आम आदमी के लिए आई अच्छी खबर: पेट्रोल-डीजल की कीमतें फिर होंगी कम!.... कच्चे तेल को लेकर भारत-अमेरिका समेत इन देशों ने लिया बड़ा फैसला.... सरकार के इस फैसले से हो सकती है भारी कटौती!.....




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डेस्क। आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमत में और गिरावट आ सकती है। भारत कच्चे तेल की कीमतों में कमी लाने के लिए जारी अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का हिस्सा बनते हुए अपने रणनीतिक तेल भंडार से 50 लाख बैरल कच्चा तेल जारी करेगा। केंद्र सरकार ने मंगलवार को एक बयान में रणनीतिक तेल भंडार से 50 लाख बैरल तेल की निकासी करने के फैसले की जानकारी दी। यह पहला मौका है जब भारत अपने रणनीतिक भंडार से कच्चे तेल की निकासी करेगा। इससे कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी। सरकार की तरफ से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, भारत अपने रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार से 50 लाख बैरल कच्चा तेल जारी करने पर सहमत हुआ है।
यह कदम अमेरिका, चीन, जापान एवं दक्षिण कोरिया जैसे प्रमुख तेल उपभोक्ता देशों के साथ तालमेल बनाकर उठाया गया है। इस बयान के मुताबिक, 'भारत का दृढ़ मत है कि तरल हाइड्रोकार्बन की कीमत तर्कसंगत होनी चाहिए। भारत ने बार-बार इस बात पर चिंता जताई है कि तेल उत्पादक देश तेल की आपूर्ति को कृत्रिम ढंग से मांग से कम रखते हैं। इससे तेल की कीमतें बढ़ती हैं और नकारात्मक नतीजे सामने आते हैं।' हालांकि, बयान में यह नहीं बताया गया है कि रणनीतिक भंडार से कच्चे तेल की निकासी कब होगी, लेकिन घटनाक्रम से परिचित एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगले हफ्ते-दस दिन में यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
भारत के रणनीतिक भंडार से निकाले जाने वाले कच्चे तेल को मंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) को बेचा जाएगा। ये दोनों सरकारी तेल शोधन इकाइयां रणनीतिक तेल भंडार से पाइपलाइन के जरिये जुड़ी हुई हैं। भारत ने अपने पश्चिमी एवं पूर्वी दोनों तटों पर रणनीतिक तेल भंडार बनाए हुए हैं। आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम और कर्नाटक के मंगलूरु एवं पदुर में ये भूमिगत तेल भंडार बनाए गए हैं। इनकी सामूहिक भंडारण क्षमता करीब 3.8 करोड़ बैरल की है। भारत ने यह कदम तेल उत्पादक देशों की तरफ से कीमतों में कमी लाने के लिए उत्पादन बढ़ाने से इनकार करने के बाद उठाया है।
इसके लिए अमेरिका ने भारत के अलावा चीन एवं जापान से भी मिलकर प्रयास करने का अनुरोध किया था। दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ तालमेल बनाकर यह कच्चा तेल बाजार में लाया जाएगा। भारत ने कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में जारी तेजी के बीच अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ मिलकर अपने आपातकालीन तेल भंडार से निकासी का कदम उठाया है। इससे कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने का आधार तैयार होगा। केंद्र सरकार की तरफ से उत्पाद शुल्क और राज्यों की तरफ से VAT में कमी किये जाने के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम कम हुए हैं। हालांकि हालांकि अभी भी इसकी कीमत 100 रुपये प्रति लीटर के आसपास बनी हुई है।