देश के लोकतंत्र को लोकलुभावन घोषणाओं के जाल में फंसाकर अगर देश के किसी राजनीतिक दल का नेता सत्ता में आना चाहे तो क्या देश तरक्की कर पाएगा या नहीं?

If the leader of any political party of the country

देश के लोकतंत्र को लोकलुभावन घोषणाओं के जाल में फंसाकर अगर देश के किसी राजनीतिक दल का नेता सत्ता में आना चाहे तो क्या देश तरक्की कर पाएगा या नहीं?
देश के लोकतंत्र को लोकलुभावन घोषणाओं के जाल में फंसाकर अगर देश के किसी राजनीतिक दल का नेता सत्ता में आना चाहे तो क्या देश तरक्की कर पाएगा या नहीं?

NBL, 29/05/2023, Lokeshwer Prasad Verma Raipur CG: If the leader of any political party of the country wants to come to power by trapping the country's democracy in the web of populist announcements, then will the country be able to progress or not?

देश दुनिया में देश के तरक्की किसे कहते हैं, देश की तरक्की उसे कहते हैं जिस देश में शिक्षा का स्तर सबल हो और जिस देश में इंफ्रास्टकच्चर ताकतवर हो हर एक गाँव शहर के लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत और देश के हर एक फ्लेटफार्म का सही से देखभाल व निगरानी हो जो देश के लोगों को रोजगार देती है, रोटी, कपड़ा व मकान के साथ साथ स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने वाले देश को ही तरक्की व उन्नत शील देश कहते हैं। 

लेकिन भारत आज तरक्की तो कर रहे हैं, लेकिन देश के लोकतंत्र को खोखला भी कर रहे हैं, और इसका मुख्य कारण देश के राजसत्ता जिस सत्ता को पाने के लिए देश के राजनीतिक दल नेताओं के द्वारा कुछ भी अनाप शनाप घोषणा कर दिया जाता है, अपने चुनावी घोषणा पत्र में देश के लोकतंत्र की वोट मत पाने के लिए और राजसत्ता मे बैठने के लिए जैसे पानी, बिजली, भोजन के साथ साथ आवास, से लेकर घरेलू वस्तु के महंगाई दर को कम करना या इन सभी को कम दामों मे देना या मुफ्त में देश के लोगों को दे देने की बेफिजूल बकवास घोषणा कर लोगों के वोट मत पाना, लेकिन जरा सोचिये अगर सब कुछ मुफ्त में राजनीतिक दल नेता बाँट देंगे तो इन सबके पूर्ति के लिए देश में रुपिया पैसा कहा से आयेंगे। 

देश में मुफ्त की पानी, बिजली शिक्षा, आवास या अन्य जरूरत की वस्तु कहाँ देनी चाहिए उन जगहों की सर्वे होना चाहिए देश में जो लोग सही मायने में इन सबका हकदार है, आज आप हम देखते हैं, शहरों की सौंदर्यी करण कर पुरा देश में अपने उन्नति का ढिंढोरा पीटते रहते हैं राजसत्ता में बैठे राजनीतिक नेता, लेकिन इसी भारत देश के सुदूर ग्रामीण इलाका में आपको रत्ति मात्र भी विकास देखने को नहीं मिलेगा, कुछ रुपिया रकम ग्रामीण उन्नति के नाम पर दे दिया जाता है, उसको भी उस क्षेत्र के ताकत वर नेता खा जाते हैं, खासकर समुद्री तट पर निवास करने वाले ग्रामीणों की हाल बेहाल है, छोटे छोटे नदी नालो में पुल निर्माण का ना होना, ऐसा लगता है मानों ये लोग आज भी आदि मानव काल समय के अंधकार मय जीवन आज भी जी रहे हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को उनके ही बोली भाषा के क्षेत्रीय नेताओं के द्वारा शोषण और उन क्षेत्रों का विकास का ना होना केवल विकास के नाम पर कागजी कार्यवाही करना और अपने उच्च नेता को रिपोर्ट देना सबकुछ अच्छा है, हमारे पार्टी व आपके हर एक अच्छे कार्यो का फ़ायदा हम उन सभी ग्रामीणों को दे रहे हैं, इतना सफाई के साथ झूठ बोला जाता है इन ग्रामीण दबंग नेताओं के द्वारा इनके दिये गए इन्ही कागजो में विकास दिखता है इन राजसत्ता में बैठे नेता जी को और शहर के अंदर बड़े बड़े फ्लेक्स होर्डिंग लगाकर व अखबार टीवी चैनल पर बड़े बड़े विज्ञापन दे कर अपना उन्नति विकास गिनाते है, जबकि जमीनी स्तर पर कुछ और होती है, वही बदहाली, तंग हाली गरीबी अशिक्षा, बेरोजगारी बीमारी से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग रात दिन झूझते रहते हैं।

आज देश के बहुत से राज्यों में जरूरत से कही ज्यादा शहरी विकास आपको इतना देखने को मिलेगा जिससे सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों की विकास हो जायेगा शहर के चौक चौराहे में आपको इतना चमक दमक देखने को मिलेगा उतने में तो गाँव के बहुत से गरीब परिवारों के घरों में उजाला हो जायेगा, इतना बेफिजूल खर्च शहर में किया जाता है, आप शहरी लोग इतना तो जरूर करना चाहिए की देश के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में विकास हो जाएं, अपने कीमती कर दाताओं को ग्रामीण क्षेत्रों की भ्रमण जरूर करनी चाहिए ताकि आपके करो से इन ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हो सके मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, गिरजाघर में दान देने से अच्छा इन सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए अनुदान राशि देना चाहिए ताकि आपके सहयोग से इन सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब लोगों की विकास हो सके, ऐसा कुछ योजना हमको आपको बनानी चाहिए। 

मुफ्त के रेवड़ी खाने वाले शहरी क्षेत्रों के लोगों को ये कहना चाहिए राजसत्ता पाने वाले राजनीतिक नेताओं को हम शहरी लोगों का ध्यान उतना मत दो जितना आप लोग देते हैं, उन एक सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों की लिस्ट दे दो चुनाव के समय जो बहुत से जरूरतों के लिए वंचित ग्रामीण क्षेत्र के लोग तब देश का विकास हमको आपको दिखेगा यह सब आप सभी शहरी देशवासीयो को चुनाव के समय राजनीतिक नेताओं को याद दिलानी है और अपने राज्य के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों की लिस्ट उन राजनीतिक नेताओं को देनी है, और ये आपको जरूर कहना है, वहाँ स्कूल नहीं है वहा अस्पताल नही है वहा जल नल नहीं है, वहाँ आने जाने के लिए सही से सड़क नही है वहाँ की नदी नालो में पुल नहीं है उन सभी को बनाने का वादा करो तब हम सभी शहरी लोग आपको अपना कीमती वोट मत देंगे वर्ना बायकाट फिर हम शहरी देश वासी देखते है विकास कौन राजनीतिक दल नेता करता है, वही सच्चा राष्ट्र निर्माण कर्ता होगा।