकरण को यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम में शामिल किया जाना किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है”।