मुख्यमंत्री जी देखो बेमेतरा जिले में आपके योजना का खुलेआम उड़ाया जा रहे धज्जियां रोका-छेका योजना का नही हो रहा है देवरबीजा बीजामें पालन,चौबीसों घंटे सडकों पर बैठे रहते है मवेशी…




संजू जैन
बेमेतरा(देवरबीजा):राज्य में खरीफ फसलों की सुरक्षा के लिए इस 2021में भी रोका-छेका का अभियान शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि रोका-छेका हमारी पुरानी पंरपरा है। यह अभियान राज्य में गत वर्ष भी चलाया गया था, जिसका बड़ा ही उत्साहजनक परिणाम रहा। इसे ध्यान में रखते हुए इस वर्ष एक जुलाई 2021 से यह अभियान पुन: चलाया जा रहा है। उन्होंने इसकी सफलता के लिए सभी किसानों से सहयोग की अपील की है
लेकिन बेमेतरा जिले में नही हो रहा है योजनाओं का पालन खुलेआम उडा़या जा रहा है धज्जियां जिले में बहुत से सरपंच कांग्रेस से है उसके बाद भी अपने मुख्यमंत्री के आदेशों का नही कर रहे है पालन
शासन प्रशासन के निर्देशों के बावजूद देवरबीजा ,बीजा क्षेत्र में रोका छेका अभियान धरातल पर नजर नहीं आ रहा है. पशुओं की सुरक्षा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए राज्य सरकार ने रोका छेका अभियान की शुरुआत की थी। जिसके तहत मवेशियों को गौठानों में रखने की योजना है. शासन की महत्तवकांक्षी योजना का क्रियान्वयन सिर्फ दिखावे तक ही सीमित नजर आ रहा है. देवरबीजा, बीजा में आज भी मवेशी सड़कों पर बैठे नजर आ रहे हैं. ये मवेशी हादसों को आमंत्रित कर रहे है. बारिश के बाद मवेशी अक्सर मुख्य सड़कों पर बैठ जाते है, जिनकी चिंता नगर प्रशासन कर रहा है और न ही यातायात विभाग.
सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा
लिहाजा इन पशुओं के कारण हर साल कई वाहन चालक हादसे का शिकार होते है. पशुओं के सड़कों पर बैठने के कारण हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और मवेशियों को संरक्षित रखने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रोका छेका अभियान की शुरुआत की थी। लेकिन इस अभियान की वास्तविकता की पोल देवरबीजा, बीजा की सड़कों पर बैठे मवेशी खोल रहे है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व अध्यक्ष सेवा सहकारी समिति देवरबीजा संजीव तिवारी का कहना है कि भूपेश सरकार द्वारा प्रदेश भर में करोड़ो रुपए खर्च कर सभी ग्राम पंचायतों में गौठान निर्माण करा रही हैं। और रोका छेका कार्यक्रम चला रही लेकिन ये फेल होती नज़र आ रही हैं। देवरबीजा बीजा.सहित क्षेत्रों।में दिन रात सड़को में मवेशियों के जमावड़ा लगा रहता है। जब मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए करोड़ो रुपए खर्च कर गांव गांव में गौठान निर्माण करा रही है और मवेशी सड़को में घुम रहे हैं तो इस प्रकार की योजना किस काम की है। भूपेश सरकार की गौठान पूरी तरह फेल हैं।
ठप पड़ता नजर आ रहा अभियान
बता दें कि प्रदेश में रोका-छेका अभियान कहीं धीमा तो कहीं ठप है. राज्य सरकार ने फसलों की सुरक्षा और किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कृषि की परंपरा रोका-छेका अभियान इस वर्ष 2021 भी 1 जुलाई को प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों के गौठान में रोका-छेका कार्यक्रम आयोजन किया गया था।
शहरों की सड़कों पर घूम रहे मवेशियों से होने वाले हादसों को रोकने के लिए भी यह कदम अहम माना गया, पकड़े गए मवेशियों को कांजीहाउस और गोठानों में रखने के आदेश दिए गए है. लेकिन ज्यादातर जगहों पर तस्वीर इसके विपरीत नजर आ रही है।
=====
बेरला.ब्लाक
*बेरला ब्लाक के ग्राम पंचायत देवरबीजा,केशडबरी, कोदवा, मोहभट्टा,भेडनी, सिरसा, सिंघोरी, खम्हरिया,घोटमर्रा,हडगांव,हसदा, हल्दी,भिभौरी, एवं अन्य ग्रामपंचायत शमिल है जहां चौबीसों घंटे सड़कों पर बैठे रहते हैं मवेशी*
====
साजा ब्लाक
*इसी प्रकार साजा ब्लाक के ग्राम पंचायत बीजा,भैसामुड़ा, नयापारा, महीदही,गडुवा,बरगा, हाटरांका, करमु,परसबोड़,साजा,घोटवानी, सेमरिया,खैरझिटीकला,जैसे अन्य ग्राम अधिकांश ग्राम पंचायतों में गौठान बना हुआ है लेकिन नही होता पालन और कुछ पंचायत है जो सिर्फ कागजों पर ही गौठान बना हुआ है पैसा गबन भी हो गया है*
=====
साजा सीईओ
*रोका छेका के संबंध में साजा जनपद पंचायत सीईओ को फोन किया गया तो उनके द्वारा फोन नही उठाया गया*
====
बेरला सीईओ
मेरे द्वारा रोका छेका के लिए बेरला ब्लाक के भी पंचायतों में लेटर जारी किया हु और अभी तक सड़कों पर मवेशी बैठते हैं तो जानकारी लेता हु
सी पी मनहर
सीईओ जनपद पंचायत बेरला
=======