केन्द्र सरकार की तैयारी: IPS अधिकारियो को मिल सकती है CAPF में अधिक पदों पर तैनाती, गृह मंत्रालय कर रहा विचार.

IPS officers may get more posts in CAPF, Ministry of Home Affairs is considering..

केन्द्र सरकार की तैयारी: IPS अधिकारियो को मिल सकती है CAPF में अधिक पदों पर तैनाती, गृह मंत्रालय कर रहा विचार.
केन्द्र सरकार की तैयारी: IPS अधिकारियो को मिल सकती है CAPF में अधिक पदों पर तैनाती, गृह मंत्रालय कर रहा विचार.

NBL, 25/04/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. Preparation of Central Government: IPS officers may get more posts in CAPF, Ministry of Home Affairs is considering.

केंद्रीय गृह मंत्रालय केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में कमांडेंट या वरिष्ठ एसपी रैंक पर आईपीएस अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर लाने की पुरानी प्रणाली को फिर से बहाल करने पर विचार कर रहा है, पढ़े विस्तार से...

मौजूदा नीति के अनुसार, आईपीएस अधिकारी बीएसएफ, आईटीबीपी और सीआरपीएफ जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में उप महानिरीक्षक (डीआईजी) के रैंक पर तैनात हो सकते हैं। डीआईजी का पद कमांडेंट के पद से एक रैंक ऊपर है।

अधिकारियों ने कहा कि सीआईएसएफ और एसएसबी में, आईपीएस अधिकारी कमांडेंट या वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) की रैंक पर काम कर रहे हैं। बीएसएफ, आईटीबीपी और सीआरपीएफ भी आईपीएस अधिकारी कमांडेंट रैंक पर आते थे लेकिन पिछले कुछ दशकों में प्रतिनियुक्ति पूल की कमी आदि वजहों से यह प्रणाली को खत्म हो गई।

सीएपीएफ में कमांडेंट या एसएसपी रैंक पर आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति का प्रस्ताव सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा आगे बढ़ाया गया है। इसका मकसद निचले स्तर से शीर्ष तक नेतृत्व प्रदान करने और आईपीएस अधिकारियों को पूर्ण रूप से तैयार करना और उनकी क्षमता का इस्तेमाल करना है। आईपीएस अधिकारी बड़ी संख्या में सीएपीएफ में महानिदेशक जैसे पदों पर नियुक्त होते आए हैं। इस महीने की शुरुआत में बीएसएफ मुख्यालय ने गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजकर सीएपीएफ में भर्ती नियमों में संशोधन की मांग की है ताकि सीएपीएफ में कमांडेंट रैंक पर आईपीएस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति के प्रावधान बनाए जा सकें।

वहीं सीएपीएफ कैडर के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें डर है कि यदि गृह मंत्रालय बीएसएफ के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है तो पहले से ही देरी और रुकी हुई उनकी पदोन्नति खतरे में पड़ जाएगी और उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उनका कहना है कि विभिन्नए सीएपीएफ में कैडर अधिकारियों के बीच एक रैंक पर 15-20 साल का ठहराव पहले से ही है। कमांडेंट रैंक पर आईपीएस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति उनके कॅरिअर की प्रगति को और रोकेगी क्योंकि एक तय संख्या में पदों को आईपीएस के लिए आरक्षित करना होगा। एक अन्य अधिकारी का कहना है कि डीआईजी रैंक का पद आईपीएस अधिकारियों की आरक्षित है लेकिन पिछले तीन दशकों से इन्हें ही नहीं भरा जा पा रहा है। ऐसे में कमांडेंट रैंक पर आईपीएस अधिकारियों की भर्ती कैसे हो पाएगी?