CG बिग न्यूज़ :-शादी शुदा प्रेमी जोड़े की मिली लाश….अवैध संबंधों की अधूरी प्रेम कहानी ,2 बीवियां, 5 बच्चे, फिर भी 4 बच्चों की मां से हुआ था इश्क, नदी किनारे एक साथ मिले दोनों के शव…जाँच मे जुटी पुलिस……




गरियाबंद 22 जून 2021। शादी-शुदा प्रेमी-प्रेमिका की लाश मिली है। लाश देखकर प्रतीत होता है कि दोनों ने जहर खाकर जान दी है। दोनों एक ही गाव के रहने वाले थे। मामला गरियाबंद के जुगाड़ा थाना क्षेत्र के साहेबिन कछार की है। मृतक का नाम परमेश्वर मरकाम है, जबकि मृतिका का नाम ललिता यादव बताया जा रहा है।
पुलिस को आशंका है कि दोनों के बीच प्रेम संबंध रहा होगा, जिसकी वजह से दोनों ने साथ में जान दे दी। पुलिस ने दोनों के शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। दोनों के शव के पास एक पैकेट में जहरीला पदार्थ मिला है। पोस्टमार्टम में भी जहर के सेवन से आत्महत्या की बात सामने आयी है।
महिला के 4 बच्चे, युवक के 5 बच्चे हैं
पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि दोनों शादीशुदा थे। ललिता विधवा थी और उसके 4 बच्चे हैं। परमेश्वर के 5 बच्चे हैं। ग्रामीणों से पूछताछ में पता चला कि ललिता और परमेश्वर में गहरी दोस्ती थी। दोनों का एक-दूसरे के पास काफी आना-जाना था। रविवार को दोनों साथ में निकले थे। इसके बाद से उनका कुछ पता नहीं था। इस बीच अगले दिन सोमवार को दोनों के शव मिले। ऐसे में पुलिस को प्रेम प्रसंग में जान देने की आशंका है।
ललिता का पति और परमेश्वर साथ काम करते और दोस्त थे
ललिता के पति देवी सिंह यादव की 5 साल पहले मौत हो चुकी है। ललिता की 3 शादी लायक बेटियां हैं। जबकि सबसे छोटा बेटा 10 साल का है। जबकि परमेश्वर मरकाम की पहले ही दो पत्नियां हैं। पहली पत्नी से 3 बेटियां और एक बेटा। जबकि दूसरी पत्नी से ढाई साल का बेटा है। सबसे बड़ी बेटी 14 साल की है। ललिता का पति देवी सिंह और परमेश्वर दोनों मितान थे और दोस्ती थी। ऐसे में देवी सिंह की मौत के बाद ललिता का परमेश्वर सहारा बन गया।
पत्नियां और बेटियां मारती थी तानें, तो मौत को लगाया गले
परमेश्वर ने दोनों पत्नियों के लिए दो अलग-अलग मकान बनाए हैं। वह 50 एकड़ खेत और दो ट्रैक्टर का मालिक भी था। वहीं ललिता मजदूरी और खाना बनाने का काम कर किसी तरह से परिवार की जरूरतों को पूरा करती। उसकी जरूरतों को परमेश्वर पूरी करता था। ऐसे में उनका प्यार परवान चढ़ा, पर परिवार को यह मंजूर नहीं था। ललिता को उसकी बेटियां और परमेश्वर को उसकी पत्नियां ताने मारती थीं। अलग-अलग समाज का होने के चलते भी उन्हें यह प्रेम संबंध स्वीकार नहीं था।