Heart Attack Pre Symptoms:अत्यधिक पसीना आना हो सकता है हार्ट अटैक का संकेत, जानें हार्ट अटैक के लक्षण, कारण, इलाज और रिकवरी...
Heart Attack Pre Symptoms: Excessive sweating can be a sign of heart attack, know the symptoms, causes, treatment and recovery of heart attack... Heart Attack Pre Symptoms:अत्यधिक पसीना आना हो सकता है हार्ट अटैक का संकेत, जानें हार्ट अटैक के लक्षण, कारण, इलाज और रिकवरी...




Heart Attack Pre Symptoms:
नया भारत डेस्क : गर्मियों में पसीना आना आम बात है, लेकिन अगर आपको ज्यादा पसीना आ रहा है तो ये खतरनाक हो सकता है. अक्सर हम सोचते हैं कि पसीना आना सिर्फ पानी की कमी का संकेत होता है और पानी पीने से हम दोबारा हाइड्रेटेड हो जाएंगे, तो ऐसा जरूरी नहीं है. पसीना आना कई जानलेवा बीमारियों का संकेत हो सकता है. यह हीट स्ट्रोक के अलावा हार्ट अटैक का भी संकेत हो सकता है. तो अगर आपको गर्मियों में बहुत अधिक पसीना आ रहा है तो यह भी हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है. गायक केके की भी अत्यधिक गर्मी, इलेक्ट्रोलाइट हानि के कारण दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी. इसलिए अगर आपको गर्मियों में पसीना आने के अलावा ये 6 संकेत दिख रहे हैं तो इसे गंभीरता से लें और डॉक्टर से संपर्क करें. (Heart Attack Pre Symptoms)
दिल का दौरा पड़ने से पहले शरीर कई संकेत भेजता है. किसी भी मरीज को दिल का दौरा तब पड़ता है जब हार्ट में ब्लड फ्लो बहुत कम या अवरुद्ध हो जाता है. हृदय में रक्त की रुकावट आमतौर पर हृदय धमनियों में फैट, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के जमा होने के कारण होती है.(Heart Attack Pre Symptoms)
दिल का दौरा पड़ने के लक्षण और संकेत-
बहुत से लोगों को बहुत अधिक पसीना आता है, जबकि वो इस दौरान कोआ फिजिकल एक्टिविटी भी नहीं कर रहे होते हैं, जिसमें जोर लगे. ऐसे में अगर आपको पसीना आना, बेचैनी, घबराहट जैसे लक्षण दिखें तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि इसका मतलब है कि आपके दिल में ब्लड की सप्लाई सही से नहीं हो रही है. इसलिए पसीने को नजरअंदाज न करें, अगर आपको सामान्य से ज्यादा पसीना आ रहा है या अत्यधिक पसीना आता है, हार्ट अटैक या दिल का दौरान आने पर कुछ लक्षण ऐसे ऐसे भी होते है.
सांस लेने में दिक्क्त-
कई लोगों को दिल का दौरा पड़ने से पहले सांस लेने में परेशानी होने लगती है. सीने में जकड़न, कमजोरी और बेचैनी के लक्षणों को नजरअंदाज न करें. अगर आपको छाती के आसपास बेल्ट महसूस हो या छाती पर वजन महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से बात करें या डॉक्टर के पास भागें. अगर दिल को उचित रक्त आपूर्ति न मिले तो सांस लेना मुश्किल हो जाता है ऐसे में ये बड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है. (Heart Attack Pre Symptoms)
उल्टी और चक्कर आना-
चक्कर या धुंधली दृष्टि अक्सर कई परेशानियों के कारण होने लगती है, इसमें हीटस्ट्रोक भी शामिल है, लेकिन इन्हें नज़रअंदाज न करें, क्योंकि ऐसा दिल का दौरा पड़ने से पहले भी हो सकता है. ये लक्षण आपके ब्लड प्रेशर को भी कम कर सकते हैं. इतना ही नहीं, हृदय को उचित रक्त आपूर्ति न होने पर भी यह समस्या महसूस होती है. इसलिए इन लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से बात करें.
गर्दन और जबड़े में दर्द-
यह समस्या अक्सर महिलाओं में सबसे ज्यादा महसूस की जाती है. गर्दन में दर्द या जबड़े में दर्द जैसे लक्षण दिल के दौरे से जुड़े हो सकते हैं. अक्सर लोग इसे आम समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह उतना आम नहीं है. इसलिए अगर आपको अपने शरीर में कोई भी बदलाव नजर आए तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. (Heart Attack Pre Symptoms)
पैरों में सूजन-
अगर पैरों और तलवों में सूजन हो तो आमतौर पर इसे हार्ट अटैक का संकेत माना जाता है, क्योंकि अगर दिल को रक्त की आपूर्ति ठीक से न हो तो पूरे शरीर में खून की कमी महसूस होने लगती है. ऐसे में पैरों में सूजन या तलवों में सूजन जैसी समस्याएं महसूस होती हैं. इसलिए अगर पैरों में दर्द हो और पैर सूज जाएं तो सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करें.
बढ़ी हुई हार्ट बीट-
अगर आपको बढ़ी हुई दिल की धड़कन और थकान महसूस हो रही है तो इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें. शरीर और स्वास्थ्य का ध्यान रखें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि ये हार्ट अटैक का अहम लक्षण हो सकता है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
अटैक से 2 दिन पहले शरीर में दिखते हैं ये बदलाव-
हार्ट अटैक तब आता है जब हृदय तक रक्त और ऑक्सीजन भेजने वाली धमनियां अवरुद्ध हो जाती हैं. धीरे- धीरे धमनियों में फैट, कोलेस्ट्रॉल युक्त जमाव जमा हो जाता है. इससे हृदय की धमनियों में प्लाक जमा होने लगता है. ऐसे मामलों में, प्लाक फट जाता है, जिससे रक्त का थक्का जम जाता है, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है. ऐसे में इस खतरे को रोकने के लिए इसके लक्षणों को हल्के में न लें और इनपर ध्यान दें. दिल का दौरा पड़ने से कुछ समय पहले शरीर आपको कई संकेत भेज सकता है, जिन्हें आपको समय पर पहचानना जरूरी है. (Heart Attack Pre Symptoms)
हार्ट अटैक का इलाज
हार्ट अटैक आने के बाद मरीज को क्या इलाज दिया जाता है? इस प्रश्न का सीधा उत्तर यह है कि हार्ट अटैक आने के बाद डॉक्टर मरीज की स्थिति के अनुसार कई तरह से इलाज करते हैं. इसमें मरीज को दर्द से राहत देना और दिल को अधिक नुकसान से बचाने के साथ ही आगे फिर से अटैक न आए उसके लिए उपाय करना शामिल हैं. निम्न तरीकों से हार्ट अटैक के बाद मरीज का इलाज किया जाता है-
- स्टेंट – एंजियोप्लास्टी के दौरान डॉक्टर मरीज की धमनी में तार से बनी जाली के स्टेंट को लगा देते हैं, ताकि धमनी खुली रहे और रक्त प्रवाह सामान्य रूप से होता रहे.
- एंजियोप्लास्टी – एंजियोप्लास्टी की मदद से धमनी में मौजूद प्लाक को हटाकर और बलून का इस्तेमाल करके ब्लॉकेज को खोल दिया जाता है. बता दें कि आजकल डॉक्टर अकेले एंजियोप्लास्टी तकनीक का इस्तेमाल नहीं करते.
- हार्ट बाईपास सर्जरी – जब ब्लॉकेज को हटाना संभव न लगे तो डॉक्टर रक्त प्रवाह को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए बाईपास सर्जरी का विकल्प चुनते हैं.
- हार्ट वाल्व सर्जरी – वाल्व रिपेयर या रिप्लेसमेंट सर्जरी में सर्जन वाल्व को रिपेयर या रिप्लेस कर देते हैं, ताकि दिल ठीक तरह से खून को पूरे शरीर में पंप कर सके.
- पेसमेकर – पेसमेकर एक ऐसा यंत्र है, जिसे त्वचा के नीचे लगाया जाता है. यह दिल की धड़कनों को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है.
- हार्ट ट्रांस्प्लांट – जब दिल का दौरा पड़ने की वजह से हृदय के अधिकांश हिस्से को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचता है या ज्यादातर उत्तक मर जाते हैं तो डॉक्टर हार्ट ट्रांस्प्लांट (हृदय प्रत्यारोपण) की सिफारिश करते हैं. (Heart Attack Pre Symptoms)
हार्ट अटैक के इलाज के लिए डॉक्टर आपको नीचे बताई गई दवाओं के सेवन के लिए भी कह सकते हैं –
- एस्पिरिन
- रक्त के थक्कों को तोड़ने के लिए दवाएं
- एंटी प्लेटलेट और एंटीकोगुलैंट दवाएं, इन्हें ब्लड थिनर यानी खून को पतला करने वाली दवा के रूप में भी जाना जाता है
- दर्दनिवारक दवाएं
- नाइट्रोग्लिसरीन
- ब्लड प्रेशर की दवा
- बीटा-ब्लॉकर्स
हार्ट अटैक आने के बाद जल्द से जल्द इलाज मिलना बहुत जरूरी होता है. हार्ट अटैक आने के बाद जितनी जल्दी आपको इलाज मिलेगा, जितनी जल्दी रक्त प्रवाह को सुचारू किया जाए, उतना ही आपके दिल को नुकसान कम पहुंचेगा और आपके जीवित बचे रहने की संभावना भी बढ़ेगी. (Heart Attack Pre Symptoms)
हार्ट अटैक के बाद रिकवरी के लिए क्या करूं?
अगर आपको हार्ट अटैक आया है तो, जाहिर है कि आपके दिल को नुकसान पहुंचा है. इससे दिल की धड़कन और शरीर के विभिन्न अंगों तक खून को पंप करने की इसकी क्षमता पर असर पड़ा होगा. एक बार हार्ट अटैक आने के बाद आपको आगे चलकर फिर से हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी से जुड़ी समस्याएं और पेरिफेरल आर्टिरियल डिजीज (PAD) हो सकते हैं. हार्ट अटैक के बाद आपको भविष्य में इस तरह की समस्याएं न हों, उसके लिए आपको निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए –
फिजिकल एक्टिविटी – हार्ट अटैक के बाद आपका फिजिकली एक्टिव होना बहुत जरूरी होता है. अपने डॉक्टर से बात करें कि आप अपने को स्वस्थ रखने और भविष्य में किसी तरह की समस्या से बचने के लिए नियमित तौर पर किस तरह के व्यायाम कर सकते हैं. आपके डॉक्टर आपको कुछ समय के लिए भारी कार्य और यात्रा कम करने के साथ ही यौन गतिविधियां कम करने को भी कह सकते हैं.
लाइफस्टाइल में बदलाव – स्वस्थ भोजन करना, नियमित तौर पर व्यायाम करना, धूम्रपान से दूरी बनाना और तनाव को नियंत्रित करने के साथ ही डॉक्टर द्वारा बताई कई दवाओं का समय पर सेवन करके आप स्वयं को भविष्य की समस्याओं से बचा सकते हैं. अपने डॉक्टर की मदद से आप कार्डियक रिहैब्लिटेशन प्रोग्राम का हिस्सा बनकर अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव कर सकते हैं. (Heart Attack Pre Symptoms)