बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी से डरा ड्रैगन चीन! अब पाकिस्तान को मदद से इनकार।

Dragon China scared of Balochistan

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी से डरा ड्रैगन चीन! अब पाकिस्तान को मदद से इनकार।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी से डरा ड्रैगन चीन! अब पाकिस्तान को मदद से इनकार।

NBL, 29/09/2023, Dragon China scared of Balochistan Liberation Army! Now denying help to Pakistan. पढ़े विस्तार से.... 

आर्थिक संकटों से जूझ रहे पाकिस्तान को एक बार फिर चीन की याद आई. पाकिस्तान ने अब चीन के साथ सऊदी अरब से भी मदद मांगी. उसे अपना आर्थिक हालात सुधारने के लिए 11 अरब डॉलर की जरूरत है लेकिन चीन ने पहले ही अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। 

उसका पहले से ही बलूचिस्तान के ग्वादर में बड़ा निवेश है लेकिन यहां बलूच लिब्रेशन आर्मी के लड़ाके चीन का विरोध करते हैं. पिछले दिनों चीनी नागरिकों पर हमले हुए हैं. चीनी सेना को निशाना बनाया गया है. लिब्रेशन आर्मी ने कई हमलों की जिम्मेदारी ली है और वे चीन को खुली चेतावनी भी देते हैं. माना जा रहा है कि चीन ने इसी वजह से पाकिस्तान को मदद देने से इनकार किया है। 

चीन ने अरबों डॉलर के चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के तहत एनर्जी, वाटर मैनेजमेंट और क्लाइमेट चेंज के क्षेत्रों में सहयोग का और विस्तार करने से इनकार कर दिया है. जिसके चलते दोनों देशों की सदाबहार दोस्ती में अनबन के संकेत लग रहे हैं। 

* पाकिस्तान ने जताया है समर्थन... 

सीपीईसी की 11वीं संयुक्त सहयोग समिति (जेसीसी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान ने अब बलूचिस्तान के ग्वादर में एक नया कोयला आधारित बिजली संयंत्र बनाने को लेकर अपना प्रस्ताव रखा है. पाकिस्तान पहले इस प्लांट को थार में बनाने के लिए अड़ा हुआ था, लेकिन अब इसके लिए राजी हो गया है. इसके अलावा चीन की कई समस्याओं को दूर करने के लिए पाकिस्तान ने उसकी कई मांगों पर सहमति भी जताई है। 

* विचार अलग होने की वजह से हुई देरी.... 

JCC सीपीईसी की रणनीतिक निर्णय लेने वाली संस्था है. इसकी 11वीं बैठक पिछले साल 27 अक्टूबर को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली सरकार के आग्रह पर आयोजित की गई थी. बैठक के एक साल बाद 31 जुलाई को चीन के उप प्रधानमंत्री हे लिफेंग की यात्रा के दौरान दोनों देशों के विचारों पर सहमति हुई और हस्ताक्षर हुए. रिपोर्ट में बताया गया कि दोनों देशों के विचार अलग होने की वजह से एक साल की देरी हुई। 

* दरार के मिल रहे है संकेत... 

रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने सीपीईसी के तहत कई क्षेत्रों में सहयोग करने पर सहमत नहीं हुआ है, जिसकी वजह से दोनों देशों के रिश्तों में दरार के संकेत मिल रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान से चीन को जो ड्राफ्ट जारी किया था वो जिस समझौते पर हस्ताक्षर हुआ उसे बहुत अलग था।