सर तन से जुदा वाले नारे लगाने से क्या देश के कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों के भीतर क्या गंगा जमुनी तहज़ीब का सामंजस्य दिखता है? सवाल हमारा जवाब आपका.
Does chanting slogans of 'Sir Tan Se Juda' show the




NBL,11/010/2022, Lokeshwer Prasad Verma, Does chanting slogans of 'Sir Tan Se Juda' show the harmony of Ganga Jamuni Tehzeeb among some Muslim community of the country? Your question is our answer.
देश मे आज जो भी आराजकता फैल रही है, वह है, मजहबी तकरार, और इस तकरार को ताकत दे रहा है, राजनीति के कुछ गिने चुने नेताओं के द्वारा जो नेता जिस मजहब के है उसी मजहब के गलतियों पर पर्दा डालने के लिए आगे बढ़ जाती है, और जोश पैदा कर उस गंगा जमुनी तहजीब का धज्जियाँ उड़ा दी जाती है, इसलिए तो एक धर्म से दूसरे धर्म के लोगों का बायकाट होने जा रही है, क्योकि अब सर तन से जुदा का नार्रे लगाना देश के एक धर्म को पसन्द नही, पढ़े आगे विस्तार से...
जितना सहने का ताकत इंसान को दिया है, उतने को ही आप बर्दाश्त कर सकते है, यही सर तन जुदा की खमियाजा जयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड से उनके परिवार भुगत रहे हैं, और फिर कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों के द्वारा ये आपत्ति जनक भाषा का प्रयोग देश के अंदर कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों के द्वारा की जा रही है, तो इस प्रकार के गलत भाषा को देश क्या बर्दाश्त कर पायेगी, कौन सा इंसान है जो सहन कर अपने देश के लोगों का बर्बादी चाहेंगी, और ये आराजक लोग खुलेआम चुनोती दे रहे हैं, देश के अन्य धर्मो के लोगों को तो क्या देश के लोग हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे और ये आराजक लोग तन सर से जुदा करते रहेंगे। ये गलत आवाज ये हिंसा को रोकना देश के सभी धर्मो के लोगों का दायित्व बनता है, तब गंगा जमुनी तहजीब इस देश में कायम रहेगा, नहीं तो ये शब्द इतिहास बन कर रह जायेगी।
गंगा जमुनी तहजीब के उपर प्रहार किया सांसद प्रवेश वर्मा ने जो सुनने में तो बड़ा अच्छा लगता है, लेकिन देश के लोगों को खंड खंड करने वाली स्पीच बड़ा ही विवादित है, जो हिंदू धर्म के लोगों को संदेश दिया जब देश के कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों के द्वारा सर तन से जुदा करने के लिए हिंदू धर्म के लोगों को आहत पहुँचा रही है तो हम हिंदू लोग अब इन मुस्लिम समाज के लोगों को आर्थिक चोट क्यों नहीं पहुचा सकते, और कोई भी हिंदू अब मुस्लिम समाज के लोगों के दुकानों से सौदा नहीं करेगा, ना ही कोई लेन देन करेगा तब इन लोगों का अक्ल आयेगी, देखते हैं फिर कौन सा मुस्लिम लोग सर तन से जुदा करने के लिए प्रोत्साहन करेगा इन भटके हुए नौजवानो को, लेकिन यह विवादित बयान पर देश अमल करेगी या गंगा जमुनी तहजीब को देश के लोग बरकरार रखने के लिए एकता पर बल देगी।
ओवैसी भी बड़ा हिमायती बना हुआ है आजकल मुस्लिम समाज का , अपने मजहब के लोगों के लिए, लेकिन यह हिमायती उनका अलगाववादी हिमायती है, जो केवल वोट बैंक की राजनीति करती है, ये सोचता है, देश के बीस करोड़ मुसलमान मेरे कब्जे में आ जाए और इस मुस्लिम समाज का मै सबसे बड़ा नेता बना रहूँ, और ये देश में नफरत का राजनीति करता रहूँ, इसलिए गलत भाषाएँ बोलने वाले कुछ मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग कुछ भी अनाप शनाप बोलते हैं, उनको रोकने या टोकने के बजाय ये अससुद्दीन ओवैसी उनमें और हवा पानी तेल देने के लिए लग जाते है, और बड़े कठोर शब्दों से इन सर तन से जुदा करने व बोलने वाले लोगों का समर्थन करते हैं, ये ओवैसी और कानून कायदे तो ऐसे झाड़ते है, की कोर्ट कचहरि हिल जाए कुछ कानूनी किताब क्या नहीं पढ़ लिख लिया ओवैसी मानो यही देश के मुस्लिम समाज के लिए अच्छे से भलाई करने वाले नेता दिखते है, लेकिन जहर घोलने वाले नेता है ओवैसी जो गंगा जमुनी तहजीब का धज्जियाँ उड़ा कर करोड़ो लाखों मुसलमान लोगों के घर को उजाला करने के बजाय और अंधेरा ना कर देवे ऐसा स्पीच इनके रहते है, हैदराबादी ओवैसी का। जबकि पीएम मोदी देश में सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के साथ सर्व धर्म में एकता के साथ आगे बढ़ने का मूल मंत्र दिया, और यहाँ ओवैसी लगा है हिंदू मुस्लिम को जोड़ने तोड़ने में।
यही छोटी छोटी बात आज लोगों के जहन में नफरत का बीज बो रहा है, इसलिए इन नफरत भरी भाषणों का सभी धर्मो के लोगों के द्वारा बहिष्कार करें ना की इन गलत शब्दों के बोलने वाले को प्रोत्साहन देवे, आप धर्म बुजुर्गो से यही सादर विनती है, आपके धर्म के बीच ऐसे गलत शब्दों का प्रयोग अगर कोई करता है, तो उस शब्दों पर रोक लगाए, क्योकि इससे देश के लोगों के अंदर नफरत का एक पेड़ खड़ी हो जा रही हैं, अगर आप इन गलत लोगों को गलत बोलने के लिए नहीं रोकते है,तो इसका मतलब आप अपने ही धर्म लोगों की बर्बादी चाहते हैं। क्योकि भारत देश सर्व धर्मो का देश है, केवल एक धर्म का नहीं है, इसलिए उतावले मत करो ना बनो बल्कि आप मानवता वादी बनो, नहीं तो गंगा जमुनी तहजीब एक इतिहास के पन्ने में रोते बिलखते चुपचाप पड़े रह जायेंगे। जबकि गंगा जमुनी तहजीब हमारे भारत देश का सम्मान है एकता है सर्व धर्म के लिए।
क्या देश के अंदर ऐसे गलत माहोल बनाने के लिए या गलत कृत्य करने से क्या समाज का उत्थान होगा या पतन होगा इस पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को विचार जरूर करना चाहिए, ये सर तन से जुदा करने का वक्त अब नहीं रह गया है, जबकि अब सब मिलकर अपना व अपने देश का विकास विस्तार करने का समय है। नहीं तो सांसद प्रवेश वर्मा का स्पीच सही ना हो जाएं। एक धर्म दूसरे धर्म के लोगों को आर्थिक चोट न पहुँचाने लग जाएं, फिर क्या होगा अल्लाह ही जाने।