लालू के लाल का बवाल: पिता लालू यादव से मिलने के लिए रोका तो तेजप्रताप घर के बाहर धरने पर बैठे……देर रात लालू-राबड़ी मनाने पहुंचे, तो धोया पैर….कहा- अर्जुन को मुख्यमंत्री…फिर जो हुआ…ऐसे शांत हुआ गुस्सा…..

लालू के लाल का बवाल: पिता लालू यादव से मिलने के लिए रोका तो तेजप्रताप घर के बाहर धरने पर बैठे……देर रात लालू-राबड़ी मनाने पहुंचे, तो धोया पैर….कहा- अर्जुन को मुख्यमंत्री…फिर जो हुआ…ऐसे शांत हुआ गुस्सा…..

पटना 25 अक्टूबर 2021। लालू के लाल का बवाल जारी है। पिछले कई दिनों से चल रही राजनीतिक नौटंकी के बीच रविवार को खूब बवाल हुआ। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पटना पहुंचने के बाद रविवार की रात उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव धरने पर बैठ गए. तेज प्रताप यादव का कहना था कि एयरपोर्ट पर उनके साथ पार्टी से जुड़े लोगों ने धक्का-मुक्की की है. वे लालू यादव और राबड़ी देवी को अपने घर ले जाना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं होने दिया गया. इससे नाराज होकर वे छात्र जनशक्ति परिषद के साथ अपने घर के बाहर ही धरने पर बैठ गए. बेटे के इस बगावती तेवर को देख रात में ही लालू यादव और राबड़ी देवी अपने तेज प्रताप के घर पहुंचे. इसके बाद जाकर तेज प्रताप का गुस्सा शांत हुआ.

दरअसल, तेजप्रताप यादव ने राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद के व्यवहार से आहत होकर पार्टी से नाता तोडऩे का ऐलान कर दिया। वहीं जगदानंद को पार्टी से बाहर निकालने की मांग को लेकर देर रात अपने आवास के बाहर धरने पर बैठ गए।

लालू और राबड़ी ने खत्म कराया धरना

इसकी जानकारी मिलते ही करीब 9:30 बजे राबड़ी देवी और लालू प्रसाद तेजप्रताप को मनाने पहुंचे। इसके बाद तेजप्रताप यादव ने अपना धरना खत्म कर दिया है। बता दें कि इस दौरान खुद को कष्ण और अपने भाई को अर्जुन बताने वाले तेजप्रताप यादव ने तेजस्वी यादव पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर यही रवैया रहा तो अर्जुन कभी गद्दी पर नहीं बैठ पाएंगे, वो उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे।

बता दें कि पटना एयरपोर्ट से लेकर 10 सर्कुलर रोड, लालू की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर पुलिस ने भारी सुरक्षा बल तैनात किया था. लालू प्रसाद के स्वागत के लिए पार्टी समर्थकों ने राबड़ी देवी के आवास को सजाया है. उन्होंने ‘लालू का मतलब बिहार और बिहार का मतलब लालू’ का नारा भी दिया है. यहां तक कि लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने भी उनके सरकारी आवास को सजाया और ‘स्वागत पिता’ का नारा लिखा.