मेडिकल ब्रेकिंग न्यूज़ : सड़क दुर्घटना में गवाईं 03 प्रतिशत लोगो ने दृष्टि - शोध से सामने आये कुछ तथ्य...




सड़क दुर्घटना में गवाईं 03 प्रतिशत लोगो ने दृष्टि - शोध से सामने आये कुछ तथ्य
Dr shagufta Amin--- evaluation & assessment of etiology and patterns of ocular injuries due to road traffic accidents in bastar ...........बस्तर मे रोड ट्रैफिक एक्सीडेंट की वजह से आंखो मे होने वाले चोट --,,,
Dr anusha Gupta---- prevelance and assessment of diabetic retinopathy on type 2 diabetic mellitus patients,,,,,,,,,,,,type 2 मधुमेह बीमारी से आंखो के रेटिना (मुख्य पर्दा )पर होने वाली गंभीर समस्या ---- रेटिनोपैथी,,,,,prevelance (प्रधानता) एवं assessment (मूल्यांकन)
जगदलपुर। शहीद महेंद्र कर्मा महाविद्यालय एवं संबद्ध चिकित्सालय डिमरापाल में नेत्र रोग विभागध्यक्ष डॉ. छाया शोरी के मार्गदर्शन में स्नाकोत्तर छात्राओं ने कुछ ऐसे शोध कार्य किये हैं जो इससे पहले कभी बस्तर जिले में नहीं किये गए थे।
महाविद्यालय में की गई एक रिसर्च का उद्देश्य यह पता लगाना था की बस्तर संभाग में दैनिक यातायात सम्बंधित दुर्घटना होने की वजह से किस प्रकार की नेत्र क्षति होती हैं | शोध के परिणाम स्वरुप यह आकड़े सामने आये जिनसे पता चलता हैं की बस्तर संभाग में होने वाली 70 % सड़क दुर्घटना शराब का सेवन कर गाड़ी चलाने की वजह से होती है।
लगभग 85 प्रतिशत दुर्घटनाग्रष्त मरीजों ने हेलमेट व सीट बेल्ट का उपयोग नहीं किया था जिस वजह से उन्हें नेत्र के अलावा शरीर के अन्य अंगो में भी क्षति पहुंची थी।
लगभग 3 % मरीजों में गंभीर नेत्र क्षति की वजह से आँखों की रौशनी पूर्णतया चली गयी थी।
एक अन्य शोध में शुगर की बीमारी से आँखों के पिछले परदे - रेटिना में होने वाले हानिकारक परिवर्तनों की गंभीरता का अध्ययन किया गया जिसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण आकड़े सामने आये।
डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में की गयी इस रिसर्च से मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग में आने वाले शुगर के मरीजों में से 64 % प्रतिशत मरीजों के रेटिना में गंभीर नुकसान देखा गया | स्टडी में शुगर की वजह से रेटिना में दिखने वाले घातक प्रभावों की तीव्रता के तीन मुख्य कारण सामने आये , जैसे कि अनियंत्रित ब्लड शुगर , लम्बी अवधी से शुगर की बीमारी होना एवं किडनी सम्बंधित समस्या का होना।
गौरतलब है कि नेत्र रोग विभाग की विभागध्यक्ष डॉ. श्रीमती छाया शोरी के मार्गदर्शन में स्नाकोत्तर छात्राओं डॉ. अनुशा सिंह एवं डॉ. शगुफ़्ता अमीन द्वारा यह रिसर्च की गयी जिसे देश के प्रसिद्ध इंडेक्स्ड जर्नल में भी प्रकाशित किया गया है।
छात्राओं ने महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉक्टर यु एस पैंकरा को दोनों शोध के विषय में निर्देशन हेतु धन्यवाद दिया।
मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ अनुरूप साहू के अनुसार प्रति वर्ष इस प्रकार से अध्ययन किये जाने से बस्तर संभाग के लोगो में नेत्र रोग सम्बंधित जटिलताओं को कम कर दृष्टि की स्थायी हानि को रोका जा सकता है , एवं साथ ही गांव एवं शहर के मरीजों में नेत्र रोग सम्बंधित जागरूकता भी फैलायी जा सकती है | नेत्र रोग विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर टी सी आडवाणी एवं डॉक्टर मनि किरण कुजूर का भी इस शोध में महत्वपूर्ण योगदान रहा।