गांधी जयंती आज: ‘रघुपति राघव राजाराम, पतित पावन सीताराम’.... महात्मा गांधी को जानना है तो हर भारतीय को जरूर करना चाहिए ये काम.....




डेस्क। अंग्रेजी हुकूमत से भारत को आजादी दिलवाने वाले और ‘राष्ट्रपिता’ की उपाधि से सम्मानित महात्मा गांधी दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। भारत की आजादी के इतिहास में महात्मा गांधी का अहम स्थान है। उन्होंने करोड़ों भारतीयों को प्रेरित किया और दुनिया को दिखाया कि अहिंसक तरीके से भी बड़े-बड़े साम्राज्यों को झुकाया जा सकता है। सत्य और अहिंसा के पुजारी गांधी जी ने भारत को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त करवाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। उन्होंने पूरी दुनिया को सत्य, अहिंसा और शांति का पाठ पढ़ाया था। मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में 2 अक्टबर 1869 को हुआ था। इसलिए हर साल 2 अक्टूबर को दुनियाभर में ‘गांधी जयंती’ मनाई जाती है, इस दिन को ‘विश्व अहिंसा दिवस’ के रूप में भी सेलिब्रेट किया जाता है।
'सत्य के साथ मेरे प्रयोग'
महात्मा गांधी के बारे में कोई भी व्यक्ति उतनी अच्छी तरह से नहीं लिख सकता है, जितनी अच्छी तरह से खुद महात्मा गांधी लिख सकते हैं। यही वजह है कि ये किताब बेहद खास है क्योंकि इसे खुद महात्मा गांधी ने लिखा है। यह महात्मा गांधी की ऑटोबायोग्राफी है, जिसमें उन्होंने अपनी विचारधारा, अनुभवों, जिंदगी से मिली सीख आदि पर लिखा है। यह किताब गुजराती में लिखी गई थी और 1925 से 1929 तक यह हर सप्ताह नवजीवन मैग्जीन में इस किताब के अंश छपते थे। साल 1940 में महादेव देसाई ने The Story of My Experiments with Truth शीर्षक से इस किताब का अनुवाद किया। हिंदी में इस किताब को 'सत्य के साथ मेरे प्रयोग' शीर्षक से अनुवादित किया गया।
'गांधी बिफोर इंडिया'
मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने इस किताब को लिखा है। देश की आजादी के इतिहास में गांधी जी की खूब चर्चा होती है लेकिन उनके युवा जीवन के बारे में जानना है तो गांधी बिफोर इंडिया किताब बेहद मददगार साबित हो सकती है। 1869 में गांधी जी के जन्म और उनके बचपन के बारे में, लंदन में उनकी पढ़ाई के बारे में और दक्षिण अफ्रीका में वकालत के दिनों के बारे में यह किताब काफी कुछ बताती है।
'माई डियर बापू'
भारत के अंतिम गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी और महात्मा गांधी के बीच काफी पत्राचार हुआ। इस किताब में इन दोनों नेताओं के बीच पत्रों के माध्यम से हुई बातचीत से उनकी सोच के बारे में पता चलता है। दोनों नेताओं के बीच साल 1920 से लेकर 1945 तक हुए पत्राचार को इस किताब में शामिल किया गया है।
'द गुड बोटमैन'
महात्मा गांधी के पोते राजमोहन गांधी ने यह किताब लिखी है। इस किताब में राजमोहन गांधी ने गांधी के जीवन के प्रति नजरिए उनकी सफलताओं के बारे में विस्तार से लिखा है। इस किताब को बेहद आसान और सुलझे शब्दों में लिखा गया है ताकि युवा पीढ़ी आसानी से बापू के बारे में जान सके।
व्हाई आई असेसिनेटिड महात्मा गांधी
इस किताब के लेखक महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे और उनके भाई गोपाल गोडसे हैं। इस किताब में उस वक्त के घटनाक्रम के बारे में बताया गया है और ये भी बताया गया है कि ऐसे क्या हालात बने थे, जिन्होंने नाथूराम गोडसे को महात्मा गांधी की हत्या करने के लिए उकसाया था।
गांधीः प्रिजनर ऑफ होप
ब्रिटिश इतिहासकार जूडिथ एम। ब्राउन ने इस किताब को लिखा है। जूडिथ एम।ब्राउन का जन्म भारत में ही हुआ था और भारतीय राजनीति में उनकी गहरी दिलचस्पी थी। यही वजह है कि उन्होंने गांधी जी के बारे में भी खूब लिखा और यह किताब गांधी के जीवन के बारे में लिखी गई अच्छी किताबों में से एक है।
द डेथ एंड आफ्टरलाइफ ऑफ महात्मा गांधी
मकरंद परांजपे द्वारा लिखित इस किताब में महात्मा गांधी की हत्या के घटनाक्रम के बारे में बताया गया है। इस किताब में महात्मा गांधी के जीवन के अंतिम 6 माह और देश के बंटवारे के दौरान हुए रक्तपात को रोकने में किए गए उनके प्रयासों के बारे में लिखा गया है। ये किताब भी युवाओं को जरूर पढ़नी चाहिए।