Good News: किसान आंदोलन के बीच सरकार का बड़ा फैसला, देश में जल्द सस्ता हो सकता है पोटाश...
Good News: Government's big decision amid farmers' movement, potash may soon become cheaper in the country... Good News: किसान आंदोलन के बीच सरकार का बड़ा फैसला, देश में जल्द सस्ता हो सकता है पोटाश...




Good News for Farmers :
नया भारत डेस्क : देश में इस समय एक तरफ किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली आने पर अड़े हैं. वहीं दूसरी तरफ सरकार ने उन्हें पंजाब-हरियाणा सीमा पर रोक रखा है और लगातार उनसे बातचीत करने की कोशिश कर रही है. इस बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है, जो किसानों को आने वाले दिन में बहुत राहत पहुंचा सकता है. सरकार के इस फैसले से देश में पोटाश की कीमतें सस्ती होने की उम्मीद है. (Good News for Farmers)
दरअसल केंद्र सरकार ने चीनी मिलों द्वारा खाद कंपनियों को बेचे जाने वाले ‘पोटाश डेराइव्ड फ्रॉम मोलेसेस’ (पीडीएम) की कीमत चालू वर्ष के लिए 4,263 रुपए प्रति टन फिक्स कर दी है. इस कीमत पर शुगर मिल और खाद कंपनियां, दोनों के बीच सहमति बन गई है. (Good News for Farmers)
सरकार देगी खाद कंपनियों को सब्सिडी
इतना ही नहीं सरकार ने पीडीएम बनाने वाली कंपनियों और इकाइयों को भी राहत दी है. ये मैन्यूफैक्चर्स फर्टिलाइजर्स डिपार्टमेंट की ‘न्यूट्रिएंट्स बेस्ड सब्सिडी स्कीम’ (एनबीएस) के तहत 345 रुपए प्रति टन की सब्सिडी क्लेम कर सकते हैं. मैन्यूफैक्चर्स को ये सब्सिडी खाद की मौजूदा कीमत पर मिलेगी.
ऐसे में अगर खाद कंपनियां और इकाइयां इस सब्सिडी का फायदा एंड यूजर यानी किसान तक पहुंचाती हैं, तो किसानों को आने वाले दिनों में सस्ती खाद मिल सकती है. (Good News for Farmers)
चीनी मिलों से कैसे मिलता है पीडीएम?
पीडीएम, असल में मोलेसेस (शीरा) बेस्ड भट्टियों में राख से प्राप्त किया जाता है. ये चीनी आधारित इथेनॉल उद्योग का एक बाई-प्रोडक्ट है. ये भट्टियां इथेनॉल का उत्पादन करने के दौरान स्पेंट वाश नामक बेकार अपशिष्ट केमिकल का प्रोडक्शन करती हैं. इसकी राख को पाने के लिए इन्हें जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) क लिए बॉयलर (आईबी) में जलाया जाता है. (Good News for Farmers)
पोटाश युक्त इस राख से 14.5 प्रतिशत पोटाश युक्त पीडीएम का उत्पादन किया जा सकता है. इसे किसान अपने खेतों में एमओपी (60% पोटाश सामग्री के साथ म्यूरेट ऑफ पोटाश) के विकल्प के रूप में उपयोग कर सकते हैं. (Good News for Farmers)