CG- प्रेम कहानी का अंत: Instagram से शुरू हुई प्रेम कहानी, भाग कर शादी और फिर तलाक तक पहुंचा मामला, आयोग ने उपलब्ध कराया वकील.....
End of love story, Love started in Instagram, marriage and then the case reached divorce रायगढ़। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.किरणमयी नायक एवं सदस्य अर्चना उपाध्याय ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोग के समक्ष महिला उत्पीडऩ से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की। आयोग के समक्ष एक प्रेम प्रसंग का मामला आया। जिसमें सोशल नेटवर्क इंस्टाग्राम में शुरु हुआ प्रेम, भाग कर शादी और फिर तलाक तक पहुंच गया। इंस्ट्राग्राम में बातचीत के साथ दोनों आवेदक एवं अनावेदक के बीच प्रेम हुआ। इसके पश्चात दोनों ने घर से भाग कर मुस्लिम रीति-रिवाज से निकाह भी किया। अनावेदक पति अपनी पत्नी के साथ रहना चाहता है परन्तु आवेदिका नहीं रहना चाहती है।




End of love story, Love started in Instagram, marriage and then the case reached divorce
रायगढ़। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.किरणमयी नायक एवं सदस्य अर्चना उपाध्याय ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोग के समक्ष महिला उत्पीडऩ से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की। आयोग के समक्ष एक प्रेम प्रसंग का मामला आया। जिसमें सोशल नेटवर्क इंस्टाग्राम में शुरु हुआ प्रेम, भाग कर शादी और फिर तलाक तक पहुंच गया। इंस्ट्राग्राम में बातचीत के साथ दोनों आवेदक एवं अनावेदक के बीच प्रेम हुआ। इसके पश्चात दोनों ने घर से भाग कर मुस्लिम रीति-रिवाज से निकाह भी किया। अनावेदक पति अपनी पत्नी के साथ रहना चाहता है परन्तु आवेदिका नहीं रहना चाहती है।
आवेदिका ने तलाक लेने का आवेदन आयोग के समक्ष प्रस्तुत की। आयोग ने आवेदिका से मुस्लिम रीति-रिवाज के माध्यम से तलाक लेने के लिए आवेदन लिखवाया। इसके पश्चात अनावेदक विधिवत तरीके से तलाक प्रक्रिया का पालन करेगा। अनावेदक एवं आवेदिका की विधिवत तलाक दिलाने आयोग में उपस्थित अधिवक्ता को आयोग की ओर से अधिकृत किया गया। जिसमें अधिवक्ता विधिवत तरीके से तलाक कराने में दोनों पक्षों की मदद करेगा।
इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में जिला महिला संरक्षण अधिकारी चैताली रॉय दोनों पक्षों की मदद करेंगी और रिपोर्ट आयोग को प्रेषित करेंगी। इस दौरान डॉ.नायक ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सोशल मिडिया के माध्यम से जीवन साथी तलाशने में सतर्कता बरतें। शादी जीवन का अहम फैसला है कोई भी कदम सोच समझ कर उठाये। आयोग की अध्यक्ष डॉ.नायक ने अपने कार्यकाल की आज 146वीं जनसुनवाई की। रायगढ़ की आज चौथीं सुनवाई में कुल 30 प्रकरण रखे गये थे।
जिसमें 11 प्रकरणों का निराकरण करते हुए नस्तीबद्ध किया गया। कुछ प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए सुनवाई रायपुर में नियत की गयी। वहीं शेष प्रकरणों पर आगामी सुनवाई की जाएगी। डॉ.नायक ने कहा कि महिला आयोग के समक्ष प्रस्तुत प्रकरणों का जल्द से जल्द निराकरण हो तथा महिलाओं को त्वरित न्याय मिले इस दिशा में आयोग निरंतर कार्यरत है। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में जाकर जनसुनवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोशिश होनी चाहिए की आपसी सलाह-मशविरे से मामलों में सुलह हो जाये। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा कार्यवाही नि:शुल्क करते है, उन्होंने आग्रह किया कि आवेदिका अपने नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित जिनके विरुद्ध शिकायत है उनका भी नाम, पता, मोबाइल नंबर स्पष्ट लिखे, जिससे कार्यवाही करने में आसानी होगी।
आज ऐसा प्रकरण आयोग के संज्ञान में आया जिसमें आवेदिका के फर्जी हस्ताक्षर से थाना प्रभारी के विरुद्ध शिकायत किया गया था, नोटिस मिलने पर आवेदिका जनसुनवाई में पहुंची। आवेदिका ने बताया कि उनके द्वारा किसी प्रकार की शिकायत नहीं की गई है। जिसके पश्चात आवेदन का हस्ताक्षर मिलान किया गया, जिसमें शिकायत फर्जी मिला। जिस पर प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। एक अन्य प्रकरण में आवेदिकागणों द्वारा अनावेदक के द्वारा उन पर खराब व्यवहार करने का आवेदन प्रस्तुत किया, अनावेदक द्वारा आवेदक महिलाओं से माफी मांगा गया। जिस पर आयोग द्वारा अनावेदक को समझाइश दिया एवं महिलाओं के प्रति व्यवहार सुधारने को कहा गया। राजीनामा प्रकरण पर सुलह होने पर नस्तीबद्ध किया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक क्रमांक एक के विरूद्ध बरमकेला में उनके पास एफआईआर दर्ज कराने गये थे। जिस पर अनावेदक क्रमांक-एक आज तक कोई कार्यवाही नही किया। शेष अनावेदकगणों ने जानकारी दिया कि उनके विरूद्ध थाना बरमकेला में एफआईआर दर्ज हुई थी। जिसमें सारंगढ़ न्यायालय से अनावेदकगण जमानत पर रिहा हुए है। आवेदिकागण की रिपोर्ट पर आवेदिका के पति व बेटे पर प्रकरण दर्ज है, वह भी जमानत पर रिहा है दोनों पक्षों का मामला न्यायालय में लंबित है। आयोग द्वारा सुनवाई किया जाना संभव नहीं है, जिस पर प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका और अनावेदक का बिहार में धारा 498 ए एवं घरेलु हिंसा का मामला दर्ज है। आवेदिका अपने अनावेदक बहु के खिलाफ इसलिए मामला प्रस्तुत किया था, ताकि आवेदिका अपने बेटे को बचा सके जबकि आवेदिका के बेटा द्वारा अपनी पत्नी का ख्याल नही रखा जा रहा है। प्रकरण न्यायालय में लंबित होने के कारण यह प्रकरण आयोग के क्षेत्राधिकार से बाहर होने पर नस्तीबद्ध किया गया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री अतुल दाण्डेकर, जिला महिला संरक्षण अधिकारी चैताली राय, सखी सेेंटर से विनिता गुप्ता एवं काऊंसलर किरण कश्यप उपस्थित रही।