दोरनापाल और पुसपाल में महतारी एक्सप्रेस(102) की रात्रिकालीन सेवा ठप

दोरनापाल और पुसपाल में महतारी एक्सप्रेस(102) की रात्रिकालीन सेवा ठप

सुकमा - जिले में चल रही महतारी एक्सप्रेस 102 की रात्रिकालीन सेवा बदहाल है । महिलाओं और बच्चों को एंबुलेंस सेवा देने के लिए तैनात 102 की व्यवस्था बिगड़ती नजर आ रही है । 102 की सेवा जीवीके एमआरआई कंपनी के हाथ में है और पूरे सुकमा जिले में इसी कंपनी द्वारा संचालित किया जा रहा है।

 

सुकमा जिले के      कोंटा,दोरनापाल,सुकमा,छिंदगढ़,तोंगपाल,पुसपाल स्वास्थ्य केंद्रों में महतारी एक्सप्रेस की गाड़ी आपातकालीन सेवा देने के लिए उपलब्ध है

अपातकालीन स्थिति में मरीजों का इलाज करने के लिए ईएमटी नही है ,पायलेट के भरोसे चल रहा है 102 महतारी एक्सप्रेस

 

दोरनापाल स्वास्थ्य केंद्र में पिछले एक साल से बिना ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) के महतारी एक्सप्रेस 102 पायलेट के भरोसे एक शिफ्ट में ही चल रहा है वही पुस्पाल में भी महतारी एक्सप्रेस पायलेट के भरोसे है।बाकी जगहों पर एक ईएमटी के भरोसे है जीवीके ईएमआरआई कंपनी दे रही है अपातकालीन सेवा।

102 महतारी एक्सप्रेस की रात्रिकालीन सेवा ठप

 

एक पायलेट के भरोसे है महतारी एक्सप्रेस जिसके कारण सिर्फ दिन का शिफ्ट चालू है रात्रिकालीन अपातक्लिन सेवा पूरी तरह से चरमरा गई है। जिससे रात्रि में आने वाले मरीजों को सुविधा नहीं मिल पाती है, डॉक्टरों द्वारा गर्भवती महिला मरीजों को जिला अस्पताल रेफर करने पर रात्रि में महतारी एक्सप्रेस की सुविधा नहीं मिल पाती है।

 

 गाड़ियों की स्थिति काफी खराब

 

गाड़ियां कबाड़ में तब्दील होती नजर आ रही हैं, गाड़ियों का मेंटेनेंस भी नहीं करवाया जा रहा है ।नियमों के मुताबिक चाहे 102 हो या 108 हर 2 से 3 माह के अंतराल में मेंटेनेंस करवाया जाना चाहिए , ताकि इस तरह की आपात सेवा में किसी तरह की बाधा ना आए । लेकिन जिले में टेंडर प्रक्रिया ना हो पाने के कारण पुरानी गाड़ियों के सिर्फ ऑइल बदल कर काम चलाया जा रहा है । जिसमें बमुश्किल 1500 रुपए का खर्च आता है । मेंटेनेंस में 5000 से 10000 का खर्चा आ जाएगा । इससे बचने के लिए वर्तमान कंपनी मेंटेनेंस में भी औपचारिकता निभाते दिख रही है । जिसका नतीजा है कि कभी भी जिला अस्पताल सहित ग्रामीण क्षेत्र के 102 की गाड़ियां आधे रास्ते में बंद हो जाती है या फिर धक्का देकर चालू करना पड़ता है । परेशानी जच्चा बच्चा व उनके परिजन को होती है ।

 

*अधिकारी का कहना है 102 अपातकालीन गाड़ी नही है ट्रांसपोर्टिंग गाड़ी है*

 

 102 सेवा के जिला समन्वयक योगेंगद्र वर्मा का कहना है नए कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए इंटरव्यू प्रोसेस चल रहा है, हाल ही में सभी लोगो से डॉक्यूमेंट लिया गया है इस महीने के लास्ट तक इंटरव्यू की प्रक्रिया पूरी करने की कोशिश करेंगे। गाड़ी को मैंटेनेस ओर इमरजेंसी उपकरणों के बारे में जानकारी मांगने पर कहा गया की 102 महतारी एक्सप्रेस के द्वारा मरीजों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में ट्रांसपोर्ट करने का काम किया जाता है इसमें इमरजेंसी उपकरण नही होता है। अपातकालीन स्थिति में मरीजों को जिला अस्पताल रेफर किया जाता है तब ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पताल से ही साथ ले कर जाया जाता है या फिर 108 के माध्यम से मरीज को जिला अस्पताल ले जाया जाता है।