जाने पूरी तरह स्वदेशी इस हथियार की खूबियाँ, भारत ने पिनाका राकेट के अपग्रेड वर्जन का किया सफल परीक्षण.
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NBL, 09/04/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. Know the merits of this completely indigenous weapon, India successfully tested the upgraded version of Pinaka rocket.
नई दिल्ली, एएनआइ। भारत ने शनिवार को पिनाका एमके-I एन्हांस्ड राकेट सिस्टम (Pinaka Mk-I Enhanced Rocket System- EPRS) और पिनाका एरिया डेनियल मुनिशन राकेट सिस्टम (Pinaka Area Denial Munition, ADM Rocket Systems) का पोखरण रेंज में सफल परीक्षण किया, पढ़े विस्तार से..।
देश के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने बताया कि पिछले पखवाड़े के दौरान विभिन्न रेंज और युद्धक क्षमताओं के साथ कुल 24 ईपीआरएस राकेटों का परीक्षण किया गया है। सनद रहे पाकिस्तान ने भी सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल शाहीन-3 का परीक्षण किया है।
Pinaka Mk-I (Enhanced) Rocket System (EPRS) &Pinaka Area Denial Munition (ADM) rocket systems were successfully flight tested at Pokhran Range. A total of 24 EPRS rockets were fired for different ranges during the last fortnight. Required accuracy & consistency was achieved: DRDO pic.twitter.com/kPJQpDGutV
पिनाका एमके-I एक अपग्रेटेड राकेट प्रणाली है जिसका पहले भी कई बार सफल परीक्षण किया जा चुका है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ की प्रौद्योगिकी पर इन राकेट प्रणालियों को डेवलप किया गया है। पिनाका एमके-1 राकेट प्रणाली की मारक क्षमता लगभग 45 किलोमीटर है। वहीं पिनाका-II राकेट सिस्टम की मारक क्षमता 60 किलोमीटर है। इस राकेट प्रणाली को डीआरडीओ की दो प्रयोगशालाओं आयुध उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल) और अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) ने संयुक्त रूप से डिजाइन किया है।
मालूम हो कि चीन से तनाव बढ़ने के दौरान भारत ने पूर्वी लद्दाख और एलएसी पर पूरी तरह स्वदेशी इस प्रणाली को तैनात किया था। इसका नाम भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' के नाम पर रखा गया है। यह मल्टी बैरल राकेट लांचर प्रणाली है। पिनाका एमके-I एन्हांस्ड राकेट सिस्टम शुरुआती पिनाका का अपग्रेडेट वर्जन है। इस राकेट प्रणाली ने सेना को जमीन पर हमले का घातक विकल्प दिया है। मल्टी-बैरल लांचर महज 44 सेकेंड्स में 72 राकेट्स दागने की क्षमता रखता है।
पिनाक से नजदीक दुश्मन टारगेट को ध्वस्त किया जा सकता है। इससे छोटी रेंज की इन्फैंट्री, आर्टिलरी और हथियार युक्त वाहनों को निशाना बनाया जाता है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 1980 के दशक में पिनाक राकेट सिस्टम को विकसित करना शुरू किया था। सन 1990 के आखिर में पिनाक मार्क-1 के सफल परीक्षण ने भारतीय सेना को बड़ी मजबूती प्रदान की। पिनाक सिस्टम की एक बैटरी में छह लान्चिंग वाहन होते हैं। पिनाका-II को एक गाइडेड मिसाइल की तरह तैयार किया गया है।