महाराष्ट्र मुंबई: खुले आम प्रेस के सामने संजय राउत ये चुनौती दे रहे हैं, शिवसेना बागी नेताओ को आप लोग सीधी तरीके से बात नहीं मानेगे तो आगजनी व विस्पोट हो जायेंगी, तो कहा है देश का कानून?
Maharashtra Mumbai: Sanjay Raut is openly challenging this in front of the press,




NBL, 26/06/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. Maharashtra Mumbai: Sanjay Raut is openly challenging this in front of the press, if you do not listen to the rebel leaders of Shiv Sena in a direct way, then there will be arson and explosion, so where is the law of the country?
एक व्यक्तिगत चैलेंज करना वह भी आक्रमक तरीके से टीवी प्रेस वालों के सामने संजय राउत शिवसेना प्रवक्ता का यह राष्ट्र राज्य हित में उचित नहीं है, क्या देश के कानून नहीं देख रहा है, जब घटना घटेगी और जानमाल की नुकशान होगा तब और जब लोग हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट मे दावा आपत्ती करेंगे तब ये देश का कैसा कानून है, पढ़े विस्तार से...
देश के राजनीति मे उपर उठना व नीचे गिरना ये आम बात हो गया है, इसमे कोई नई बात देश को देखने को नहीं मिल रही है, अब शिवसेना के 38 विधायक व नेता बागी हो गया है तो कुछ तो कारण है, उस कारण का मंथन न करके तोड़ फाड़ का स्थिति पैदा कर रहा है, शिवसेना नेता व प्रवकता संजय राउत, क्या संजय राउत के इस भड़काऊ भाषण से शिवसेना के बागी नेता डर कर मान जायेंगे और शिवसेना के सामने नतमस्तक हो जायेंगे, यह वर्तमान स्थिति में दिखाई नहीं पड़ रहा है।
बल्कि शिवसेना अपने बागी नेताओ के विचारधारा से अलग हो रहा है, और NCP और कांग्रेस के साथ खड़े होकर अपने ही शिवसेना पार्टि के बागी नेताओ से बगावत कर रहे हैं, और अपने ही खुद शिवसेना पार्टी को मजबुत न बनाते हुए, और कमजोर बना रहे हैं, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे , ये राजनीतक अनुभव के कमी के कारण यह सब हो रहा है, और इसका फायदा उठा रहे हैं, NCP और कांग्रेस जो महाराष्ट्र की सत्ता को बरकरार रखने व बीजेपी को सत्ता हासील न हो पाये शिवसेना के द्वारा करके शिवसेना पार्टी के अंदर गृहयुद्ध करवा दिया और शिवसेना प्रमुख खुद उलझन मे पड़ गया है, करू तो करू क्या, और ऊपर से संजय राउत का भड़काऊ भाषण जो उनके खुद के बागी नेताओ के ऊपर कालिक पोतकर और गददार बोलकर उनके बेनर व पोस्टर फाड़ रहे हैं, शिवसेना कार्यकरता ये उनके खुद की पार्टि का नुकशान है शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को।
और शिवसेना के बागी नेताओ को भी अहम में न आकर शिवसेना प्रमुख से सुलह कर लेनी चाहिए, और अपनी बात खुल कर बोलनी चाहिए, की हम आपके साथ ही है, लेकिन हमारे शर्तों को भी मानना या पालन करना चाहिए आपको करके बात रखनी चाहिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पास, अगर शांति से सुलह नहीं होता तो उसी समय उद्धव ठाकरे को बोलने का अधिकार रखते हैं, शिवसेना बागी नेता की अब हम आपके विचार धारा के साथ नहीं जुड़ सकते हम नया पार्टि बना रहे हैं, तब बागी नेताओ का बोलना जायज होता, अभी जो गोहाटी मे बैठ कर नई पार्टि व नई सरकार मे शामिल होना बागी नेताओ की यह बोल न्याय संगत नहीं है, चाहे जो भी पार्टि का समरथन हो उनके ऊपर। बागी नेताओ को पहली प्राथमिकता शिवसेना अपने खुद के नीव जो उनको नेता व विधायक बनाया है उनको देनी चाहिए।
और संजय राउत के जबान को कंट्रोल मे लानी चाहिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को, जो भड़काऊ भाषण दे रहे हैं, उनको रोकना चाहिए, और मोहलत देनी चाहिए राज्य के राज्यपाल को अगर स्थिति बिगड़ते है राज्य की राजनीतिक नेताओ व उनके कार्यकर्त के द्वारा तो राष्ट्रपति शासन लागू करना उचित व्यवस्था करना पड़ेगा, राज्य के जानमाल के लिए। और जो राज्य की राजनीतिक हलचल मे राज्य के हित मे नहीं दिखाई दे रही है तो देश के सर्वोच्च न्यायालय अपने संज्ञान मे लेनी चाहिए और राज्य के लोगों को सुरक्षा देनी चाहिए। और उग्र हिंसा न हो पाये इस पर ध्यान देनी चाहिए। और राज्य में हो रही सत्ता के गिरावट को देखते हुए राजनीतिक नेताओ को मोहलत देनी चाहिए, आपको इतने दिन के अंदर राज्य मे सरकार बनाने लायक जो पार्टि दल है,पूर्ण बहुमत के साथ वह राज्य मे सरकार बना लेवे, तब राज्य की स्थिति में सुधार होगी नहीं तो इन राजनीतक नेताओ के गलत बोल बच्चन से राज्य मे नुकशान होने की संभावना बढ़ जाऐगी।