Old Gold Jewellery Rate : पुरानी ज्वैलरी बेचकर नई खरीदने का है प्लान! तो जान लीजिये ये जरुरी खबर, वरना हो जायेगा बड़ा नुकसान...

Old Gold Jewelery Rate: Plan to sell old jewelery and buy new one! So know this important news, otherwise you will suffer a big loss... Old Gold Jewellery Rate : पुरानी ज्वैलरी बेचकर नई खरीदने का है प्लान! तो जान लीजिये ये जरुरी खबर, वरना हो जायेगा बड़ा नुकसान...

Old Gold Jewellery Rate : पुरानी ज्वैलरी बेचकर नई खरीदने का है प्लान! तो जान लीजिये ये जरुरी खबर, वरना हो जायेगा बड़ा नुकसान...
Old Gold Jewellery Rate : पुरानी ज्वैलरी बेचकर नई खरीदने का है प्लान! तो जान लीजिये ये जरुरी खबर, वरना हो जायेगा बड़ा नुकसान...

Old Gold Jewellery Rate :

 

नया भारत डेस्क : पुराने गहने बदलकर नया खरीदने का चलन भारत में सबसे ज्‍यादा है. लेकिन, सारा खेल भी यहीं से शुरू होता है. चाहे छोटे ज्‍वैलर हों या ब्रांडेड शोरूम, पुराने गहने बदलने में सभी खेल करते हैं. दरअसल, जब भी आप पुराने गहने बदलकर नया लेने जाते हैं तो सबसे बड़ी मुश्किल सोने की शुद्धता को लेकर आती है. इसी चक्‍कर में अक्‍सर आपके गहनों की वाजिब कीमत भी नहीं मिल पाती. आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह से आपके पुराने गहनों पर ज्‍वैलर्स दांव खेलते हैं और ग्राहक को नुकसान उठाना पड़ता है. साथ ही आप कौन सी सावधानी बरतें ताकि आपके पुराने गहनों पर हमेशा सही कीमत मिल सके. (Old Gold Jewellery Rate)

आसान नहीं होता गहने बदलने का प्रोसेस

पुराने गहनों को बदलकर उसकी कीमत में नए लेने की प्रक्रिया इतनी आसान भी नहीं होती. पुराने गहनों को हमेशा 2 स्‍टेप्‍स में परखा जाता है. पहले उसे कैरेट मीटर मशीन पर रखकर स्‍कैन किया जाता है. इससे पता चलता है कि उस गहने में कितने कैरेट का गोल्‍ड है, लेकिन यह सिर्फ बाहरी परत को ही स्‍कैन कर पाता है. (Old Gold Jewellery Rate)

दूसरी प्रक्रिया में उस गहने के छोटे से टुकडे़ को पिघलाकर देखा जाता है, जिससे गोल्‍ड की वास्‍तविक शुद्धता को परखा जा सके. यहीं पर सारी दिक्‍कतें शुरू होती हैं. लाइव मिंट के अनुसार, पिघलाए गए सोने को जितनी बार स्‍कैन करके देखा जाता है, उसकी रीडिंग अलग आती है. ऐसे में ज्‍वैलर सबसे कम रीडिंग को आधार मानकर सोने की कीमत लगाते हैं. (Old Gold Jewellery Rate)

मशीन की वैधता पर भरोसा कैसे करें

दरअसल, सोने को जांचने के लिए इस्‍तेमाल में लाई जाने वाली एक्‍स-रे फ्लोरेसेंस स्‍पेक्‍टोमीटर या कैरट मीटर मशीन को न तो सरकार बेचती है और न ही किसी अथॉरिटी की ओर से दिया जाता है. ऐसे में इस मशीन के भरोसे को लेकर भी आशंका रहती है. गहने को पिघलाकर उसकी शुद्धता मापने का पैमाना लगभग सभी ज्‍वैलर्स अपनाते हैं. यहां तक की बड़े ब्रांड वाले भी. ग्राहक के पास बिल होता है तो भी उनके गहनों की शुद्धता इसी प्रक्रिया से मापी जाती है. (Old Gold Jewellery Rate)

कुछ ही ऐसे छोटे ज्‍वैलर्स होते हैं जो गहनों को बिना पिघलाए ही उसे बदलने पर राजी हो जाते हैं. हालांकि, ऐसे ज्‍वैलर्स आपके गहने की कीमत को 25 से 30 फीसदी घटा देते हैं, जो वेस्‍टेज चार्ज के रूप में जोड़ा जाता है. अलग-अलग ज्‍वैलर्स इन गहनों पर वेस्‍टेज चार्ज भी अलग लगाते हैं. इसकी रेंज 3 से 6 फीसदी तक हो सकती है. यह गहने में इस्‍तेमाल सोने की शुद्धता पर निर्भर करता है. (Old Gold Jewellery Rate)

अच्‍छी कीमत के लिए क्‍या करें

दिल्‍ली में नारंग लीजेसी ब्रांड से ज्‍वैलरी शॉप चलाने वाले उदित नारंग का कहना है कि गहनों में सोने की मात्रा को जांचने के लिए उसे पिघलाकर परखा जाता है. इसके लिए ज्‍यादातर ज्‍वैलर्स XRV टेस्टिंग प्‍योरिटी मशीन का इस्‍तेमाल करते हैं. अगर आपकी ज्‍वैलरी हॉलमार्क वाली है तो इसे पिघलाने की जरूरत नहीं पड़ती. हॉलमार्क वाली ज्‍वैलरी में सोने की शुद्धता लिखी होती है. लिहाजा इसे परखने की जरूरत नहीं पड़ती. (Old Gold Jewellery Rate)

ठगी से बचने का क्‍या तरीका

दिल्‍ली कूचा महाजनी के द बुलियन एंड ज्‍वैलर्स एसोसिएश के चेयरमैन योगेश सिंघल ने बताया कि ग्राहक जब बिना हॉलमार्क वाली ज्‍वैलरी खरीदें तो उसकी शुद्धता को 2 तरह से चेक जरूर कराएं. आज हर छोटे-बड़े शहर में शुद्धता जांचने की मशीन उपलब्‍ध है. एक तो गहने की स्किन टेस्टिंग करानी चाहिए, जिससे पता चलेगा कि वह गहना 22 कैरेट का है या 18 कैरेट का. दूसरा उसे ज्‍वाइंट टेस्टिंग करानी चाहिए, जिसमें सोने की वास्‍तविक शुद्धता का पता चल जाता है. सोने की जो भी शुद्धता आए, उसे आप बिल पर भी जरूर नोट करवा लें. हालांकि, बेहतर होगा कि आप हॉलमार्क वाले गहने खरीदें जिसमें ग्राहक के सामने सभी चीजें स्‍पष्‍ट रहती हैं. (Old Gold Jewellery Rate)