Income Tax Notice : टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी खबर! अगर सही से ITR नहीं किया फाइल, तो मिल सकते हैं ये 7 प्रकार के नोटिस, जाने डिटेल...

Income Tax Notice: Big news for taxpayers! If ITR is not filed properly, then you can get these 7 types of notices, know the details... Income Tax Notice : टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी खबर! अगर सही से ITR नहीं किया फाइल, तो मिल सकते हैं ये 7 प्रकार के नोटिस, जाने डिटेल...

Income Tax Notice : टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी खबर! अगर सही से ITR नहीं किया फाइल, तो मिल सकते हैं ये 7 प्रकार के नोटिस, जाने डिटेल...
Income Tax Notice : टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी खबर! अगर सही से ITR नहीं किया फाइल, तो मिल सकते हैं ये 7 प्रकार के नोटिस, जाने डिटेल...

Income Tax Return:

 

नया भारत डेस्क : इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हुए अपनी कमाई का खुलासा करना होता है. ऐसे में लोगों को आईटीआर भरते वक्त काफी सावधानी भी बरतनी चाहिए क्योंकि लोगों को कई कारणों की वजह से इनकम टैक्स विभाग का नोटिस भी मिल सकता है. अगर आपने आईटीआर दाखिल करते समय आयकर विभाग को सभी सही जानकारी दी है तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन अगर आपने ऐसा नहीं किया है तो इनकम टैक्स विभाग का नोटिस मिल सकता है. ऐसे में यहां हम कुछ प्रकार बता रहे हैं, जिनके कारण इनकम टैक्स विभाग का नोटिस हासिल हो सकता है. (Income Tax Return)

धारा 143(1) के तहत सूचना : 

एक करदाता जिसने आयकर अधिनियम की धारा 139 या 142(1) के तहत अपना रिटर्न दाखिल किया है, उसे धारा 143(1) के तहत एक सूचना जारी की जा सकती है या तो रिटर्न की गई आय को स्वीकार किया जा सकता है. कोई विसंगति पाई जाती है तो नोटिस जारी किया जा सकता है. इनमें टैक्स रिटर्न में कोई अंकगणितीय त्रुटि, करदाता द्वारा कटौती, छूट, भत्ते आदि का गलत दावा, करदाता विलंबित रिटर्न के मामले में किसी भी नुकसान की अस्वीकृति या कुछ निर्दिष्ट कटौती का दावा करता है, (Income Tax Return)

टैक्स ऑडिट रिपोर्ट (जहां टैक्स ऑडिट लागू है) में दर्शाए गए व्यय की अस्वीकृति, लेकिन टैक्स रिटर्न में कुल आय की गणना में ध्यान में नहीं रखा गया है, फॉर्म 26एएस या फॉर्म 16ए/फॉर्म 16 में दिखाई देने वाली अतिरिक्त आय जिसे कर रिटर्न में कुल आय की गणना करते समय शामिल नहीं किया गया है आदि इन धारा के तहत आते हैं. (Income Tax Return)

धारा 143(2) के तहत नोटिस :

एक करदाता [जिसने धारा 139 या 142(1) के तहत रिटर्न प्रस्तुत किया है] को आयकर अधिनियम की धारा 143(2) के तहत नोटिस दिया जा सकता है यदि मूल्यांकन अधिकारी (एओ) यह सुनिश्चित करना आवश्यक या समीचीन समझता है कि निर्धारित/करदाता ने आय कम नहीं बताई है या अत्यधिक हानि की गणना नहीं की है या किसी भी तरीके से कम कर का भुगतान नहीं किया है. एओ ऐसे नोटिस के माध्यम से करदाता को या तो एओ के कार्यालय में उपस्थित होने या कोई सबूत पेश करने के लिए कह सकता है, जिस पर करदाता रिटर्न के समर्थन में भरोसा कर सके.” (Income Tax Return)

धारा 156 के अंतर्गत मांग हेतु सूचना :

आपको आईटी अधिनियम की धारा 156 के तहत एक नोटिस प्राप्त हो सकता है जब मूल्यांकन अधिकारी किसी कर, ब्याज, जुर्माना या व्यक्ति द्वारा देय किसी अन्य राशि की मांग करता है. (Income Tax Return)

धारा 245 के तहत रिफंड के सेट-ऑफ के लिए सूचना :

यदि आईटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत रिफंड करदाता के कारण हो जाता है और ऐसे करदाता पर पिछले वित्तीय वर्षों के संबंध में बकाया कर देनदारी भी है, तो आईटी अधिनियम की धारा 245 के तहत व्यक्तिगत करदाता और उसके करदाता को नोटिस जारी किया जा सकता है. अवैतनिक करों को प्राप्य रिफंड के विरुद्ध समायोजित किया जाएगा. करदाताओं को इस मामले में जरूरत पड़ने पर असहमति और सबूत के साथ जवाब देना चाहिए. (Income Tax Return)

धारा 139(9) के तहत दोषपूर्ण रिटर्न के लिए नोटिस :

रिटर्न में अधूरी या असंगत जानकारी या किसी अन्य कारण से रिटर्न को दोषपूर्ण माना जा सकता है. आयकर विभाग करदाता को दोष सूचित करने के लिए आयकर अधिनियम की धारा 139(9) के तहत नोटिस दे सकता है. इस मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि करदाता को ऐसी सूचना की तारीख से 15 दिनों की अवधि (या किसी भी बढ़ी हुई समय सीमा) के भीतर ऐसे दोष को ठीक करना आवश्यक है और यदि निर्दिष्ट अवधि के भीतर दोष को ठीक नहीं किया जाता है, तो रिटर्न वापस कर दिया जाएगा. इसे अमान्य रिटर्न माना जाएगा. (Income Tax Return)

धारा 142(1) के तहत नोटिस :

इस धारा के तहत नोटिस तब जारी किया जा सकता है जब किसी व्यक्ति या इकाई ने पहले ही अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर दिया हो और अतिरिक्त विवरण और जानकारी जमा करने की आवश्यकता हो. (Income Tax Return)

धारा 148 के तहत नोटिस :

यह नोटिस तब जारी किया जा सकता है जब आयकर विभाग संदिग्ध कम आय के कारण पिछले मूल्यांकन रिटर्न को फिर से खोलता है. ऐसे नोटिस में करदाताओं को स्पष्टीकरण देने का मौका मिलता है. (Income Tax Return)