गंगरेल में छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोड़ महासभा की बैठक...विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर हुआ विचार विमर्श....

गंगरेल में छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोड़ महासभा की बैठक...विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर हुआ विचार विमर्श....
गंगरेल में छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोड़ महासभा की बैठक...विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर हुआ विचार विमर्श....

छत्तीसगढ़ धमतरी छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोंड महासभा की प्रदेश स्तरीय बैठक गंगरेल स्थित मां अंगारमोती परिसर में सम्पन्न हुई। इस बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम, पूर्व सांसद सोहन पोटाई,पूर्व डीआईजी अकबर कोर्राम सहित बड़ी संख्या में प्रदेश भर से गोंडवाना गोड़ महासभा के पदाधिकारी शामिल हुए। यहां महासभा ने विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। वही आदिवासी समाज में हो रहे विघटन को लेकर गोंडवाना महासभा ने चिंता जाहिर की है इसके साथ ही सभी ने सर्वसम्मति से ऐसे जिम्मेदार लोगों को सबक सिखाने की बात कही है। सभा में बालोद,कांकेर,गरियाबंद, महासमुंद सहित अन्य जिलों से आये पदाधिकारियों ने अपनी बात रखी। वही छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोड़ महासभा के नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव पर सभी ने रायशुमारी की। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज में तोड़फोड़ को कोई नई बात नही है लेकिन हम सभी मिलकर ऐसे समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।कई सरकारों ने आदिवासी को कमजोर करने समानांतर संस्था बनाई।हमारी संख्या बहुतायत है इसके बावजूद हम अपनी लड़ाई नही लड़ पा रहे है हमें अपनी ताकत बढ़ाने की जरूरत है ताकि हम सब मिलकर अपने अधिकारों के लिए लड़ सके...

 पूर्व सांसद सोहन पोटाई ने जब जब समाज संगठित होने के समय आता है तब तब कोई न कोई विघ्न बाधा डालने वाले खड़े हो जाते है। कुछ लोग सरकार के पिट्ठू बनकर समाज को तोड़ने का काम रहे है समाज ऐसे लोगों पहचान कर उन्हें सबक सिखाएगी। आदिवासी समाज अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ते रहेगी। कई वर्षों तक राज करने के बाद भी हमारी स्थिति अच्छी नही है ऐसे हमें स्वयं मालिक बनने की आवश्यकता है। उन्हें बूढ़ादेव यात्रा का जिक्र करते हुए कि बूढ़ादेव व्यक्ति विशेष समाज का पुरोधा नही है बल्कि इस प्रदेश में रहने वाले सभी लोगों के पुरोधा है जिन्हें हम अक्षुण्य बनाएं रखने के लिए रायपुर में हम बूढ़ादेव की आदमकद मूर्ति की स्थापना करेंगे,जो आने वाले समय में हमारे प्रदेश की पहचान बनेगी....

बैठक में प्रमुख रूप से यू.आर. गंगराले,रमेश चंद्र,मोहन कोमरे,मानक दरपट्टी,पी.एल.कुंजाम,शिवचरण नेताम, रूपेंद्र नगारची,तुलसीराम मरकाम,हेमंत खुसरो,नेपाल सिंह सिदार,कृष्णा ठाकुर,डॉ. ए.आर ठाकुर,विनोद नागवंशी,जीवराखन लाल मरई, रामप्रसाद मरकाम,छैदप्रकाश कौशिल, जयपाल ठाकुर,सविता ठाकुर,ईश्वरी नेताम, अनिता ठाकुर,कमलनारायण ध्रुव,वेदप्रकाश ध्रुव,चंद्रप्रकाश नागे, देवनाथ नगारची आदि उपस्थित थे।