IPS सस्पेंड: DIG को सरकार ने किया सस्पेंड.... इस विषय में लिखी थी बहुत सी बातें.... 97 अफसर के WhatsApp ग्रुप में बहसबाजी महंगी पड़ी......




डेस्क। उत्तर प्रदेश शासन के निर्णय के खिलाफ आवाज उठाना डीआईजी होमगार्ड, झांसी (बुंदेलखंड) संजीव कुमार शुक्ला को भारी पड़ गया। उत्तर प्रदेश शासन के गृह विभाग ने डीआईजी होमगार्ड को निलंबित कर दिया है। आरोप है कि डीआईजी संजीव कुमार शुक्ला ने तबादले को लेकर होमगाेर्ड अधिकारियों के व्हाट्सऐप ग्रुप पर कुछ संदेश चलाए थे। माना गया है कि संजीव कुमार शुक्ला ने अनावश्यक रूप से अधिकारियों को भड़काने का प्रयास किया था।
पिछले दिनों संजीव ने विभाग में लंबे समय से एक ही पद पर जमे कमांडेंट व एसएसओ पर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि इस सत्र में न तो डीजी स्तर से तबादले किए गए और न ही शासन स्तर से। ऐसे में कई जिलों में चार साल से अधिक समय से एक ही कमांडेंट तैनात हैं। उन्होंने ऐसे अधिकारियों की तबादलों की मांग की थी। अपर मुख्य सचिव, होमगार्ड अनिल कुमार ने बताया कि आचरण नियमावली के तहत डीआइजी संजीव कुमार शुक्ला के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की गई है।
दरअसल जून माह में बड़े पैमाने पर होमगार्ड जिला कमांडेंट के तबादलों को लेकर सवाल उठाए थे। शासन का स्पष्ट कहना था कि कमांडेंट के सभी तबादले नियमों के अनुरूप किए गए थे। अब इस पूरे प्रकरण में प्रथम ²ष्टा डीआइजी आचरण नियमावली के तहत दोषी पाए गए हैं। उत्तर प्रदेश में होमगार्ड विभाग में तबादलों पर सवाल खड़ा करने वाले डीआईजी संजीव कुमार शुक्ला ने विभाग में लंबे समय से एक ही पद पर जमे कमांडेंट व एसएसओ पर सवाल उठाए थे। इस बात पर काफी बवाल हुआ था।
इसी से संबंधित मामले में उन्हें निलंबित कर दिया गया है। सवाल खड़े करते हुए डीआईजी होमगार्ड ने कहा था कि ये ट्रांसफर गलत है। उन्होंने लिखा था, ये ट्रांसफर नीति गलत है और गलत तरीके से अफसरों का ट्रांसफर हुआ है। इस ग्रुप में 97 अफसर जुड़े हुए हैं और इनमें से 86 सीनियर अफसरों ने डीआईजी का समर्थन किया था, जबकि 11 लोगों ने तबादलों को सही ठहराया था। इसी बात को लेकर ग्रुप में खूब बहस हुई थी।