High court Decision : बड़ी खबर! इन महिलाओं को नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता, हाईकोर्ट ने तलाक के मामले में सुनाया बड़ा फैसला...
High Court Decision: Big news! These women will not get maintenance allowance, High Court gave a big decision in the divorce case... High court Decision : बड़ी खबर! इन महिलाओं को नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता, हाईकोर्ट ने तलाक के मामले में सुनाया बड़ा फैसला...




High court Decision :
नया भारत डेस्क : 'अगर पति या पत्नी के पास कमाने की क्षमता है, मगर वह बिना किसी कारण के रोजगार हासिल करने के लिए ईमानदार प्रयास नहीं करता। दिल्ली हाई कोर्ट ने पति और पत्नी के बीच भरण-पोषण से जुड़े विवाद को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि पति या पत्नी में जो भी कमाने में सक्षम हो मगर बिना किसी जरूरी वजह के बेरोजगार रहना पसंद करता है,
तो उसे पति या पत्नी पर गुजारा भत्ते के खर्च का बोझ डालने की इजाजत नहीं मिल सकती। जस्टिस वी कामेश्वर राव और जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता की डिलिजन बेंच ने मंगलवार को यह बात कही। साथ ही एक मामले में पति की ओर से दायर तलाक की कार्यवाही के दौरान पत्नी को दिए गए गुजारा भत्ते को कम कर दिया। (High court Decision)
बेंच ने कहा, 'अगर पति या पत्नी के पास कमाने की क्षमता है, मगर वह बिना किसी कारण के रोजगार हासिल करने के लिए ईमानदार प्रयास नहीं करता। व्यक्ति बेरोजगार रहना ही पसंद करता है, तो खर्चों को पूरा करने की एकतरफा जिम्मेदारी दूसरे पक्ष पर नहीं डाली जा सकती है।'
अदालत ने कहा कि भरण-पोषण की राशि की गणना गणितीय आधार पर नहीं की जानी चाहिए। ऐसे मामलों में पति या पत्नी को राहत देने के मकसद से की जानी चाहिए जो अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ है। (High court Decision)
हर महीने 30 हजार रुपये देने का था निर्देश
पीठ ने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत तलाक की कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान भरण-पोषण का प्रावधान लिंग-तटस्थ है। इसमें कहा गया है कि HMA की धारा 24 और 25 के प्रावधान विवाह से जुड़े अधिकारों, देनदारियों और दायित्वों की बात करते हैं। हाई कोर्ट में दायर अपील में पति ने उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें तलाक की कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान पत्नी को हर महीने 30,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। (High court Decision)