हिर्रि ग्राम पंचायत में बड़े ही धूमधाम के साथ गणपति बप्पा का किया गया विसर्जन जहां गांव के सभी बच्चे युवा नौजवान बुजुर्ग डीजे पर जमकर थीरकते हुए नजर आए पढ़े पूरी खबर




बिलासपुर//मस्तूरी के हिर्रि ग्राम पंचायत में बड़े ही धूमधाम के साथ गणपति बप्पा का विसर्जन किया गया जहां गांव के सभी बच्चे युवा नौजवान बुजुर्ग डीजे पर जमकर थीरकते हुए नजर आए आपको बता दे प्रत्येक वर्ष यहां गणेश उत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है सरपंच गोविंद राम केंवट के संरक्षण में यहां गणेश जी की स्थापना प्रत्येक वर्ष की जाती है और उसी उत्साह के साथ विसर्जन भी किया जाता हैं हीर्रि पंचायत के सरपंच गोविंद राम केवट ने आगे बताया कि अनंत चतुर्दशी भगवान गणेश के पूजन के आखिरी दिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मूर्ति को गणेश विसर्जन के लिए नदी,समुंदर या अन्य जल स्रोत में डाला जाता है। यह पारंपरिक रूप से गणेश उत्सव का अवसर होता है। लोग इस अवसर पर भगवान गणेश को विदा करते हैं और उनकी आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
इस दिन मूर्ति को गणेश विसर्जन के लिए नदी,समुंदर या अन्य जल स्रोत में डाला जाता है। यह पारंपरिक रूप से गणेश उत्सव का अवसर होता है। लोग इस अवसर पर भगवान गणेश को विदा करते हैं और उनकी आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। गणेश विसर्जन का यह पर्व विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, और अन्य पश्चिमी भारतीय राज्यों में महत्वपूर्ण होता है और बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
श्री गणेश स्थापना व विसर्जन की परंपरा धर्म ग्रंथों के अनुसार महर्षि वेद व्यास ने महाभारत ग्रंथ की रचना करने का निर्णय लिया और इस दिव्य अनुष्ठान को संपन्न करने के लिए वेदव्यास जी ने गंगा नदी के किनारे एकांत पवित्र स्थल का चुनाव किया। लेखन का कार्य महर्षि के वश का नहीं था। इसलिए उन्होंने इसके लिए भगवान श्री गणेश की आराधना की और उनसे प्रार्थना करी कि वे एक महाकाव्य जैसे महान ग्रंथ को लिखने में उनकी सहायत करें। गणपति जी ने सहमति दी और दिन-रात लेखन कार्य प्रारम्भ हुआ।