बड़ा एक्शन: निलंबित DIG, मंत्री के पीएस और अधिकारियों-कर्मचारियों समेत 21 के खिलाफ लगा गैंगस्टर एक्ट.... करोड़ों रुपये की ठगी का मामला.... मचा हड़कंप.....
Gangster Act against 21 suspended DIG minister PS officers-employees




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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चर्चित पशुपालन विभाग में टेंडर दिलवाने के नाम पर करोड़ों की ठगी के मामले में अब हजरतगंज पुलिस ने निलंबित डीआईजी अरविंद सेन सहित 21 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर ऐक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की है. पशुधन विभाग के करोड़ों के ठगी मामले में गैगस्टर एक्ट लगा दिया गया है.
इनमें डीआईजी, पशुधन विभाग के मंत्री समेत 21 नाम शामिल हैं. 214 करोड़ के टेंडर में तीन फीसदी कमीशन के हिसाब से 9.72 करोड़ का डिमांड किया गया था. मध्य प्रदेश के एक व्यापारी मंजीत भाटिया ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में करोड़ों की ठगी का एक केस दर्ज कराया था. यह केस दर्ज होने के बाद सियासी महकमे से लेकर अफसरशाही तक में हड़कंप मच गया.
मामला पशुधन विभाग से जुड़ा हुआ था. भाटिया ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि पशुधन विभाग में 214 करोड़ रुपये के टेंडर के लिए उनसे 9 करोड़ 72 लाख के कमीशन की मांग की गई थी. भाटिया ने बताया कि उनसे कमीशन के तौर पर तीन फीसदी टेंडर के एवज में मांगी गई थी.
इसमें से एक करोड़ रुपये का उन्होंने भुगतान भी किया था. इसके बाद अगस्त 2018 को उन्हें विधानसभा सचिवालय में बुलाया गया. यहां सरकारी कार्यालय में आजमगढ़ के रहने वाले आशीष राय ने भाटिया से एके मित्तल बनकर मुलाकात की थी. राय ने भाटिया को इस दौरान फर्जी वर्क ऑर्डर की कॉपी भी दे दी.
इसके बाद भी उनसे करोड़ों रुपये वसूले गए. मामले में तत्कालीन पशुधन राज्यमंत्री जय प्रकाश निषाद के प्रधान निजी सचिव रजनीश दीक्षित और निजी सचिव धीरज देव समेत कई लोग शामिल थे. आरोप है कि सभी ने मिलकर भाटिया से पैसे वसूले और उन्हें फर्जी टेंडर लेटर थमा दिया.
इस बात की जानकारी होते ही भाटिया ने उनसे अपने पैसे वापस मांगे. इस पर आरोपियों ने उन्हें धमकाते हुए पैसे वापस करने से मना कर दिया. परेशान होकर भाटिया ने मामले की शिकायत पुलिस में कर दी. तब जाकर मामला खुला. पुलिस ने मामले की जांच की और आरोप सही पाए. हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज किया गया.
मामले में आशीष राय, मोंटी गुजर रूपक राय, संतोष मिश्रा, एके राजीव, अमित मिश्रा, उमाशंकर तिवारी, रजनीश दीक्षित, डीबी सिंह, अरुण राय, अनिल राय, धीरज कुमार और उमेश मिश्र के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी.
इस मामले की विवेचना एसीपी गोमतीनगर को दी गई थी. इस मामले की विवेचना में निलंबित डीआईजी अरविंद सेन और अन्य लोगों का नाम भी प्रकाश में आया था. 21 माह में की गई जांच में 21 लोग आरोपित पाए गए थे. यूपी में शपथ ग्रहण से पहले ही पुलिस एक्शन में आ गई है.
यूपी पुलिस ने पशुपालन घोटाले में निलंबित डीआईजी अरविंद सेन समेत 21 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की है. बताया जा रहा है कि लखनऊ की हजरतगंज पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया है. पुलिस ने डीआईजी पीएसी रहे अरविंद सेन और घोटाले के मास्टरमाइंड अरुण राय समेत सभी गिरफ्तार 21 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया है.
इंस्पेक्टर हजरतगंज ने सभी के खिलाफ 17 मार्च को गैंगस्टर की एफआईआर दर्ज करवाई है. करोड़ों की ठगी के मामले में निलंबित डीआईजी अरविंद सेन, रूपक राय, उमाशंकर तिवारी, अनिल राय, त्रिपुरेश पांडेय, सचिन वर्मा, रजनीश दीक्षित, धीरज कुमार देव, अखिलेश कुमार उर्फ एके राजीव, रघुवीर प्रसाद, संतोष मिश्र, दिलबार यादव, अमित मिश्र, उमेश मिश्र, अरुण राय, प्रवीण राघव, महेंद्र तिवारी, लोकेश मिश्र और गैंग लीडर आशीष राय के खिलाफ गैंगस्टर ऐक्ट के तहत कार्रवाई की गई है.