...जब राज्यपाल अनुसुईया उइके ने खुुमरी पहनकर ली सेल्फी.... चॉक घुमाया.... बजाई तुरही.... राज्यपाल ने मेले का लिया भरपूर आनंद.... स्टॉलों का किया अवलोकन.... देखें PHOTOS......

Governor Anusuiya Uikey enjoyed a lot of Saras Fair Took a selfie wearing a khumri swung the chalk played the trumpet

...जब राज्यपाल अनुसुईया उइके ने खुुमरी पहनकर ली सेल्फी.... चॉक घुमाया.... बजाई तुरही.... राज्यपाल ने मेले का लिया भरपूर आनंद.... स्टॉलों का किया अवलोकन.... देखें PHOTOS......

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रायपुर 24 फरवरी 2022। राजिम माघी पुन्नी मेला में संत समागम शुभारंभ की मुख्य अतिथि राज्यपाल अनुसुईया उइके ने सरस मेले का भरपूर आनंद लिया और विभिन्न स्टालों में जाकर स्वसहायता समूह की महिलाओं एवं स्थानीय कलाकारों से सहजता एवं आत्मीयता के साथ बात की। उन्होंने स्टॉल में लगे विभिन्न उत्पादों के संबंध में विस्तार से जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य की पराम्परागत खुमरी पहनकर फोटो भी खिंचवाई। माटीकला के स्टॉल में चॉक घुमाकर कलश बनाने में हाथ अजमाया। साथ ही बस्तर के सुप्रसिद्ध वाद्य यंत्र तुरही का वादन कर आनंद लिया। 

राज्यपाल अनुसुईया उईके ने ग्राम नारी के कुम्हार युगल किशोर चक्रधारी द्वारा बनाये जा रहे मिट्टी के कलश देखकर बहुत ही उत्सुकता पूर्वक अपने हाथों से चॉक घुमाकर देखा। उन्होंने चक्रधारी से चर्चा कर विक्रय के संबंध में जानकारी ली। चक्रधारी ने बताया कि कोरोना काल में लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर हो गई थी। ऐसे में लोगों को हाथों से बनी सामग्री को अधिक से अधिक खरीदना चाहिए जिससे कुम्हारों को भी रोजगार मिल सकेगा। इससे स्वदेशी वस्तुओं का भी प्रचार होगा और हमारे शिल्पियों को भी रोजगार मिलेगा। 

राज्यपाल ने रेशम के स्टॉल में कोसा से बने वस्त्रों की खूब सराहना की। ग्राम पारागांव की कारीगर सोनकुंवर देवांगन द्वारा बुनी जा रही चादर का अवलोकन किया। कारीगरों से चर्चा करते हुए साड़ी बनाने में आने वाली लागत और बाजार उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। हथकरघा स्टॉल में राज्यपाल अनुसुईया उईके को शॉल भेंट किया गया। सरस मेला मेें संगवारी सेल्फी जोन में राज्यपाल ने खुमरी पहनकर सेल्फी ली।


राज्यपाल अनुसुईया उइके राजिम माघी पुन्नी मेला में हुई शामिल, संत समागम समारोह का किया शुभारंभ

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने आज गरियाबंद जिले के राजिम में त्रिवेणी संगम तट पर लगने वाले प्रसिद्ध माघी-पुन्नी मेला के संत समागम समारोह का साधु-संतों की उपस्थिति में शुभारंभ किया। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने भगवान राजीवलोचन की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पवित्र नगरी राजिम में आकर अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है। राजिम पुन्नी मेले में आए साधु-संतों, श्रद्धालुजनों का मैं हार्दिक अभिनंदन करती हूं। यहॉं न सिर्फ सोंढूर, पैरी एवं महानदी का संगम है बल्कि धर्म अध्यात्म एवं आस्था का भी संगम है। साधु संतो का समागम छत्तीसगढ़ के साथ  ही देशभर का आयोजन बन गया है। किसी भी मेले का  सामुदायिक और सामाजिक महत्व होता है। 

उन्होंने आगे कहा कि भारत हमेशा से ही साधु-संतों की भूमि रही है। संतों का जीवन सदैव परोपकार के लिए समर्पित रहता है। संतों के दिखाए मार्ग पर चलने से ज्ञान की प्राप्ति के साथ-साथ जीवन में सकारात्मक बदलाव भी आते हैं। उन्होंने राजिम के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यहां के मंदिरों में भारतीय स्थापत्य एवं मूर्ति कला के गौरवशाली इतिहास के दर्शन होते हैं। 

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि राजिम माघी पुन्नी मेले का विशेष सांस्कृतिक महत्व है, जहां लोक संस्कृति व आस्था का अनूठा संगम देखने को मिलता है। ऐसे आयोजनों से निश्चित ही जनमानस को उनकी पुरातन धार्मिक-सांस्कृतिक परंपराओं की जानकारी मिलती है। हमें स्थानीय कला, संस्कृति और धार्मिक आयोजनों के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता है, जिससे छत्तीसगढ़ पर्यटन मानचित्र में उभर कर सामने आ सके। 

राज्यपाल ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना वायरस बचने के लिए अभी भी सावधानी बरतें और मास्क का उपयोग करें। जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाया है, वे वैक्सीन जरूर लगाएं। संबोधन के अंत में राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि ऐसे पवित्र नदियों को स्वच्छ और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाए रखने में अपनी सहभागिता निभानी होगी।