कार्तिक माह में विष्णु भगवान की कथा जानते है वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा से राजा बलि की कथा...

कार्तिक माह में विष्णु भगवान की कथा जानते है वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा से राजा बलि की कथा...
कार्तिक माह में विष्णु भगवान की कथा जानते है वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा से राजा बलि की कथा...

कार्तिक माह में विष्णु भगवान की कथा जानते है वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा से राजा बलि की कथा 

डॉ सुमित्रा अग्रवाल 
वास्तु शास्त्री 
यूट्यूब वास्तु सुमित्रा 

कोलकाता : कार्तिक माह को भगवान विष्णु की पूजा और कथाओं का विशेष महत्त्व है, क्योंकि इस महीने में देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं। इस मास में भगवान विष्णु से जुड़ी कई कथाओं का श्रवण और व्रत-उपवास का आयोजन होता है।

इनमें से एक महत्वपूर्ण कथा है :

कार्तिक माह में भगवान विष्णु और राजा बलि की कथा:
प्राचीन काल में असुरों के राजा महाबली (बलि) ने अपने पराक्रम से तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया था। उनके अत्याचार से देवता भयभीत हो गए और भगवान विष्णु की शरण में गए। विष्णु ने देवताओं के कल्याण के लिए वामन अवतार धारण किया और राजा बलि के पास ब्राह्मण के रूप में गए।

भगवान वामन ने राजा बलि से तीन पग भूमि दान में माँगी। राजा बलि ने सहर्ष दान देने का वचन दिया। वामन रूपी भगवान विष्णु ने तीन पग में पूरे ब्रह्मांड को नाप लिया। पहले पग से उन्होंने स्वर्ग, दूसरे पग से पृथ्वी नापी और तीसरा पग रखने के लिए कोई स्थान नहीं बचा। तब राजा बलि ने अपनी भक्ति और समर्पण दिखाते हुए अपना सिर भगवान वामन के चरणों में रख दिया। भगवान विष्णु उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें पाताल लोक का राज्य सौंपते हैं और उन्हें वरदान देते हैं कि वह हर साल कार्तिक मास में उनकी पूजा ग्रहण करेंगे।

इस कथा से यह संदेश मिलता है कि भगवान विष्णु अपने भक्तों के प्रति अत्यंत कृपालु हैं और भक्ति और समर्पण से उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है।