नक्सलियों ने पर्चा जारी कर 5 जून को दंडकारण्य बंद का किया आह्वान



दोरनापाल- नक्सलियों की दण्डकारण्य स्पेशल ज़ोनल कमेटी ने पर्चा जारी कर बस्तर से पुलिस कैम्प हटाने समेत सिलगेर गोलीबारी में सामिल अधिकारी एवं जवानों कार्यवाही की माँग को लेकर 5 जून को दण्डकारण्य बंद का आह्वान किया है
नक्सलियों द्वारा जारी पर्चा में नक्सलियों ने लिखा है विगत 17 मई को बीजापुर ज़िले के सरहदी गाँव सिलगेर में सीआरपीएफ़ कैम्प का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे ग्रामीणों पर अंधाधुंध फ़ायरिंग कर तीन ग्रामीण कवासी वागाल उरसम भीमा एंव उयकी पांडु जघन्य हत्या करने का आरोप लगाया गया है वही पर्चे में इस दौरान गोलीबारी व मारपीट मे 38 गाँवों के 2 सौ 96 निर्दोष आदीवासियों के घायल होने की बात लिखी गई है जिनमें से कइयों की हालत अब भी गंभीर होनी बताई गई है जबकी 9 ग्रामीणों के अब भी लापता होने की बात लिखी गई है वही पर्चे में लिखा गया है की 12 मई को सिलगेर में नए कैम्प लगाए जाने के बाद 13 मई से ग्रामीण आंदेलन कर रहा है वही तब से सुरक्षाबलों द्वारा लाठीचार्ज कर ग्रामीणों की पिटाई करने का आरोप लगाया गया है जबकी 17 मई को आसु गैस के गोले छोड़ने के साथ ही ग्रामीणों पर एक तरफ़ा लाठीचार्ज करते हुए नज़दीक से गोली मारने का आरोप लगाया गया है
वही इसी के विरोध में आगामी 5 जून को जिसे सलवा जूडूम विरोध दिवस भी कहा गया है दण्डकारण्य बंद का आह्वान नक्सलियों ने किया है नक्सलियों ने बस्तर संभाग से पुलिस कैम्प हटाने की माँग को लेकर सर्व आदीवासी समाज सर्व समाज मज़दूरों छात्रों समेत तमाम तरह की संगठनों से आंदोलन कर रहे ग्रामीणों के समर्थन में आने की अपील भी की है वही नक्सलियों ने केंद्र की भाजपा व प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर क्षेत्र की जल जंगल ज़मीन को विदेशी व देशी कारपोरेट घरानों को सौंपने कैम्प खोलने का भी आरोप लगाया गया है वही पुरे सिलगेर मामले में सामिल जवानों के साथ बस्तर आईजी पी. सुंदरराज व बीजापुर एसपी कमलोचन कश्यप पर कड़ी कार्यवाही की माँग की है
माओवादियों में कोरोना फ़ैसले की खबर को बताया झुठा
नक्सलियों की दक्षिण सब ज़ोनल ब्यूरो द्वारा जारी प्रेस नोट में नक्सलियों ने कोरोना को लेकर पुलिस पर झुठा प्रचार करने का आरोप लगाते हुए लिखा है की हमारी पार्टी ऐलान करती है की माओवादियों में कोरोना संक्रमण फैलने की खबर सरासर झुठ है और लिखा है माओवादियों को और जनता को कोरोना हुआ ही नहीं है जबकी पीएलजीए के डॉक्टर्स द्वारा क्षेत्र की जनता को सभी प्रकार की इलाज के सेवा देने का दावा किया गया है वहीं नक्सलियों ने दावा किया है की पुलिस के ज़रिए अंदरूनी क्षेत्रों में कोरोना फैलने का ख़तरा बढ़ गया है जबकी गंभीर मलेरिया व टाइफाईड से पीड़ित दो नक्सली रूपी एवं वनोजा का पर्चा में शहीद होना बताया गया है जिसकी वजह सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के चलते इलाज की सुविधा ना मिल पाने और जन डॉक्टरों द्वारा आख़िरी दम तक की गई कोशिशें विफल होने के चलते दोनों महिला नक्सलियों की मौत होना बताया गया है जिसका कोरोना से कोई सम्बंध नहीं होने का नक्सलियों ने दावा किया है