पके हुए कटहल की खुशबू से बढ़ रही ग्रामीणों की समस्या चुन-चुन कर किया जा रहा है गांव से बाहर कई घर हो चुके तबाह जाने इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह पढ़ें पूरी खबर

पके हुए कटहल की खुशबू से बढ़ रही ग्रामीणों की समस्या चुन-चुन कर किया जा रहा है गांव से बाहर कई घर हो चुके तबाह जाने इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह पढ़ें पूरी खबर
पके हुए कटहल की खुशबू से बढ़ रही ग्रामीणों की समस्या चुन-चुन कर किया जा रहा है गांव से बाहर कई घर हो चुके तबाह जाने इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह पढ़ें पूरी खबर

तपकरा के जंगल में करीब एक हजार आबादी वाले गांव सेमरताल महिजोर में पेड़ों पर पक रहे कटहल पूरे गांव की समस्या बन गए हैं। दरअसल पके कटहल की खुशबू से इस गांव में पिछले एक महीने से हाथियों का झुंड पहुंच रहा है। हाथी कटहल की खुशबू से बार-बार आते हैं और हर बार दो-तीन मकान गिराकर जा हैं। एक माह में 64 मकान गिरा चुके हैं, इसलिए परे तपकरा वनक्षेत्र में हड़कंप मच गया है। हाथियों के झुंड आने की पड़ताल के बाद वन विभाग इस नतीजे पर पहुंचा कि उन्हें पके हुए कटहल की खुशबू बुला रही है। इसलिए तय हुआ कि गांव के सभी पेड़ों से कटहल तोड़कर बाहर रख दिए जाएं, ताकि हाथी वहीं से कटहल खाकर लौट जाएं, गांव में नहीं घुसें । ग्रामीणों का कहना है कि यह दिक्कत पहली बार आई है। इस बार कटहल की फसल भी अच्छी है और तपकरा में हाथियों का झुंड भी विचरण कर रहा है। ये दोनों इत्तेफाक गांववालों के जान-माल के दुश्मन हो गए हैं। पेड़ों से कटहल तोड़ने की शुरुआत वन विभाग के निर्देशन में गुरुवार से शुरू हुई है। वन अफसरों का कहना है कि ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए ऐसा करना बहुत जरूरी है। सिर्फ सेमरताल नहीं, पूरे तपकरा जंगल और किनारे बसे गांवों में कटहल के काफी पेड़ हैं और फल पकने लगे हैं। इनकी गंध दूर तक जा रही है। पके कटहल की खुशबू और मीठा स्वाद हाथियों को प्रिय है।