CG में लॉकडाउन की अफवाह के बाद गुड़ाखु-गुटखे के दाम दोगुना......कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही बढ़ने लगे गुड़ाखु-गुटखे के दाम…....गुटखा के एक पैकेट में 20-25 तो गुड़ाखू का दाम लगभग दोगुना... पढ़िए पूरी खबर....!

CG में लॉकडाउन की अफवाह के बाद गुड़ाखु-गुटखे के दाम दोगुना......कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही बढ़ने लगे गुड़ाखु-गुटखे के दाम…....गुटखा के एक पैकेट में 20-25 तो गुड़ाखू का दाम लगभग दोगुना... पढ़िए पूरी खबर....!

छत्तीसगढ़ धमतरी.... कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है। दो दिन पहले ही जिले में धारा 144 भी लागू हो गई है। इसी बीच लॉक डाउन की आशंका भी गहराने लगी है लोगो को लगने लगा है कि इस बार भी लॉकडॉउन लगेगा.....पिछली बार की सख्ती झेल चुके लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें दिख रही है, और ऐसे में संभावित आपदा को अवसर में बदलने का खेल भी शुरू हो गया है। कुछ कारोबारी तंबाखू से निर्मित वस्तुओ की कमी दिखाकर इनके मूल्यों में दो से चार गुना वृद्धि कर रहे हैं..........आपको बता दें कि जब से कोरोना महामारी ने देश मे अपने पैर पसारे हैं, तब से ही ये महामारी कुछ मौकापरस्त व्यापारियों के लिए आपदा में अवसर साबित हो रही है। जिसका फायदा उठाने से इन तथाकथित मुनाफाखोरों को कोई गुरेज नही है....उन्हें इस बात से कोई फर्क नही पड़ता कि उनके ग्राहको पर इस कृत्रिम मूल्य वृद्धि का क्या असर पड़ेगा? उन्हें तो सिर्फ अपने मुनाफे से मतलब है.....जिसका सीधा असर मध्यम वर्ग पर पड़ना तय है.....

आम तौर पर खुले बाजार में तंबाकू से निर्मित गुड़ाखु , बीड़ी , सिगरेट जैसी नशीली वस्तुओं की शार्टेज बताकर , ब्लैक मार्केटिंग का खेल शुरू हो गया है। इन वस्तुओं के दामों में वृद्धि कर कुछ व्यापारी दोनों हाथों से धन बटोरने के फ़िराक में है। गांव, शहर में गुड़ाखु की कलाबाजारी शुरू हो गयी है........

प्राप्त जानकारी के अनुसार सामान्य दिनों में 190 रुपये की दर पर बिकने वाले गुड़ाखु के एक पैकेट के दाम अब 300 से 400 रुपये हो गये है....नाम न छापने की शर्त पर आज कुछ फुटकर विक्रेताओं ने इसका खुलासा किया है....पिछली बार 250 के पैकेट का 290 रुपये से ब्लैक बाजार शुरू हुआ था, जो कि कारोबारियों की इस करतूत की अनदेखी करने के कारण प्रति पैकेट 2000 से2400 रुपये तक पहुँच गया था......

गुड़ाखु , बीड़ी , सिगरेट , जर्दायुक्त गुटखा जैसी नशीली वस्तुओं के सेवन के आदि हो चुके लोगों को अब डर है कि उन्हें अपने इस शौक को पूरा करने की, भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है....…. इस तरह से कालाबाज़ारी फिर से शुरू हो चुकी है। जिस पर यदि समय रहते कड़ी कार्यवाही की लगाम नही लगाई गई तो इन मुनाफाखोरों के हौसले और बढ़ते चले जायेंगे, और इस मुसीबत के दौर में लोगों की जेब पर सीधा डाका पड़ता रहेगा...